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अब किताबों में पढ़ेंगे ‘म्हारा हरियाणा’ !
गुड़गांव। अगले शिक्षा सत्र से हरियाणा बोर्ड की किताबें बदल जाएगी। छात्रों को हरियाणवीं साहित्य, इतिहास, प्रदेश के रचनाकारों की रचनाएं, शहीदों की जीवनी, भूगोल समेत अन्य जानकारियों के बारे में रूबरू कराया जाएगा। एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्) द्वारा तैयार विषय वस्तु (कंटेंट) को कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने पास कर दिया है।
अभी तक स्कूलों में एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्) की तर्ज पर तैयार किताबों को पढ़ाया जाता है। इसमें शामिल विषय वस्तु भी राष्ट्रीय स्तर की है। इसमें हरियाणा का बहुत ही कम जिक्र है। इसी को देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने एससीईआरटी को पाठ्यक्रम में हरियाणवीं जानकारी के साथ किताब तैयार करने को कहा था। जिसे तैयार कर एससीईआरटी ने समीक्षा के लिए कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी भेजा था। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क-2005 के तहत कक्षा छठीं से आठवीं तक हिंदी, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान की किताबों में हरियाणवीं माटी से जुड़ी करीब 20 फीसदी जानकारी डाली गई है। सिलेबस को कुछ अलग ढंग से तैयार किया गया है ताकि छात्रों को पढ़ाने में सुविधा हो। हालांकि विज्ञान और गणित में कोई बदलाव नहीं किया है।
इतिहास व भूगोल से छात्र होंगे रूबरूः
एससीईआरटी में विषय विशेषज्ञ ज्ञानवती का कहना है कि प्रदेश में कई साहित्यकार व इतिहासकार है। जिनकी रचनाएं किताबों में पढ़ाने की जरूरत है। कुरुक्षेत्र, मेवात या नाहर सिंह का क्या इतिहास है, इसे शामिल किया गया है।
साहित्य, संस्कृति, साहित्यकार, भूगोल और इतिहास पर फोकस करते हुए किताबें लिखी गई है। इतिहास में हरियाणा के स्वतंत्रता सेनानी, जंग-ए-आजादी में भूमिका, स्वतंत्रता से पूर्व और बाद की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई।
भूगोल में प्रदेश के प्रमुख स्थलों की जानकारी दी गई है। हालांकि एनसीईआरटी की किताबों के किसी भाग से छेड़छाड़ नहीं किया गया है।
‘किताबों की समीक्षा रिपोर्ट आ गई है। इसे शिक्षा निदेशालय और एनसीईआरटी के पास भेजा जाएगा।’
स्नेहलता, निदेशक, एससीईआरटी।
हरियाणा बोर्ड की अगले सत्र से बदलेगी किताब
20 फीसदी तक किया गया विषय वस्तु में बदलाव
अभी तक स्कूलों में एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्) की तर्ज पर तैयार किताबों को पढ़ाया जाता है। इसमें शामिल विषय वस्तु भी राष्ट्रीय स्तर की है। इसमें हरियाणा का बहुत ही कम जिक्र है। इसी को देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने एससीईआरटी को पाठ्यक्रम में हरियाणवीं जानकारी के साथ किताब तैयार करने को कहा था। जिसे तैयार कर एससीईआरटी ने समीक्षा के लिए कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी भेजा था। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क-2005 के तहत कक्षा छठीं से आठवीं तक हिंदी, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान की किताबों में हरियाणवीं माटी से जुड़ी करीब 20 फीसदी जानकारी डाली गई है। सिलेबस को कुछ अलग ढंग से तैयार किया गया है ताकि छात्रों को पढ़ाने में सुविधा हो। हालांकि विज्ञान और गणित में कोई बदलाव नहीं किया है।
इतिहास व भूगोल से छात्र होंगे रूबरूः
एससीईआरटी में विषय विशेषज्ञ ज्ञानवती का कहना है कि प्रदेश में कई साहित्यकार व इतिहासकार है। जिनकी रचनाएं किताबों में पढ़ाने की जरूरत है। कुरुक्षेत्र, मेवात या नाहर सिंह का क्या इतिहास है, इसे शामिल किया गया है।
साहित्य, संस्कृति, साहित्यकार, भूगोल और इतिहास पर फोकस करते हुए किताबें लिखी गई है। इतिहास में हरियाणा के स्वतंत्रता सेनानी, जंग-ए-आजादी में भूमिका, स्वतंत्रता से पूर्व और बाद की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई।
भूगोल में प्रदेश के प्रमुख स्थलों की जानकारी दी गई है। हालांकि एनसीईआरटी की किताबों के किसी भाग से छेड़छाड़ नहीं किया गया है।
‘किताबों की समीक्षा रिपोर्ट आ गई है। इसे शिक्षा निदेशालय और एनसीईआरटी के पास भेजा जाएगा।’
स्नेहलता, निदेशक, एससीईआरटी।
हरियाणा बोर्ड की अगले सत्र से बदलेगी किताब
20 फीसदी तक किया गया विषय वस्तु में बदलाव
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