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आचार संहिता से पहले नियुक्ति नहीं मिली तो आत्मदाह !
कुरुक्षेत्र। सहायक ड्राफ्ट्समैन (सिविल) के पद पर हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा चयनित किए प्रत्याशियों ने चेतावनी दी है कि अगर आचार संहिता लगने से पहले उन्हें जन स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति नहीं दी गई तो वे सामूहिक आत्मदाह जैसा कदम उठाने पर मजबूर होेंगे, जिसकी सारी जिम्मेवारी हरियाणा सरकार व जन स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियंता की होगी।
चयनित उम्मीदवारों का नेतृत्व करने वाले कृष्ण चंद, सुनील कुमार, जरनैल सिंह, बलराम, छत्रपाल इत्यादि ने बताया कि लगभग 80 से अधिक सहायक ड्राफ्टमैन का चयन सिलेक्शन कमीशन द्वारा नौ जून को किया गया था, लेकिन आज तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए हैं। नियुक्ति पत्र देने की मांग को लेकर सहायक ड्राफ्टमैन (सिविल) दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और जन स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियंता के पंचकूला स्थित कार्यालय के सामने पिछले तीन दिन से धरना दिए बैठे हैं। वे इस मामले को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री तथा जन स्वास्थ्य मंत्री किरण चौधरी से मिल चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और उन्हें नियुक्ति पत्र अभी तक नहीं दिए गए।
जन स्वास्थ्य विभाग के चीफ इंजिनियर ने ड्यूटी ज्वाइन कराने से मना कर दिया और कहा कि उनकी नियुक्ति की फाइल मुख्यमंत्री ने बंद करवा दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के मुख्य अभियंता ने उनके प्रमाण पत्र फर्जी बताकर सीएम को गुमराह किया है।
यदि उनके प्रमाण पत्र फर्जी होते तो एचएसएससी उनका चयन क्यों करता? उन्होंने बताया कि चयन आयोग ने इंटरव्यू से पहले सभी प्रमाण पत्र चेक करने के बाद ही इंटरव्यू लिया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अभी तक जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी भी चयनित उम्मीदवार के प्रमाण पत्र चेक नहीं कराए गए और न ही उन्हें लिखित रूप से कोई जानकारी दी है। उनका कहना था कि वे अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर सीएम से मिलने के बाद आगामी रणनीति बनाएंगे और जरूरत पड़ी तो चंडीगढ़ में सीएम के आवास का घेराव भी करेंगे।
‘
अतिरिक्त योग्याताएं पूरी नहीं करते कर्मी’
जन स्वास्थ्य विभाग चंडीगढ़ के मुख्य अभियंता एके क्षेत्रपाल से बात की तो उन्होंने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी आवेदन पत्र में मांगी गई शैक्षणिक योग्यता के साथ विज्ञाप्ति की अतिरिक्त योग्यताएं पूरी नहीं करते। इसलिए इनके नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। सारा मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जा चुका है।
केवल एक ही कंपनी का प्रमाण पत्र क्यों
चयनित प्रार्थी कृष्ण चंद ने बताया कि विज्ञप्ति में शैक्षणिक योग्यता के साथ सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर के अधिकृत केंद्र से 80 घंटे का ऑटो कैड कोर्स प्रमाण मांगा गया था। जबकि विज्ञापन के समय वर्ष 2011 में इस कंपनी का कोई भी सेंटर नहीं था। उन्होंने प्रश्न किया कि केवल एक ही कंपनी का प्रमाण पत्र क्यों मांगा गया है। नियमानुसार समकक्ष अथवा हरियाणा व केंद्र सरकार से प्रमाणित अन्य सेंटरों से जारी प्रमाण पत्र भी मान्य होने चाहिए। क्योंकि वे हरियाणा के अन्य विभागों में स्वीकार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश ने यह कोर्स हरियाणा व केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त केंद्र हार्टट्रोन, टाटा इंफोटेक रोहतक, ई-डेक, एसआईटीएच कैथल और कंप्यूटर प्वाइंट जैसे आईएसओ प्रमाणित केंद्रों से किए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ प्रार्थियों ने तो अब सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर कंपनियों के अधिकृत केंद्रों से भी उक्त कोर्स कर लिया है।
चयनित उम्मीदवारों का नेतृत्व करने वाले कृष्ण चंद, सुनील कुमार, जरनैल सिंह, बलराम, छत्रपाल इत्यादि ने बताया कि लगभग 80 से अधिक सहायक ड्राफ्टमैन का चयन सिलेक्शन कमीशन द्वारा नौ जून को किया गया था, लेकिन आज तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए हैं। नियुक्ति पत्र देने की मांग को लेकर सहायक ड्राफ्टमैन (सिविल) दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और जन स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अभियंता के पंचकूला स्थित कार्यालय के सामने पिछले तीन दिन से धरना दिए बैठे हैं। वे इस मामले को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री तथा जन स्वास्थ्य मंत्री किरण चौधरी से मिल चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और उन्हें नियुक्ति पत्र अभी तक नहीं दिए गए।
जन स्वास्थ्य विभाग के चीफ इंजिनियर ने ड्यूटी ज्वाइन कराने से मना कर दिया और कहा कि उनकी नियुक्ति की फाइल मुख्यमंत्री ने बंद करवा दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के मुख्य अभियंता ने उनके प्रमाण पत्र फर्जी बताकर सीएम को गुमराह किया है।
यदि उनके प्रमाण पत्र फर्जी होते तो एचएसएससी उनका चयन क्यों करता? उन्होंने बताया कि चयन आयोग ने इंटरव्यू से पहले सभी प्रमाण पत्र चेक करने के बाद ही इंटरव्यू लिया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अभी तक जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी भी चयनित उम्मीदवार के प्रमाण पत्र चेक नहीं कराए गए और न ही उन्हें लिखित रूप से कोई जानकारी दी है। उनका कहना था कि वे अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर सीएम से मिलने के बाद आगामी रणनीति बनाएंगे और जरूरत पड़ी तो चंडीगढ़ में सीएम के आवास का घेराव भी करेंगे।
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अतिरिक्त योग्याताएं पूरी नहीं करते कर्मी’
जन स्वास्थ्य विभाग चंडीगढ़ के मुख्य अभियंता एके क्षेत्रपाल से बात की तो उन्होंने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी आवेदन पत्र में मांगी गई शैक्षणिक योग्यता के साथ विज्ञाप्ति की अतिरिक्त योग्यताएं पूरी नहीं करते। इसलिए इनके नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। सारा मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जा चुका है।
केवल एक ही कंपनी का प्रमाण पत्र क्यों
चयनित प्रार्थी कृष्ण चंद ने बताया कि विज्ञप्ति में शैक्षणिक योग्यता के साथ सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर के अधिकृत केंद्र से 80 घंटे का ऑटो कैड कोर्स प्रमाण मांगा गया था। जबकि विज्ञापन के समय वर्ष 2011 में इस कंपनी का कोई भी सेंटर नहीं था। उन्होंने प्रश्न किया कि केवल एक ही कंपनी का प्रमाण पत्र क्यों मांगा गया है। नियमानुसार समकक्ष अथवा हरियाणा व केंद्र सरकार से प्रमाणित अन्य सेंटरों से जारी प्रमाण पत्र भी मान्य होने चाहिए। क्योंकि वे हरियाणा के अन्य विभागों में स्वीकार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश ने यह कोर्स हरियाणा व केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त केंद्र हार्टट्रोन, टाटा इंफोटेक रोहतक, ई-डेक, एसआईटीएच कैथल और कंप्यूटर प्वाइंट जैसे आईएसओ प्रमाणित केंद्रों से किए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ प्रार्थियों ने तो अब सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर कंपनियों के अधिकृत केंद्रों से भी उक्त कोर्स कर लिया है।
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