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मनमानी वसूली से विद्यार्थियों में मायूसी
अमित कौशिक
करनाल। शिक्षा विभाग की ओर से सम्राट ग्रुप के नाम पर विद्यार्थियों से रुपये वसूले जा रहे हैं, जो शिक्षा विभाग के आरटीई एक्ट का उल्लंघन है। स्कूल संचालकों और विद्यार्थियों को मुसीबत में डाल दिया है कि किसी दूसरे ग्रुप के कार्यक्रम की राशि विद्यार्थियों से क्यों वसूली जा रही है।
दरअसल उच्चतर शिक्षा हरियाणा के महानिदेशक की ओर से सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल, कॉलेज में रजिस्टर्ड डाक टिकट और रेडक्रॉस की सहायता के लिए हर विद्यार्थी दस रुपये लेने के आदेश जारी किए हैं, जो स्कूलों में 17 जुलाई को जारी पत्र में लिखा गया है। मुख्यमंत्री के पत्र के संदर्भ में रेडक्रॉस के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सम्राट ग्रुप एनजीओ का चयन किया गया है। इसके द्वारा रक्तदान और अंधविश्वास के खिलाफ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसलिए रेडक्रॉस से सत्यापित प्रति विद्यार्थी दस रुपये की टिकट तय की गई है, जो सम्राट ग्रुप द्वारा भेजी जा रही है। विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए टिकट भेजी गई है। इसका 60 प्रतिशत बैंक ड्राफ्ट और चेक प्रबंधक सम्राट ग्रुप एमआर शर्मा के नाम और 40 प्रतिशत राशि सचिव इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के नाम भिजवाएं, वहीं जिला रेडक्रॉस अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
विद्यार्थियों से पैसे वसूलना गलत
सर्व कर्मचारी संघ के पूर्व प्रवक्ता कृष्ण कुमार निर्माण ने बताया कि इस प्रकार की वसूली प्रदेश सरकार द्वारा पहले बंद करवा दी गई थी, बावजूद इसके विद्यार्थियों से पैसे वसूले जा रहेे हैं जो सरासर गलत है। राइट-टू-एजुकेशन एक्ट के अनुसार कोई भी स्कूल किसी प्रकार के फंड नहीं ले सकता। इसके अलावा किसी दूसरे ग्रुप की सहायता के लिए विद्यार्थियों से पैसे लेने का कोई औचित्य ही नहीं बनता।
उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक का स्कूलों में पहुंचा लेटर
रेडक्रॉस की टिकट देकर हर छात्र से लिए जा रहे दस-दस रुपये
जिले के शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे लाखों विद्यार्थी परेशान
हमने कोई लेटर और डाक टिकट जारी नहीं किया है। कई स्कूलोें में निरीक्षण किया है, डायरेक्टर का लेटर सीधे स्कूल, कॉलेज संस्थानों में पहुंच रहा है।
- आशा मुंजाल, डीईईओ, करनाल।
हमारी तरफ से कोई रेडक्रॉस टिकट जारी नहीं की गई। अगर मुख्यालय से आई है तो उसके बारे में जानकारी नहीं है।
- एमसी धीमान, रेडक्रॉस सोसायटी करनाल।
करनाल। शिक्षा विभाग की ओर से सम्राट ग्रुप के नाम पर विद्यार्थियों से रुपये वसूले जा रहे हैं, जो शिक्षा विभाग के आरटीई एक्ट का उल्लंघन है। स्कूल संचालकों और विद्यार्थियों को मुसीबत में डाल दिया है कि किसी दूसरे ग्रुप के कार्यक्रम की राशि विद्यार्थियों से क्यों वसूली जा रही है।
दरअसल उच्चतर शिक्षा हरियाणा के महानिदेशक की ओर से सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल, कॉलेज में रजिस्टर्ड डाक टिकट और रेडक्रॉस की सहायता के लिए हर विद्यार्थी दस रुपये लेने के आदेश जारी किए हैं, जो स्कूलों में 17 जुलाई को जारी पत्र में लिखा गया है। मुख्यमंत्री के पत्र के संदर्भ में रेडक्रॉस के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सम्राट ग्रुप एनजीओ का चयन किया गया है। इसके द्वारा रक्तदान और अंधविश्वास के खिलाफ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसलिए रेडक्रॉस से सत्यापित प्रति विद्यार्थी दस रुपये की टिकट तय की गई है, जो सम्राट ग्रुप द्वारा भेजी जा रही है। विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए टिकट भेजी गई है। इसका 60 प्रतिशत बैंक ड्राफ्ट और चेक प्रबंधक सम्राट ग्रुप एमआर शर्मा के नाम और 40 प्रतिशत राशि सचिव इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के नाम भिजवाएं, वहीं जिला रेडक्रॉस अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
विद्यार्थियों से पैसे वसूलना गलत
सर्व कर्मचारी संघ के पूर्व प्रवक्ता कृष्ण कुमार निर्माण ने बताया कि इस प्रकार की वसूली प्रदेश सरकार द्वारा पहले बंद करवा दी गई थी, बावजूद इसके विद्यार्थियों से पैसे वसूले जा रहेे हैं जो सरासर गलत है। राइट-टू-एजुकेशन एक्ट के अनुसार कोई भी स्कूल किसी प्रकार के फंड नहीं ले सकता। इसके अलावा किसी दूसरे ग्रुप की सहायता के लिए विद्यार्थियों से पैसे लेने का कोई औचित्य ही नहीं बनता।
उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक का स्कूलों में पहुंचा लेटर
रेडक्रॉस की टिकट देकर हर छात्र से लिए जा रहे दस-दस रुपये
जिले के शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे लाखों विद्यार्थी परेशान
हमने कोई लेटर और डाक टिकट जारी नहीं किया है। कई स्कूलोें में निरीक्षण किया है, डायरेक्टर का लेटर सीधे स्कूल, कॉलेज संस्थानों में पहुंच रहा है।
- आशा मुंजाल, डीईईओ, करनाल।
हमारी तरफ से कोई रेडक्रॉस टिकट जारी नहीं की गई। अगर मुख्यालय से आई है तो उसके बारे में जानकारी नहीं है।
- एमसी धीमान, रेडक्रॉस सोसायटी करनाल।
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