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3 घंटे 21 मिनट में सफल हुआ ‘ऑपरेशन अरेस्ट, आश्रम खाली करवाने के बाद रात 9.21 पर किया गिरफ्तार
रामपाल गिरफ्तार, हाईकोर्ट में पेशी आज
पंचकूला के जनरल अस्पताल में मेडिकल जांच, स्वस्थ मिले
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हिसार के सतलोक आश्रम से गिरफ्तार किए गए संत रामपाल को वीरवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। संत को गिरफ्तार करने के बाद देर रात 12.50 बजे पंचकूला लाया गया। इसके बाद सेक्टर छह स्थित जिला अस्पताल में उनका मेडिकल कराया गया। रात दो बजे बाबा की मेडिकल जांच पूरी हुई। अस्पताल के प्रवक्ता राजेश राजू ने बताया कि जांच में उन्हें पूरी तरह स्वस्थ पाया गया।
भारी सुरक्ष्ाा व्यवस्थ्ाा के बीच रामपाल को एक एंबुलेंस पंचकूला के जनरल अस्पताल लेकर पहुंची। बरवाला आश्रम से मुंह ढंककर निकले रामपाल अब सिर्फ सिर पर तौलिया डाले हुए थे। तत्काल सुरक्षा कर्मी उन्हें लिफ्ट से तीसरी मंजिल पर स्थित जनरल वार्ड ले गए।
इससे पहले हिसार में रामपाल की गिरफ्तारी के बाद चंडीगढ़ लाने की सूचना पर पंचकूला और चंडीगढ़ प्रशासन सक्रिय हो गया। संत के मेडिकल के लिए पंचकूला जिला अस्पताल और गवर्नमेंट मेडिकल कालेज अस्पताल (जीएमसीएच) चंडीगढ़ को तैयार किया गया था। जीएमसीएच के ब्लाक सी के रूम नंबर 71 को रामपाल को रखने की पूरी तैयारी की गई थी। अस्पताल पर पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती भी कर दी गई थी। लेकिन, देर रात प्रशासन ने रामपाल का मेडिकल पंचकूला के सेक्टर छह स्थित अस्पताल में कराने का फैसला किया। संत को जिला अस्पताल की तीसरी मंजिल स्थित जनरल वार्ड ले जाकर मेडिकल कराया गया।
इससे पहले आश्रम से रामपाल की गिरफ्तारी के साथ ही चंडीगढ़ में हाई अलर्ट कर दिया थ्ाा। रामपाल के समर्थकों के आने की आशंका के कारण सभी नाकों पर पुलिस तैनात कर दी गई। पीसीआर की गश्त भी सिटी में बढ़ा दी गई। सेक्टर-32 के अस्पताल में डीआईजी एएस चीमा समेत चंडीगढ़ पुलिस के कई आला अधिकारी मौजूद रहे।
पंचकूला, चंडीगढ़ और जीरकपुर के साथ अस्पतालों मेें भी फोर्स की ड्यूटी लगा दी गई।
चंडीगढ़ पुलिस, सीआरपीएफ, आरएएफ और हरियाणा पुलिस के साथ रेलवे पुलिस भी संत की गिरफ्तारी के बाद अलर्ट हो गई है। सेक्टर-32 के अस्पताल में पुलिस के कमांडो को तैनात कर दिया था। वहीं बाहर चंडीगढ़ पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।
20 हजार समर्थकों को आश्रम से निकाला
459 समर्थक गिरफ्तार 200 को जेल भेजा
आश्रम पर सीआरपीएफ व आरएएफ के जवान काबिज
बरवाला के ग्रामीणों में खुशी का माहौल
अमर उजाला ब्यूरो
हिसार। अवमानना मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पेश न होकर पिछले 14 दिनों से पुलिस महकमे और प्रदेश सरकार की आंख की किरकिरी बने सतलोक आश्रम के प्रमुख रामपाल को बुधवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया। पांच हजार अनुयायियों से घिरे रामपाल को सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों ने आश्रम में घुसकर गिरफ्तार किया।
रामपाल सहित कइयों पर देशद्रोह सहित कई संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिनमें फांसी या उम्रकैद का प्रावधान है। आश्रम पर अब सीआरपीएफ के जवानों ने कब्जा कर लिया है, हालांकि पुलिस का कहना है कि आश्रम में अब भी तीन-चार हजार समर्थक हो सकते हैं। संत के बेटे, भाई व प्रवक्ता सहित 459 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से 200 को जेल भेज दिया गया है।
आईजी अनिल राव बताया कि रामपाल को 9.21 मिनट पर गिरफ्तार किया गया। पूरे दिन शांति से आश्रम के अनुयायियों के निकलने का इंतजार करती रही पुलिस अचानक शाम सात बजे सक्रिय हो गई और तीन गाड़ियों में सीआरपीएफ के जवान और पुलिस अधिकारी आश्रम में घुस गए। रात 9.30 बजे दो गाड़ियां बाहर निकलीं इनमें एक एंबुलेंस थी, जिसमें रामपाल था। ये गाड़ियां चंडीगढ़ रवाना हो गईं। इससे पूर्व 20 हजार अनुयायियों ने सरेंडर कर दिया था।
संबंधित पेज 2/10/माईसिटी पर
बिखर गई रामपाल की सल्तनत
अब कभी किसी बाबा के चक्कर में पड़ेंगे
संत पर देशद्रोह का मामला दर्ज, हो सकती है फांसी या उम्रकैद
•अमर उजाला ब्यूरो
हिसार। संत रामपाल पर मंगलवार की देर रात बरवाला थाने में हत्या का प्रयास, आगजनी, भारत सरकार के खिलाफ साजिश रचने और देशद्रोह का मामला दर्ज किया है। बरवाला थाने में 12 लोगों को नामजद किया गया है। इसमें संत रामपाल, प्रवक्ता राजकपूर, राजकुमार, महेंद्र, पुरुषोत्तम दास भाई, धर्मबीर ढांढा, तरूण कुमार, दीपदास, बलजीत सिंह, सिद्धार्थ, रविंद्र, राममेहर, जितेंद्र शामिल हैं।
पुलिस ने इन सभी पर 107, 147,148, 149, 186,188 व 120 बी इसके अलावा 121, 121ए, 122, 123, 224, 225, 307, 332, 342, 353, 436 आईपीसी व आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे पहले भी रामपाल पर चार मामले दर्ज हैं। इनमें 2006 व 2013 में अलग-अलग चार लोगों की मौत का मामला दर्ज है। करौंथा आश्रम की जमीन का मिलि्कयत व पुणे सि्थत
धाराएं और सजा
करीब 70 लोगों को गिरफ्तार किया संत का भाई व प्रवक्ता भी शामिल
विशेष पेज 12
•धारा 120ः अपराधिक षडयंत्र इसमें जो अपराध किया गया है उसके हिसाब से सजा तय होती है।
धारा 121ः देशद्रोह का मामला गर्वनमेंट ऑफ इंडिया के खिलाफ युद्ध छेड़ना अथवा कोशिश करना सजा : फांसी अथवा उम्रकैद। धारा 121एः देश के खिलाफ युद्ध का षडयंत्र रचना। सजा : उम्रकैद।
धारा 122ः भारत सरकार के खिलाफ युद्ध करने की मंशा से हथियार एकत्रित करना। सजा :उम्रकैद तक।
धारा 123ः युद्ध की मंशा से किसी चीज को छिपाना। सजा : दस साल ।
धारा 307ः हत्या का प्रयास। सजा: दस साल अथवा उम्रकैद।
धारा 436ः आगजनी करना। सजा: उम्रकैद अथवा दस साल की।
तुरंत करें अपडेट
रामपाल को गिरफ्तार कर पंचकूला लाया गया है। वीरवार को उसको हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा।
-मोहम्मद अकील, एडीजीपी (कानून व्यवस्था), हरियाणा
संत के समर्थकों का शहर में जमावड़ा होने की आशंका के चलते चंडीगढ़ पुलिस कंट्रोल रूम से लगातार वायरलेस पर मैसेज दिया जाता रहा कि जैसे ही रामपाल के समर्थक दिखें तो तुरंत ही उनकी जानकारी दी जाए और उनको रोका जाए। चंडीगढ़-जीरकपुर, ढिल्लो बैरियर, मोहाली बैरियर के साथ रेलवे स्टेशन पर भी इसकी जानकारी दे दी गई।
सफेद रंग की बसों की जांच
सिटी के हरेक नाके से गुजरने वाली सफेद रंग की बसों और ट्रकों को लगातार चेक किया जाता रहा। पुलिस सूत्रों के अनुसार संत के समर्थकों के आने की आशंका के तहत यह चेकिंग की गई। इसके साथ ही हरियाणा रोडवेज की बसों और अन्य प्राइवेट वाहनों पर भी पुलिस की नजर रही
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आश्रम नहीं, कुकृत्यों का अड्डा
रामपाल की गिरफ्तारी के बाद देर रात सतलोक आश्रम में तलाशी के दौरान पुलिस को कंडोम, महिला शौचालयों में खुफिया कैमरे, नशीली दवाएं, बेहोशी की हालत में पहुंचाने वाली गैस, अश्लील साहित्य समेत भारी तादाद में आपत्तिजनक सामग्री मिली। 1यह तो शुरुआत है। आंशका जताई जा रही है कि आश्रम में अभी और क्या-क्या मिलेगा। बुधवार को आश्रम से बाहर आने पर महिलाओं ने भी चौंकाने वाले अनेक खुलासे किए। उनके अनुसार निजी कमांडो उन्हें बंधक बनाकर दुराचार तक करते थे। विरोध करने पर कई दिनों तक पहनने को कपड़े तक नहीं दिया था। ऐसी जगह रखते थे कि किसी तक उनकी आवाज नहीं पहुंच सकती थी। पुलिस ने भी मामले की पुष्टि की है। उनके अनुसार महिलाएं यहां दवाई लेने भी आती थीं लेकिन उनके साथ दुराचार किया जाता था। सास-बहू को पुलिस कार्रवाई के बाद पहनने को कपड़े मिले और निजी कमांडो की कैद से आजाद हो पाई हैं।
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