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24X7 बिजली की योजना पर काम तेज
नरेंद्र मोदी सरकार ने पावर सेक्टर के लिए तैयार किया 20 वर्ष का पर्सपेक्टिव प्लान
सुजय मेहदूदिया
नई दिल्ली।
बिजली की किल्लत से जूझ रहे राज्यों को 2022 तक 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के अपने वादे पर आगे बढ़ते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने पावर सेक्टर के लिए 20 वर्ष का पर्सपेक्टिव प्लान तैयार किया है। इसके अलावा केंद्र सरकार राजस्थान, आंध्र प्रदेश और दिल्ली में एक पायलट प्रोजेक्ट भी लागू करने जा रही है। बाद में इस पायलट प्रोजेक्ट को देश के दूसरे राज्यों में भी लागू किया जाएगा।
उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि बिजली की किल्लत से जूझ रहे राज्यों को 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए पावर प्रोजेक्ट लागू करने के फैसले के बाद दिल्ली के साथ राजस्थान और आंध्र प्रदेश को एक कार्य योजना भेजी गई है। दिल्ली के साथ राजस्थान और आंध्र प्रदेश पहले तीन राज्य हैं, जहां पायलट प्रोजेक्ट लागू करने का प्रस्ताव किया गया है।
बाद में इस स्कीम को दूसरे राज्यों में भी लागू किया जाएगा। इसके अलावा ऊर्जा मंत्रालय दूसरे राज्यों के लिए प्लान तैयार करने में मदद के लिए सलाहकार की नियुक्ति करेगा। राज्यों द्वारा प्लान स्वीकार कर लेने के बाद इसके क्रियान्वयन की निगरानी डिस्ट्रीब्य्र्र्र्र्रूशन डिवीजन द्वारा की जाएगी।
विभिन्न राज्यों में बिजली की कमी और बढ़ते एटीएंडसी नुकसान को देखते हुए ऊर्जा मंत्रालय ने हर राज्य के डिस्कॉम का एटीएंडसी नुकसान का ब्यौरा तैयार किया है। ऊर्जा मंत्रालय को सिवाय राजस्थान के इसके लिए सभी राज्यों से जरूरी सूचना मिल चुकी है। ऊर्जा मंत्रालय इन सभी सूचनाओं का इस्तेमाल एक निगरानी तंत्र बनाने में करेगा, जिसमें प्रोत्साहन और जुर्माने का तंत्र शामिल होगा। मंत्रालय ने निगरानी अनुपालन के लिए राज्यों से भी दो या तीन मानकों पर एक मासिक रिपोर्ट तैयार कर भेजने को भी कहा है। राज्य सरकारों को मासिक रिपोर्ट केंद्र सरकार को हर तिमाही भेजनी होगी।
20 वर्ष के पर्सपेक्टिव प्लान के तहत ऊर्जा मंत्रालय ने 13 वीं पंचवर्षीय योजना में शामिल किए जाने वाले जेनरेशन प्रोजेक्टों की पहचान की है। इस प्लान के लिए रीजनल पावर कमेटियों से भी विचार विमर्श किया जाएगा। सीईए ने 29 सितंबर, 2014 को इस बारे में संयुक्त संसदीय समिति की बैठक बुलाई गई थी।
पोसोको (पीओएसओसीओ) को एक स्वतंत्र सरकारी कंपनी बनाने की दिशा में अहम कदम के तौर पर ऊर्जा मंत्रालय ने लोक उपक्रम विभाग से मंजूरी मांगी है। विभाग की राय लेने के बाद ऊर्जा मंत्रालय ने फाइल को और छानबीन के लिए भेज दिया है। मौजूदा समय में पोसोको सरकारी कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआईएल) की 100 फीसदी सब्सिडियरी है।
इसका काम ग्रिड का नियमन और प्रबंधन करना है। हालांकि इस बात को ध्यान में रखते हुए कि पीजीसीआईएल के अलावा कई ट्रांसमिशन कंपनियां हैं, जो ट्रांसमिशन सिस्टम को चला रही हैं, ऊर्जा मंत्रालय ने पीओएसओसीओ को एक स्वतंत्र कंपनी बनाने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा सरकार ग्रिड ऑपरेशंस के प्रभावी प्रबंधन के लिए मजबूत और स्वतंत्र सिस्टम ऑपरेटर की जरूरत पर जोर दिया है।
राजस्थान, आंध्र प्रदेश और दिल्ली में लागू होगा पायलट प्रोजेक्ट
इस पायलट प्रोजेक्ट को बाद दूसरे राज्यों में किया जाएगा लागू
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