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गले की फांस बनेगा पंजाब के समान वेतनमान
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : भाजपा सरकार ने सत्ता संभालते
ही कर्मचारियों के हाथ में आंदोलन का बड़ा मुद्दा दे दिया है।
पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार के पहली नवंबर से पंजाब के समान वेतनमान देने के
निर्णय की नई सरकार द्वारा समीक्षा करने की घोषणा से
कर्मचारियों में नाराजगी है। इसके लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे
कर्मचारी सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी में हैं। 1जानकारी के
मुताबिक सर्व कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल जल्द
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करेगा। मुख्यमंत्री से
मुलाकात का समय लेने के प्रयास किए जा रहे हैं। सर्व कर्मचारी संघ के
प्रधान धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा का कहना है
कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय
से अवगत कराया जाएगा। पूर्व सरकार में मानी गई मांगों को लागू
करने की बजाय उनकी समीक्षा करना अनुचित है। कैबिनेट के
फैसलों की समीक्षा करने का सीधा अर्थ है कि वर्तमान सरकार
कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन नहीं देना चाहती। 1उन्होंने
कहा कि कर्मचारियों ने लंबे संघर्ष के बाद पिछली सरकार को मांगें
मानने के लिए विवश किया था। सर्व कर्मचारी संघ ने संघर्ष के दौरान
सभी भाजपा विधायकों को बार-2 मांग पत्र सौंपे थे, लेकिन उस
समय किसी ने विरोध
नहीं जताया तथा कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया था।
भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में गेस्ट टीचरांे सहित सभी कच्चे
कर्मचारियांे को पक्का करने व पुलिस सहित अन्य
कर्मचारियांे को पंजाब के समान वेतनमान देने
का भरोसा दिया गया है। अब कैबिनेट की पहली ही मीटिंग में पूर्व
सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों पर रोक लगाने से कर्मचारियांे में
भारी नाराजगी है। 1सुभाष लांबा का कहना है कि सर्व
कर्मचारी संघ को सरकार के इस रवैये पर गहरा अफसोस है।
भाजपा सरकार पिछली सरकार के कैबिनेट के फैसलों को जल्द लागू
करें, वरना भविष्य में उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।
ही कर्मचारियों के हाथ में आंदोलन का बड़ा मुद्दा दे दिया है।
पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार के पहली नवंबर से पंजाब के समान वेतनमान देने के
निर्णय की नई सरकार द्वारा समीक्षा करने की घोषणा से
कर्मचारियों में नाराजगी है। इसके लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे
कर्मचारी सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी में हैं। 1जानकारी के
मुताबिक सर्व कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल जल्द
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करेगा। मुख्यमंत्री से
मुलाकात का समय लेने के प्रयास किए जा रहे हैं। सर्व कर्मचारी संघ के
प्रधान धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा का कहना है
कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय
से अवगत कराया जाएगा। पूर्व सरकार में मानी गई मांगों को लागू
करने की बजाय उनकी समीक्षा करना अनुचित है। कैबिनेट के
फैसलों की समीक्षा करने का सीधा अर्थ है कि वर्तमान सरकार
कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन नहीं देना चाहती। 1उन्होंने
कहा कि कर्मचारियों ने लंबे संघर्ष के बाद पिछली सरकार को मांगें
मानने के लिए विवश किया था। सर्व कर्मचारी संघ ने संघर्ष के दौरान
सभी भाजपा विधायकों को बार-2 मांग पत्र सौंपे थे, लेकिन उस
समय किसी ने विरोध
नहीं जताया तथा कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया था।
भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में गेस्ट टीचरांे सहित सभी कच्चे
कर्मचारियांे को पक्का करने व पुलिस सहित अन्य
कर्मचारियांे को पंजाब के समान वेतनमान देने
का भरोसा दिया गया है। अब कैबिनेट की पहली ही मीटिंग में पूर्व
सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों पर रोक लगाने से कर्मचारियांे में
भारी नाराजगी है। 1सुभाष लांबा का कहना है कि सर्व
कर्मचारी संघ को सरकार के इस रवैये पर गहरा अफसोस है।
भाजपा सरकार पिछली सरकार के कैबिनेट के फैसलों को जल्द लागू
करें, वरना भविष्य में उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।
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