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204 एडिड स्कूलों में टीचिंग और नॉन टीिचंग कर्मियों के लिए आफत बना सरकार का नियम
उमेश भार्गव | अम्बाला
सरकारद्वारा एडिड स्कूलों के टीचिंग नॉन टीचिंग स्टाफ को राहत देने के लिए उठाया गया कदम अब इन स्कूलों के स्टाफ के लिए आफत बन गया है। इससे अकेले अंबाला कैंट सिटी के 6 एडेड स्कूलों के 50 टीचर्स और दर्जनभर नॉन टीचिंग कर्मचारियों के लिए वेतन का संकट खड़ा हो गया है।
अब जब तक इन स्कूलों में मैनेजमेंट नहीं बनती और मैनेजमेंट बनने के बाद यह मैनेजमेंट जिला शिक्षा अधिकारी के अकाउंट में अपने स्टाफ की कुल राशि का 25 प्रतिशत हिस्सा जमा नहीं कराएगी तब तक इन स्कूलों में कार्यरत किसी भी कर्मचारी को वेतन नहीं मिलेगा।
अबएडिड स्कूलों के पंजीकृत स्टाफ को डीईओ से मिलेगा वेतन : दरअसलहरियाणा सरकार ने प्रदेश भर के 208 एडिड स्कूलों के लगभग 2500 कर्मचारियों के वेतन भुगतान नीति में तुरंत प्रभाव से फेरबदल करने के आदेश जारी कर दिए हैं। बाकायदा इन आदेशों की एक-एक प्रति डीईओ, डीईईओ सभी एडिड स्कूलों के प्राचार्यों और मैनेजमेंट को भेज दी गई है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा हरियाणा के द्वारा 8 सितंबर को जारी दिशा निर्देशों के तहत प्रत्येक विद्यालय का मुखिया प्रबंधक सितंबर महीने की 25 तारीख तक स्वीकृत पदों पर कार्यरत सभी कर्मचारियों का पे-बिल पूरे वेतन के 25 प्रतिशत हिस्सा डीईओ के पास जमा कराएंगे। इसके बाद अगले महीने की 7 तारीख तक बैंक के माध्यम से कर्मचारियों को उनका 100 प्रतिशत वेतन देने की जिम्मेदारी डीईओ की होगी। यानि सरकार की आेर से आने वाली 75 प्रतिशत ग्रांट सीधे अब डीईओ के खाते में ही आएगी। पहले यह राशि मैनेजमेंट को भेज दी जाती थी। दरअसल प्रदेश भर में कुछ एडिड स्कूल ऐसे भी हैं जहां कोई मैनेजमेंट ही नहीं है।
ऐसे में इन स्कूलों को प्रशासक द्वारा चलाया जाता है। मैनेजमेंट नहीं होने के कारण इन स्कूलों में सेवारत पंजीकृत कर्मचारियों को केवल सरकार की ओर से आने वाला 75 प्रतिशत वेतन ही मिल पाता है। अम्बाला शहर कैंट में ऐसे 63 स्कूल हैं। निदेशक माध्यमिक शिक्षा हरियाणा के आदेशों में साफ लिखा है कि 25 प्रतिशत वेतन एडिड स्कूलों को डीईओ के खाते में जमा करना होगा। इसके बाद ही उन्हें 100 फीसदी वेतन मिलेगा अन्यथा वेतन नहीं दिया जाएगा। अब जिन स्कूलों में मैनेजमेंट ही नहीं है वहां के स्टाफ का 25 प्रतिशत वेतन डीईओ के खाते में नहीं जाएगा।
यह है विभाग की योजना
विभाग की ओर से जिलेवार सभी एडिड स्कूलों के कर्मचारियों का 75 फीसदी वेतन 3 महीनों का वेतन जिला शिक्षा अधिकारी भेज दिया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय की प्रबंधन समिति राष्ट्रीयकृत बैंक में एस्क्रो खाता खोल कर जिला शिक्षा अधिकारी को 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी की राशि ट्रांसफर करेगी। विभाग की सोच यह है कि कर्मचारियों का उनका पूरा वेतन दिलाया जाए। इस समय कई स्कूलों में मैनेजमेंट की मनमर्जी के चलते जोकि मिल नहीं पाता।
सरकारद्वारा एडिड स्कूलों के टीचिंग नॉन टीचिंग स्टाफ को राहत देने के लिए उठाया गया कदम अब इन स्कूलों के स्टाफ के लिए आफत बन गया है। इससे अकेले अंबाला कैंट सिटी के 6 एडेड स्कूलों के 50 टीचर्स और दर्जनभर नॉन टीचिंग कर्मचारियों के लिए वेतन का संकट खड़ा हो गया है।
अब जब तक इन स्कूलों में मैनेजमेंट नहीं बनती और मैनेजमेंट बनने के बाद यह मैनेजमेंट जिला शिक्षा अधिकारी के अकाउंट में अपने स्टाफ की कुल राशि का 25 प्रतिशत हिस्सा जमा नहीं कराएगी तब तक इन स्कूलों में कार्यरत किसी भी कर्मचारी को वेतन नहीं मिलेगा।
अबएडिड स्कूलों के पंजीकृत स्टाफ को डीईओ से मिलेगा वेतन : दरअसलहरियाणा सरकार ने प्रदेश भर के 208 एडिड स्कूलों के लगभग 2500 कर्मचारियों के वेतन भुगतान नीति में तुरंत प्रभाव से फेरबदल करने के आदेश जारी कर दिए हैं। बाकायदा इन आदेशों की एक-एक प्रति डीईओ, डीईईओ सभी एडिड स्कूलों के प्राचार्यों और मैनेजमेंट को भेज दी गई है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा हरियाणा के द्वारा 8 सितंबर को जारी दिशा निर्देशों के तहत प्रत्येक विद्यालय का मुखिया प्रबंधक सितंबर महीने की 25 तारीख तक स्वीकृत पदों पर कार्यरत सभी कर्मचारियों का पे-बिल पूरे वेतन के 25 प्रतिशत हिस्सा डीईओ के पास जमा कराएंगे। इसके बाद अगले महीने की 7 तारीख तक बैंक के माध्यम से कर्मचारियों को उनका 100 प्रतिशत वेतन देने की जिम्मेदारी डीईओ की होगी। यानि सरकार की आेर से आने वाली 75 प्रतिशत ग्रांट सीधे अब डीईओ के खाते में ही आएगी। पहले यह राशि मैनेजमेंट को भेज दी जाती थी। दरअसल प्रदेश भर में कुछ एडिड स्कूल ऐसे भी हैं जहां कोई मैनेजमेंट ही नहीं है।
ऐसे में इन स्कूलों को प्रशासक द्वारा चलाया जाता है। मैनेजमेंट नहीं होने के कारण इन स्कूलों में सेवारत पंजीकृत कर्मचारियों को केवल सरकार की ओर से आने वाला 75 प्रतिशत वेतन ही मिल पाता है। अम्बाला शहर कैंट में ऐसे 63 स्कूल हैं। निदेशक माध्यमिक शिक्षा हरियाणा के आदेशों में साफ लिखा है कि 25 प्रतिशत वेतन एडिड स्कूलों को डीईओ के खाते में जमा करना होगा। इसके बाद ही उन्हें 100 फीसदी वेतन मिलेगा अन्यथा वेतन नहीं दिया जाएगा। अब जिन स्कूलों में मैनेजमेंट ही नहीं है वहां के स्टाफ का 25 प्रतिशत वेतन डीईओ के खाते में नहीं जाएगा।
यह है विभाग की योजना
विभाग की ओर से जिलेवार सभी एडिड स्कूलों के कर्मचारियों का 75 फीसदी वेतन 3 महीनों का वेतन जिला शिक्षा अधिकारी भेज दिया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय की प्रबंधन समिति राष्ट्रीयकृत बैंक में एस्क्रो खाता खोल कर जिला शिक्षा अधिकारी को 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी की राशि ट्रांसफर करेगी। विभाग की सोच यह है कि कर्मचारियों का उनका पूरा वेतन दिलाया जाए। इस समय कई स्कूलों में मैनेजमेंट की मनमर्जी के चलते जोकि मिल नहीं पाता।
आगे क्या
अब जिन स्कूलों ने अपनी मैनेजमेंट भंग कर उन्हें प्रशासक के हाथों में सौंपा गया है। उन्हें हर हाल में मैनेजमेंट बनानी होगी। साथ ही जिन स्कूलों का एस्क्रो बैंक खाता नहीं है उन्होंने एस्क्रो बैंक खाता भी खुलवाना पड़ेगा।
अब जिन स्कूलों ने अपनी मैनेजमेंट भंग कर उन्हें प्रशासक के हाथों में सौंपा गया है। उन्हें हर हाल में मैनेजमेंट बनानी होगी। साथ ही जिन स्कूलों का एस्क्रो बैंक खाता नहीं है उन्होंने एस्क्रो बैंक खाता भी खुलवाना पड़ेगा।
यह है एस्क्रो एकाउंट
एस्क्रो एकाउंट दो पार्टियों के बीच का वह अकाउंट होता है जिसे कोई तीसरा व्यक्ति आपरेट करता है। दोनों के बीच में रुपयों के ट्रांजक्शन को लेकर। साधारण शब्दों में यह एक पार्किंग अकाउंट होता है। सरकार की ओर से एक फाइल बनकर बैंक पर आएगी। इसी तरह स्कूलों की ओर से भी एक फाइल अकाउंट नंबर कुल राशि लिखकर भेजी जाएगी। इस फाइल में प्रत्येक कर्मचारी का खाता नंबर वेतन अमाउंट लिखा होगा। इन दोनों की ओर से राशि आते ही थर्ड पार्टी जोकि बैंक होगा वह कर्मचारियों को वेतन देगा।
एस्क्रो एकाउंट दो पार्टियों के बीच का वह अकाउंट होता है जिसे कोई तीसरा व्यक्ति आपरेट करता है। दोनों के बीच में रुपयों के ट्रांजक्शन को लेकर। साधारण शब्दों में यह एक पार्किंग अकाउंट होता है। सरकार की ओर से एक फाइल बनकर बैंक पर आएगी। इसी तरह स्कूलों की ओर से भी एक फाइल अकाउंट नंबर कुल राशि लिखकर भेजी जाएगी। इस फाइल में प्रत्येक कर्मचारी का खाता नंबर वेतन अमाउंट लिखा होगा। इन दोनों की ओर से राशि आते ही थर्ड पार्टी जोकि बैंक होगा वह कर्मचारियों को वेतन देगा।
ये हैं वे 6 स्कूल, जहां नहीं है मैनेजमेंट
सिख कन्या हाईस्कूल, आर्य स्कूल बीसी बाजार, एसडी स्कूल तोपखाना बाजार हरगोलाल स्कूल अम्बाला कैंट के अलावा अंबाला शहर में खालसा स्कूल जयरामदास स्कूल।
सिख कन्या हाईस्कूल, आर्य स्कूल बीसी बाजार, एसडी स्कूल तोपखाना बाजार हरगोलाल स्कूल अम्बाला कैंट के अलावा अंबाला शहर में खालसा स्कूल जयरामदास स्कूल।
यहां आएंगी दिक्कतें
जिन मैनेजमेंट के स्कूलों में समय परवेतन मिल रहा था उनको फिजूल के झंझटों में पड़ने पड़ेगा। यदि मैनेजमेंट 25 प्रतिशत हिस्सा बैंक में भी जमा करा देती है तो वह कर्मचारियों का शोषण नहीं करेगी इसकी गारंटी क्या होगी। इस राशि को जमा कराने से पहले मैनेजमेंट अपने स्तर पर कर्मचारी से पहले ही ले भी तो सकती है, जिन स्कूलों की आर्थिक हालत खराब है वे 25 प्रतिशत जमा नहीं करा पाएंगे। ऐसे में इन संस्थाओं के स्कूली स्टाफ को भी वेतन नहीं मिलेगा। यदि इन स्कूलों की मैनेजमेंट के खिलाफ कार्रवाई की जाती है या इनकी मान्यता रद्द की जाती है तो भी नुकसान सिर्फ आैर सिर्फ कर्मचारियों का ही होना तय है।
जिन मैनेजमेंट के स्कूलों में समय परवेतन मिल रहा था उनको फिजूल के झंझटों में पड़ने पड़ेगा। यदि मैनेजमेंट 25 प्रतिशत हिस्सा बैंक में भी जमा करा देती है तो वह कर्मचारियों का शोषण नहीं करेगी इसकी गारंटी क्या होगी। इस राशि को जमा कराने से पहले मैनेजमेंट अपने स्तर पर कर्मचारी से पहले ही ले भी तो सकती है, जिन स्कूलों की आर्थिक हालत खराब है वे 25 प्रतिशत जमा नहीं करा पाएंगे। ऐसे में इन संस्थाओं के स्कूली स्टाफ को भी वेतन नहीं मिलेगा। यदि इन स्कूलों की मैनेजमेंट के खिलाफ कार्रवाई की जाती है या इनकी मान्यता रद्द की जाती है तो भी नुकसान सिर्फ आैर सिर्फ कर्मचारियों का ही होना तय है।
सरकार ने ऐसा कर कर्मचारियों को नए झमेले में डाल दिया है। वेतन भुगतान की इस नयी व्यवस्था से समस्या हल होने की बजाय और उलझ जाएगी। अच्छा यह होता की सरकार स्कूल की मैनेजमेंट को आर्थिक संकट से उबारने के विशेष आर्थिक पैकेज जारी करती ।
^मैंने इस बारे में नोटिस निकाल दिया है, जिन स्कूलों में मैनेजमेंट नहीं हैं, उनके कर्मचारियों का वेतन हम रिलीज नहीं करेंगे। इन्हें वेतन लेने के लिए मैनेजमेंट बनाकर बताना होगा। साथ ही 25 प्रतिशत राशि हमारे खाते में जमा करानी होगी। तभी वेतन दिया जाएगा। -वंदना गुप्ता, डीईओअंबाला
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