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सोनीपत -मनमर्जी से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों को अब परेशानी होगी। स्कूल संचालक अगर अपनी फीस में बढ़ोतरी करते हैं तो उन्हें इसकी सर्वप्रथम जानकारी डीईओ कार्यालय में देनी होगी। इसमें उन्हें बाकायदा यह भी बताना होगा कि आखिर क्यों उन्हें फीस बढ़ानी पड़ रही है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नए सत्र में निजी स्कूल संचालकों ने फीस बढ़ाने की जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं। बता दें कि उन्हें शिक्षा विभाग को यह जानकारी जनवरी माह में ही दे देनी थी, लेकिन अभी तक अधिकांश स्कूलों की ओर से इस बाबत कोई जवाब नहीं दिया है। यही नहीं स्कूल संचालकों ने फीस से संबंधित जानकारी स्कूल के सूचना पट्ट पर डिस्प्ले भी नहीं की है। शिक्षा विभाग ने जिले के निजी स्कूल संचालकों को इस संदर्भ में बार-बार अवगत कराया। लेकिन स्कूल सुन नहीं रहे।
फीस का पूरा रिकार्ड देना है जरूरी : निजी स्कूल संचालक हर वर्ष फीस में बढ़ोतरी कर देते हैं। इससे अभिभावक बिना कारण फीस बढ़ाने की विभाग को शिकायत करते हैं। अगर कोई स्कूल संचालक फीस बढ़ोतरी करता है तो इसका कारण बताना होता है। निजी स्कूल संचालक शिक्षा विभाग को फार्म-6 भर कर देना जरूरी होता है। स्कूल में क्या फीस ली जा रही है। पिछले वर्ष कितनी फीस ली जा रही थी। अब कितनी फीस बढ़ाई गई है। स्कूल में प्राथमिक स्तर, मिडल स्तर, हाई स्तर व सीनियर सेकंडरी पर क्या फीस ली जा रही है।
॥ फीस संबंधित जानकारी देना सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य है। विभाग की ओर से जानकारी नहीं देने वाले स्कूलों के खिलाफ नोटिस भेजे जाएंगे।'' परमेश्वरी हुड्डा, डीईओ, सोनीपत
बोर्ड पर डिस्प्ले करना होगा फीस का पूरा विवरण
स्कूल में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को फीस की रसीद देना जरूरी है। अगर कोई संचालक रसीद नहीं देने पर खंड स्तर पर शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी व खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी को लिखित में शिकायत कर सकते हैं। वहीं निजी स्कूल संचालक एडमिशन फीस हर वर्ष नहीं ले सकते हैं। जबकि एडमिशन फीस पहली, छठी, नौवीं व ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों से ही ली जा सकती है।
रसीद देना भी अनिवार्य
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