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रोडवेज कर्मियों को न शिक्षा, न शूज भत्ता 24
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : रोडवेज के डिपो प्रबंधकों की मनमानी कर्मचारियों पर भारी पड़ रही है। बजट का प्रावधान होने के बावजूद रोडवेज कर्मियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। दो वर्ष से उनका शिक्षा भत्ता अटका पड़ा है। शूज भत्ते की अदायगी भी ठंडे बस्ते में है। सैकड़ों कर्मचारी डिपो प्रबंधकों के समक्ष आवाज बुलंद कर चुके हैं, बावजूद निराशा ही हाथ लगी है। रोडवेज प्रबंधन के ढुलमुल रवैये को देखते हुए कर्मचारियों ने शिक्षा व शूज भत्ते की रुकी हुई राशि का जल्द भुगतान न होने पर आंदोलन का रुख अख्तियार करने का अल्टीमेटम दिया है। 1रोडवेज कर्मियों को हर महीने दो बच्चों की पढ़ाई के लिए एक हजार रुपये शिक्षा भत्ता मिलता है। इसी तरह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, मैकेनिक स्टाफ, चालक व परिचालकों के बच्चों को सालाना एक हजार रुपये शूज भत्ते का भी प्रावधान है, लेकिन रोडवेज के डिपो प्रबंधकों की हीलाहवाली बच्चों पर भी भारी पड़ रही है। चंडीगढ़ के रोडवेज डिपो की ही बात लें तो लगभग आठ सौ कर्मचारियों को दो वर्ष का शिक्षा भत्ता नहीं मिला है। एक वर्ष से शूज भत्ते की राशि भी नहीं दी गई है। 1हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के सदस्य हरिनारायण शर्मा व बलवान सिंह का कहना है कि रोडवेज कर्मियों के साथ ज्यादती हो रही है। बच्चों के लिए मिलने वाले भत्ते भी बेवजह रोके जा रहे हैं। आवाज उठाने वाले कर्मचारियों को रोडवेज प्रबंधन चार्जशीट तक कर रहा है।1 उन्होंने कहा कि अगर जल्द भत्तों की अदायगी न हुई व बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई पर अंकुश न लगा तो डिपो प्रबंधकों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उधर, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरआर जोवल का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। शिकायत आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : रोडवेज के डिपो प्रबंधकों की मनमानी कर्मचारियों पर भारी पड़ रही है। बजट का प्रावधान होने के बावजूद रोडवेज कर्मियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। दो वर्ष से उनका शिक्षा भत्ता अटका पड़ा है। शूज भत्ते की अदायगी भी ठंडे बस्ते में है। सैकड़ों कर्मचारी डिपो प्रबंधकों के समक्ष आवाज बुलंद कर चुके हैं, बावजूद निराशा ही हाथ लगी है। रोडवेज प्रबंधन के ढुलमुल रवैये को देखते हुए कर्मचारियों ने शिक्षा व शूज भत्ते की रुकी हुई राशि का जल्द भुगतान न होने पर आंदोलन का रुख अख्तियार करने का अल्टीमेटम दिया है। 1रोडवेज कर्मियों को हर महीने दो बच्चों की पढ़ाई के लिए एक हजार रुपये शिक्षा भत्ता मिलता है। इसी तरह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, मैकेनिक स्टाफ, चालक व परिचालकों के बच्चों को सालाना एक हजार रुपये शूज भत्ते का भी प्रावधान है, लेकिन रोडवेज के डिपो प्रबंधकों की हीलाहवाली बच्चों पर भी भारी पड़ रही है। चंडीगढ़ के रोडवेज डिपो की ही बात लें तो लगभग आठ सौ कर्मचारियों को दो वर्ष का शिक्षा भत्ता नहीं मिला है। एक वर्ष से शूज भत्ते की राशि भी नहीं दी गई है। 1हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के सदस्य हरिनारायण शर्मा व बलवान सिंह का कहना है कि रोडवेज कर्मियों के साथ ज्यादती हो रही है। बच्चों के लिए मिलने वाले भत्ते भी बेवजह रोके जा रहे हैं। आवाज उठाने वाले कर्मचारियों को रोडवेज प्रबंधन चार्जशीट तक कर रहा है।1 उन्होंने कहा कि अगर जल्द भत्तों की अदायगी न हुई व बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई पर अंकुश न लगा तो डिपो प्रबंधकों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उधर, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरआर जोवल का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। शिकायत आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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