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प्रदेश यूनिवर्सिटी में लागू ग्रेड-पे वापस
हेमंत ज्योतिसर
कुरुक्षेत्र। विश्वविद्यालयों में अपग्रेड किया गया 3200 से 3600 ग्रेड-पे हरियाणा सरकार ने वापस ले लिया है। चुनाव से पहले हुड्डा सरकार द्वारा हरियाणा की सभी सात यूनिवर्सिटी में काम करने वाले वर्किंग असिस्टेंट का ग्रेड-पे बढ़ाकर उन्हें तोहफा दिया था। अब इसे वापस लेकर सरकार ने इन कर्मियों की दिवाली फीकी कर दी है। उल्लेखनीय है कि 5 सितंबर 2014 को जारी किए पत्र में प्रदेश की सभी विश्वविद्यालयों में कार्यरत वर्किंग असिस्टेंट का ग्रेड-पे 3200 से 3600 अपग्रेड करने के निर्देश जारी किए थे। 29 सितंबर 2014 को जारी पत्र में मेमो नंबर 18/156-2004 यूएनपी (2) का जिक्र कर बताया है कि हरियाणा सरकार ने लेटर नंबर-18/156-2004 यूएनपी (2) दिनांक 5 सितंबर 2014 को विड्रॉल कर लिया है। इसके तहत यूनिवर्सिटी में काम कर रहे असिस्टेंट वर्किंग का पे-ग्रेड 3200 से 3600 रिवाइज किया गया था।
ये लिखा है 29 सितंबर को जारी पत्र में
जनरल हायर एजुकेशन हरियाणा पंचकूला के डायरेक्टर कार्यालय से भेजे इस पत्र में लिखा है कि प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयाें में वर्किंग असिस्टेंट का ग्रेड-पे 3200 से 3600 बढ़ाने का निर्णय वापस ले लिया है। पत्र में यह भी लिखा है कि इस दौरान जिस पेमेंट का भुगतान कर दिया गया है, उसकी रिकवरी भी हो सकती है।
इन विश्वविद्यालयों को भेजा पत्र
जारी नए पत्र में सबसे पहले कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का नाम शामिल है। इसके बाद महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक, चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी सिरसा, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुरकलां सोनीपत, इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर रेवाड़ी, चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी जींद और अंत में चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी भिवानी का नाम दिया है।
विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार के नाम है पत्र
जनरल हायर एजुकेशन हरियाणा पंचकूला के डायरेक्टर कार्यालय से जारी हुआ यह पत्र सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव के नाम है। जो 29 सितंबर 2014 को जारी हुआ है, जिसमें मेमो नंबर-18/156-2004 यूएनपी (2) का भी जिक्र किया है।
सरकार ने निर्णय वापस लिया : रजिस्ट्रार
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गया डॉ. केसी रल्हाण ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सरकार ने यह निर्णय लिया था और इसकी जानकारी कर्मियों को भी दे दी गई थी, लेकिन अब 29 सितंबर को जारी हुए पत्र में ग्रेड-पे 3200 से 3600 करने का निर्णय वापस लिए जाने की सूचना विश्वविद्यालय को मिली है। इस संदर्भ में लेटर भी मिल चुका है।
धोखा बताया कुंटिया अध्यक्ष ने
कुंटिया अध्यक्ष मान सिंह ने इसे धोखा करार देते हुए कहा कि पहले तो सरकार ने पत्र जारी कर दिया, लेकिन अब यह निर्णय वापस ले लिया है, जो अनुचित है। कुंटिया ने लंबे संघर्ष के बाद इस मांग को मनवाया था, मगर अब फिर सरकार अपने खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए आमंत्रित कर रही है। कुंटिया सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का पुरजोर विरोध करती है।
24 दिन में ही उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया दूसरा पत्र
पांच सितंबर को लागू और 29 को विड्रॉल
सात विश्वविद्यालयों के वर्किंग असिस्टेंट को मिलना था 3600 पे-ग्रेड का फायदा
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