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हरियाणा
खजानाखाली होने का बहाना बनाकर पेंशन बढ़ाने और पंजाब के बराबर वेतनमान देने से ठिठक रही खट्टर सरकार के लिए अब वादे के अनुसार बेरोजगारी भत्ता देने की चुनौती होगी। भाजपा ने बुढ़ापा-विधवा और विकलांग पेंशन दो हजार रुपए करने की घोषणा की, लेकिन बढ़ाई 200 रुपए। इतनी बढ़ाने में भी सरकार पर 500 करोड़ रुपए सालाना का खर्च बढ़ गया। जबकि बेरोजगारी भत्ता छह और नौ हजार करने में सरकार पर इससे भी ज्यादा बोझ पड़ेगा। इधर, आलम यह है कि बेरोजगार के तौर पर नाम दर्ज कराने के लिए प्रदेशभर के रोजगार कार्यालयों में भीड़ लगी है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अपने निर्वाचन जिले करनाल में रोजाना औसतन साढ़े तीन सौ युवा नाम पंजीकृत करा रहे हैं। फरीदाबाद के सेक्टर-28 में रहने वाली सुमन कहती हैं, 'भाजपा ने बेरोजगारी भत्ता बढ़ाने की घोषणा की थी, इसलिए अब रजिस्ट्रेशन कराया है।' फतेहाबाद जिले की ग्रेजुएट ममता कहती हैं, 'भत्ता मिलेगा, इस उम्मीद में नाम दर्ज करा लिया, अब देखते हैं कि नई सरकार कितना भला करती है। ब्यूटिशिनय का कोर्स कर चुकी कैथल के पबनावा गांव की 12वीं पास निर्मल कहती हैं कि रोजगार तो नहीं मिला, चलो भत्ता ही मिल जाए। अम्बाला की जिला सहायक रोजगार अधिकारी कविता मानती हैं कि नाम पंजीकरण करवाने वालों की भीड़ बढ़ी है।
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खजानाखाली होने का बहाना बनाकर पेंशन बढ़ाने और पंजाब के बराबर वेतनमान देने से ठिठक रही खट्टर सरकार के लिए अब वादे के अनुसार बेरोजगारी भत्ता देने की चुनौती होगी। भाजपा ने बुढ़ापा-विधवा और विकलांग पेंशन दो हजार रुपए करने की घोषणा की, लेकिन बढ़ाई 200 रुपए। इतनी बढ़ाने में भी सरकार पर 500 करोड़ रुपए सालाना का खर्च बढ़ गया। जबकि बेरोजगारी भत्ता छह और नौ हजार करने में सरकार पर इससे भी ज्यादा बोझ पड़ेगा। इधर, आलम यह है कि बेरोजगार के तौर पर नाम दर्ज कराने के लिए प्रदेशभर के रोजगार कार्यालयों में भीड़ लगी है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अपने निर्वाचन जिले करनाल में रोजाना औसतन साढ़े तीन सौ युवा नाम पंजीकृत करा रहे हैं। फरीदाबाद के सेक्टर-28 में रहने वाली सुमन कहती हैं, 'भाजपा ने बेरोजगारी भत्ता बढ़ाने की घोषणा की थी, इसलिए अब रजिस्ट्रेशन कराया है।' फतेहाबाद जिले की ग्रेजुएट ममता कहती हैं, 'भत्ता मिलेगा, इस उम्मीद में नाम दर्ज करा लिया, अब देखते हैं कि नई सरकार कितना भला करती है। ब्यूटिशिनय का कोर्स कर चुकी कैथल के पबनावा गांव की 12वीं पास निर्मल कहती हैं कि रोजगार तो नहीं मिला, चलो भत्ता ही मिल जाए। अम्बाला की जिला सहायक रोजगार अधिकारी कविता मानती हैं कि नाम पंजीकरण करवाने वालों की भीड़ बढ़ी है।
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(यह पहले सप्ताह का आंकड़ा है। 30 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं।)
जिला पंजीकरण
बेरोजगारी भत्ता पाने की पात्रता में एक शर्त यह है कि परिवार की वार्षिक आय 50 हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह शर्त वर्षों पुरानी है। इसकी सही से पालना हो तो मनरेगा का मजदूर, जिसे महीने में 20 दिन भी काम मिल रहा है, उसके परिवार के सदस्य को भी भत्ता मिले। क्योंकि प्रदेश में मनरेगा की मजदूरी 236 रुपए है। महीने में औसतन 20 दिन काम मिलने पर उसे साल भर में 56 हजार रुपए मिलेंगे।
कम से कम तीन वर्ष से रोजगार कार्यालय में नाम दर्ज हो।
उम्र 35 वर्ष से अधिक हो।
आवेदक छात्र, ट्रेनी या अप्रेंटिस हो। अपना रोजगार हो।
भत्ता कई मायनों में उल्लेखनीय होगा
{ज्यादातरनिजी स्कूलों में टीचरों की सेलरी इतनी नहीं होती। {बड़े-बड़े शोरूम में काम करने वाले सेल्समैन की सेलरी इतनी नहीं होती। {ज्यादातर प्राइवेट दफ्तरों में काम करने वालों को इतना वेतन नहीं मिलता।
{जींद 833
{पानीपत454
{सिरसा245
{कुरुक्षेत्र592
{कैथल160
{फरीदाबाद150
{फतेहाबाद300
{गुड़गांव130
{भिवानी400
8 लाख से ज्यादा बेरोजगार पंजीकृत
वादेके अनुसार बेरोजगारी भत्ता देने के लिए प्रदेश सरकार को सालाना 700 करोड़ रुपए ज्यादा की जरूरत होगी। 2011-12 में रोजगार विभाग ने प्रदेश में करीब 69 हजार युवाओं को 54.77 करोड़ रुपए का बेरोजगारी भत्ता बांटा। तब बेरोजगारी भत्ते की दर 100 से लेकर ,500 रुपए ही थी। अब जिस तेजी से युवा नाम दर्ज करवा रहे हैं, आंकड़ा बहुत आगे जाएगा। यहां बता दें कि रोजगार विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक मार्च 2013 तक प्रदेश में 8.19 लाख बेरोजगार पंजीकृत हैं।
पानीपत के रोजगार कार्यालय में पिछले कई दिनों से युवाओं की भीड़ आवेदन करने के लिए जुट रही है।
पानीपत. रोजगारकार्यालय में फार्म जमा करवाने आई अनिता को जब भत्ते की पात्रता के लिए आेवर ऐज होने का पता चला तो वह बिलख उठी। उसने बताया कि पति चार साल से कोमा में हैं। बच्चों के पालन पोषण के लिए पैसे की सख्त जरुरत है।
जिला पंजीकरण
बेरोजगारी भत्ता पाने की पात्रता में एक शर्त यह है कि परिवार की वार्षिक आय 50 हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह शर्त वर्षों पुरानी है। इसकी सही से पालना हो तो मनरेगा का मजदूर, जिसे महीने में 20 दिन भी काम मिल रहा है, उसके परिवार के सदस्य को भी भत्ता मिले। क्योंकि प्रदेश में मनरेगा की मजदूरी 236 रुपए है। महीने में औसतन 20 दिन काम मिलने पर उसे साल भर में 56 हजार रुपए मिलेंगे।
कम से कम तीन वर्ष से रोजगार कार्यालय में नाम दर्ज हो।
उम्र 35 वर्ष से अधिक हो।
आवेदक छात्र, ट्रेनी या अप्रेंटिस हो। अपना रोजगार हो।
भत्ता कई मायनों में उल्लेखनीय होगा
{ज्यादातरनिजी स्कूलों में टीचरों की सेलरी इतनी नहीं होती। {बड़े-बड़े शोरूम में काम करने वाले सेल्समैन की सेलरी इतनी नहीं होती। {ज्यादातर प्राइवेट दफ्तरों में काम करने वालों को इतना वेतन नहीं मिलता।
{जींद 833
{पानीपत454
{सिरसा245
{कुरुक्षेत्र592
{कैथल160
{फरीदाबाद150
{फतेहाबाद300
{गुड़गांव130
{भिवानी400
8 लाख से ज्यादा बेरोजगार पंजीकृत
वादेके अनुसार बेरोजगारी भत्ता देने के लिए प्रदेश सरकार को सालाना 700 करोड़ रुपए ज्यादा की जरूरत होगी। 2011-12 में रोजगार विभाग ने प्रदेश में करीब 69 हजार युवाओं को 54.77 करोड़ रुपए का बेरोजगारी भत्ता बांटा। तब बेरोजगारी भत्ते की दर 100 से लेकर ,500 रुपए ही थी। अब जिस तेजी से युवा नाम दर्ज करवा रहे हैं, आंकड़ा बहुत आगे जाएगा। यहां बता दें कि रोजगार विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक मार्च 2013 तक प्रदेश में 8.19 लाख बेरोजगार पंजीकृत हैं।
पानीपत के रोजगार कार्यालय में पिछले कई दिनों से युवाओं की भीड़ आवेदन करने के लिए जुट रही है।
पानीपत. रोजगारकार्यालय में फार्म जमा करवाने आई अनिता को जब भत्ते की पात्रता के लिए आेवर ऐज होने का पता चला तो वह बिलख उठी। उसने बताया कि पति चार साल से कोमा में हैं। बच्चों के पालन पोषण के लिए पैसे की सख्त जरुरत है।
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