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झारखंड के गढ़वा जिले के एक स्कूल में बच्चों को शराब पिलाने और पॉर्न फिल्में दिखाने का मामला सामने आया है। हैरत की बात यह है कि मामला सामने आने के बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि यहां सभी शराब पीते हैं और यहां के बच्चे शराब पीकर ही पैदा हुए हैं।
इस मामले का खुलासा पीयूसीएल (पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी) की एक टीम ने किया है, जिसने वहां की स्थिति की जांच की है। जांच में पता चला कि बच्चों को स्कूल में शराब पिलाई जाती है और अश्लील फिल्में दिखाई जाती हैं।
यहां आपको बता दें कि गढ़वा जिले के कुदरूम जनजातीय आवासीय स्कूल में बच्चों ने शिक्षकों पर खाना नहीं देने का आरोप लगाया था। वहीं, बच्चों पर शिक्षकों को बंधक बनाने का आरोप था। इस मामले की जांच के लिए जब पीयूसीएल की टीम पहुंची तो वहां स्थिति काफी खराब पाई गई।
जांच में पता चला कि बच्चों को स्कूल में शराब पिलाई जाती है और अश्लील फिल्में दिखाई जाती हैं। जब जिला कल्याण पदाधिकारी जनार्दन राम से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि हॉस्टल का प्रभार चपरासी को दे दिया गया था।
स्कूल के अधिकतर बच्चों ने भी शराब पिलाने और अश्लील फिल्म दिखाने के लिए चपरासी गनौरी महतो को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, गनौरी ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। उसका कहना है कि वह निर्दोष है और उसे बेवजह मोहरा बनाया जा रहा है।
प्रिंसिपल का विवादित बयान
स्कूल के प्रिंसिपल गणेश सिंह मुंडा ने कहा कि गनौरी पर आरोप लगाना गलत है। वह सबसे छोटा कर्मचारी है, इसलिए लोग उसे फंसा रहे हैं। मुंडा ने कहा कि यहां के बच्चे शराब पीकर ही पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल के दो लोगों को छोड़कर सभी शराब पीते हैं, चाहे स्टूडेंट हों या टीचर।
पीयूसीएल इस मामले में जल्द ही राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री के.एन.त्रिपाठी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
जांच में पता चला कि बच्चों को स्कूल में शराब पिलाई जाती है और अश्लील फिल्में दिखाई जाती हैं। जब जिला कल्याण पदाधिकारी जनार्दन राम से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि हॉस्टल का प्रभार चपरासी को दे दिया गया था।
स्कूल के अधिकतर बच्चों ने भी शराब पिलाने और अश्लील फिल्म दिखाने के लिए चपरासी गनौरी महतो को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, गनौरी ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। उसका कहना है कि वह निर्दोष है और उसे बेवजह मोहरा बनाया जा रहा है।
प्रिंसिपल का विवादित बयान
स्कूल के प्रिंसिपल गणेश सिंह मुंडा ने कहा कि गनौरी पर आरोप लगाना गलत है। वह सबसे छोटा कर्मचारी है, इसलिए लोग उसे फंसा रहे हैं। मुंडा ने कहा कि यहां के बच्चे शराब पीकर ही पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल के दो लोगों को छोड़कर सभी शराब पीते हैं, चाहे स्टूडेंट हों या टीचर।
पीयूसीएल इस मामले में जल्द ही राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री के.एन.त्रिपाठी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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