श्रमिकों के बच्चों को हर हाल में मिलेगी शिक्षा राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने श्रमिकों के बच्चों को हर हाल में शिक्षा मुहैया कराने के लिए कमर कस ली है। स्कूल शिक्षा विभाग ने ईंट भट्ठों, कृषि क्षेत्रों, मौसमी उद्योगों और निर्माण स्थलों पर कार्यरत बाहरी श्रमिकों के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और हरियाणा शिक्षा का अधिकार नियम 2011 लागू करने के निर्देश दिए हैं।1स्कूल जाने की आयु वाले ऐसे बच्चों की पहचान करने के लिए प्रत्येक जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, लाइसेंसिंग अथारिटी से ईंट-भट्ठों की विस्तृत सूची प्राप्त करेंगे। साथ ही श्रम अधिकारी से 6 से 14 वर्ष आयु के बच्चों सहित अन्य राज्यों के परिवारों का आंकड़ा भी लेंगे। डीएड में दाखिल विद्यार्थियों से क्षेत्रीय सर्वेक्षण और अनुसंधान अध्ययन के तौर पर ईंट-भट्ठों का क्षेत्रीय सर्वेक्षण कराया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में हर वर्ष यह सर्वेक्षण पहली से 15 अक्टूबर तक पूरा करना होगा। सर्वेक्षण रिपोर्ट निदेशालय मौलिक शिक्षा और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भेजी जाएगी। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी इसे खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भेजेंगे। खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी रिपोर्ट में चिन्हित सभी बच्चों का दाखिला अगले 31 अक्टूबर तक पास के स्कूल में सुनिश्चित कराएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग श्रम आयुक्तों के कार्यालय से कार्यरत मौसमी उद्योगों की क्षेत्र अनुसार सूची प्राप्त करेगा। डीएड प्रशिक्षुओं से हर वर्ष 20 से 31 मार्च तक प्रदेश में ऐसे सभी स्थलों का सर्वेक्षण कराया जाएगा। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी 15 अप्रैल तक उस पर आगामी कार्रवाई करेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक हर खंड में बाहरी राज्यों के बच्चों के लिए स्कूलों में व्यवस्था की जाएगी। स्कूल की दूरी एक किलोमीटर से अधिक या 3 किलोमीटर होने पर बच्चों को यातायात की सुविधा भी मिलेगी। इसके लिए स्कूल प्रबंधन समिति को धन उपलब्ध कराया जाएगा। निदेशक मौलिक शिक्षा वित्त वर्ष के शुरू में प्रत्येक जिले के लिए 3 लाख रुपये की एकमुश्त राशि जारी करेंगे। बच्चों को वर्दी, किताबें व मिड-डे मील मुफ्त मिलेगा।
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