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नई सरकार की सख्ती, दफ्तर 3 दिन लेट पहुंचे तो 1 छुट्टी रद्द
सूबे में सत्ता की बागडोर नए हाथों में आने के साथ ही प्रशासनिक
अमला भी सख्त हो गया है। बदलाव की यह शुरुआत जिला मुख्यालय
के दफ्तरों से नजर आने लगी है। पीएम मोदी अफसरों और अपने
मंत्रियों से ज्यादा घंटे काम करने का मादा रखते हैं।
वहीं मोदी की तरह से प्रदेश के नए सीएम मनोहर लाल खट्टर
भी सरकारी दफ्तरों के हालात बदलने को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
इसी का नतीजा है कि लेटलतीफ रहने वाले अफसरों और
अधिकारियों को आगाह कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने
सभी को समय पर दफ्तर पहुंचने के मौखिक निर्देश दिए हैं। अगर अब
किसी भी विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी कार्यालय
में बिना सूचना दिए तीन दिन देरी से पहुंचता है तो विभागीय
उच्चाधिकारी उस पर सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। ऐसा लगातार करते
पाए जाने पर अधिकारी या कर्मचारी की एक छुट्टी रद्द
हो सकती है। नई सरकार के निर्देशों का असर दिखने लगा है।
अधिकारी और कर्मचारी समय पर पहुंचने लगे हैं।
अपनी ड्यूटी से नदारद होने या फिर लेट आने वाले अधिकारियों व
कर्मचारियों की अब खैर नहीं। ड्यूटी के दौरान कोताही बरतने वाले
अधिकारियों व कर्मचारियों पर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने
सख्ती बरतने के आदेश जारी किए हैं। किसी भी विभाग का कोई
अधिकारी या कर्मचारी निर्धारित समय पर कार्यालय
नहीं पहुंचता है तो विभागीय उच्चाधिकारी उनके खिलाफ सख्ती से
पेश आएंगे। बिना सूचना दिए लगातार तीन बार ड्यूटी पर लेट पहुंचने पर
अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ ठोस कार्रवाई अमल में लाई
जाएगी।
कार्यप्रणाली के हिसाब से करनी पड़ेगी ड्यूटी
सार्वजनिक सेवा नियम के अंतर्गत अब अधिकारियों व
कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए निर्धारित कार्य अवधि के अनुसार
काम करना पड़ेगा।
अब सभी विभागों के अधिकारियों को साप्ताहिक
कार्यप्रणाली के हिसाब से निर्धारित समय के अनुसार कार्यालय
पहुंचना होगा। जिला प्रशासन के अंतर्गत आने वाले विभागों के एक
सप्ताह में पांच दिन की कार्यप्रणाली के कारण अधिकारियों व
कर्मचारियों को 9 बजे से 5 बजे तक वहीं बैंक सेक्टर के अधिकारियों व
कर्मचारियों को 10 बजे से शाम पांच बजे तक अपनी ड्यूटी देनी होगी।
शासन के आदेशों का पालन सख्ती से किया जाएगा। अगर कोई
अधिकारी या कर्मचारी इन आदेशों का पालन करने में ढिलाई
बरतता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई
जाएगी। इसके लिए विभागों के उच्चाधिकारियों का भी आदेश
जारी किए जा चुके हैं।
- डॉ. एमएल कौशिक, जिला उपायुक्त।
अमला भी सख्त हो गया है। बदलाव की यह शुरुआत जिला मुख्यालय
के दफ्तरों से नजर आने लगी है। पीएम मोदी अफसरों और अपने
मंत्रियों से ज्यादा घंटे काम करने का मादा रखते हैं।
वहीं मोदी की तरह से प्रदेश के नए सीएम मनोहर लाल खट्टर
भी सरकारी दफ्तरों के हालात बदलने को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
इसी का नतीजा है कि लेटलतीफ रहने वाले अफसरों और
अधिकारियों को आगाह कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने
सभी को समय पर दफ्तर पहुंचने के मौखिक निर्देश दिए हैं। अगर अब
किसी भी विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी कार्यालय
में बिना सूचना दिए तीन दिन देरी से पहुंचता है तो विभागीय
उच्चाधिकारी उस पर सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। ऐसा लगातार करते
पाए जाने पर अधिकारी या कर्मचारी की एक छुट्टी रद्द
हो सकती है। नई सरकार के निर्देशों का असर दिखने लगा है।
अधिकारी और कर्मचारी समय पर पहुंचने लगे हैं।
अपनी ड्यूटी से नदारद होने या फिर लेट आने वाले अधिकारियों व
कर्मचारियों की अब खैर नहीं। ड्यूटी के दौरान कोताही बरतने वाले
अधिकारियों व कर्मचारियों पर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने
सख्ती बरतने के आदेश जारी किए हैं। किसी भी विभाग का कोई
अधिकारी या कर्मचारी निर्धारित समय पर कार्यालय
नहीं पहुंचता है तो विभागीय उच्चाधिकारी उनके खिलाफ सख्ती से
पेश आएंगे। बिना सूचना दिए लगातार तीन बार ड्यूटी पर लेट पहुंचने पर
अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ ठोस कार्रवाई अमल में लाई
जाएगी।
कार्यप्रणाली के हिसाब से करनी पड़ेगी ड्यूटी
सार्वजनिक सेवा नियम के अंतर्गत अब अधिकारियों व
कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए निर्धारित कार्य अवधि के अनुसार
काम करना पड़ेगा।
अब सभी विभागों के अधिकारियों को साप्ताहिक
कार्यप्रणाली के हिसाब से निर्धारित समय के अनुसार कार्यालय
पहुंचना होगा। जिला प्रशासन के अंतर्गत आने वाले विभागों के एक
सप्ताह में पांच दिन की कार्यप्रणाली के कारण अधिकारियों व
कर्मचारियों को 9 बजे से 5 बजे तक वहीं बैंक सेक्टर के अधिकारियों व
कर्मचारियों को 10 बजे से शाम पांच बजे तक अपनी ड्यूटी देनी होगी।
शासन के आदेशों का पालन सख्ती से किया जाएगा। अगर कोई
अधिकारी या कर्मचारी इन आदेशों का पालन करने में ढिलाई
बरतता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई
जाएगी। इसके लिए विभागों के उच्चाधिकारियों का भी आदेश
जारी किए जा चुके हैं।
- डॉ. एमएल कौशिक, जिला उपायुक्त।
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