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चार साल में एक बार तेल के लिए दिया पैसा, जेनरेटर ठप पूरे मामले में फर्जीवाड़ा : संघ
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान सतबीर गोयत ने बताया कि विभाग विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। स्कूलों में जनरेटर तो दे दिए है। लेकिन चलाने के लिए तेल नहीं दिया। अध्यापक संघ कई बार मांग कर चुका है। शिक्षा विभाग को चाहिए कि वर्ष भर के तेल के पैसे स्कूलों को दे, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो। यह पूरा मामला एक फर्जीवाड़ा है।
यदि इसकी जांच करवाई जाए तो बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती है।
अमर उजाला ब्यूरो
कैथल। जिले के स्कूलों में कंप्यूटर चलाने के लिए दिए गए जेनरेटर तेल के अभाव में धूल फांक रहे हैं। तेल के लिए बजट न मिलने से जेनरेटर बंद पड़े हैं। कई स्कूलों में चलाए न जाने के कारण खराब भी हो गए हैं। चार साल पूर्व स्कूलों में दिए गए जेनरेटर्स को चलाने के लिए केवल एक बार तेल का पैसा दिया गया है।
विद्यार्थियों की पढ़ाई हो रही है प्रभावितः स्कूलों में जनरेटर न चलने के कारण विद्यार्थियों पढ़ाई को प्रभावित हो रही है। बिजली गुल होने पर स्कूलों में कंप्यूटर चलाने में परेशानी उठानी पड़ रही है। शहरों की अपेक्षा गांवों में दिन के समय लगभग बिजली गुल रहती है। विद्यार्थी संजीव कुमार, राजीव कुमार, रमन वर्मा, रिदिम, काजल, आरती ने बताया कि बिजली जाने के कारण कंप्यूटर नहीं चलते हैं।
इसके अलावा गर्मी के मौसम में भी पूरे वर्ष तक जनरेटर नहीं चले है।
जिले के 140 हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में सुविधा
शिक्षा विभाग ने जिले के करीब 140 हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में जेनरेटर रखे थे। विभाग ने केवल एक बार ही स्कूलों को तेल के पैसे दिए हैं। प्रधानाचार्यों ने बताया कि जब से स्कूलों में जनरेटर आए हैं, केवल एक बार ही चार हजार रुपये की राशि तेल के लिए दी थी। जो केवल एक वर्ष में ही खत्म हो गई। उसके बाद पैसे न दिए जाने के कारण जेनरेटर बंद पड़े हैं।
जिले के स्कूलों में लाइट न होने पर कंप्यूटर चलाने के लिए दिए गए जेनरेटर तोड़ रहे दम
स्कूलों में जेनरेटर को तेल देने का कार्य डायरेक्टर ऑफिस का है। जिला शिक्षा विभाग का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। स्कूलों की समस्या के बारे में डायरेक्टर को सूचित कर दिया जाएगा।
शमशेर सिरोही, जिला उप शिक्षा अधिकारी।
यदि इसकी जांच करवाई जाए तो बड़ी गड़बड़ी सामने आ सकती है।
अमर उजाला ब्यूरो
कैथल। जिले के स्कूलों में कंप्यूटर चलाने के लिए दिए गए जेनरेटर तेल के अभाव में धूल फांक रहे हैं। तेल के लिए बजट न मिलने से जेनरेटर बंद पड़े हैं। कई स्कूलों में चलाए न जाने के कारण खराब भी हो गए हैं। चार साल पूर्व स्कूलों में दिए गए जेनरेटर्स को चलाने के लिए केवल एक बार तेल का पैसा दिया गया है।
विद्यार्थियों की पढ़ाई हो रही है प्रभावितः स्कूलों में जनरेटर न चलने के कारण विद्यार्थियों पढ़ाई को प्रभावित हो रही है। बिजली गुल होने पर स्कूलों में कंप्यूटर चलाने में परेशानी उठानी पड़ रही है। शहरों की अपेक्षा गांवों में दिन के समय लगभग बिजली गुल रहती है। विद्यार्थी संजीव कुमार, राजीव कुमार, रमन वर्मा, रिदिम, काजल, आरती ने बताया कि बिजली जाने के कारण कंप्यूटर नहीं चलते हैं।
इसके अलावा गर्मी के मौसम में भी पूरे वर्ष तक जनरेटर नहीं चले है।
जिले के 140 हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में सुविधा
शिक्षा विभाग ने जिले के करीब 140 हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में जेनरेटर रखे थे। विभाग ने केवल एक बार ही स्कूलों को तेल के पैसे दिए हैं। प्रधानाचार्यों ने बताया कि जब से स्कूलों में जनरेटर आए हैं, केवल एक बार ही चार हजार रुपये की राशि तेल के लिए दी थी। जो केवल एक वर्ष में ही खत्म हो गई। उसके बाद पैसे न दिए जाने के कारण जेनरेटर बंद पड़े हैं।
जिले के स्कूलों में लाइट न होने पर कंप्यूटर चलाने के लिए दिए गए जेनरेटर तोड़ रहे दम
स्कूलों में जेनरेटर को तेल देने का कार्य डायरेक्टर ऑफिस का है। जिला शिक्षा विभाग का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। स्कूलों की समस्या के बारे में डायरेक्टर को सूचित कर दिया जाएगा।
शमशेर सिरोही, जिला उप शिक्षा अधिकारी।
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