www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news) www.facebook.com/teacherharyana
केंद्र की नीतियों का जोरदार
विरोध करेंगे कर्मचारी
नेपाल, बांग्लादेश व श्रीलंका के कर्मचारी प्रतिनिधि भी लेंगे
भाग
चंडीगढ़ : श्रम कानूनों में
कर्मचारी व मजदूर
विरोधी संशोधन करने पर
सभी राज्यों के
सरकारी कर्मचारी केंद्र
सरकार के खिलाफ
मोर्चा खोलने जा रहे हैं।
सरकारी विभागों में लागू
की जा रही आउटसोर्सिग
नीतियों के खिलाफ
भी राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू
करने की तैयारी है। ऑल
इंडिया स्टेट गवर्नमेंट
इम्पलाईज फेडरेशन 20 से 23
दिसंबर तक होने जा रहे 15वें
राष्ट्रीय सम्मेलन में
इसकी घोषणा करेगी। सम्मेलन
का आयोजन चंडीगढ़ के साथ सटे
जीरकपुर में किया जा रहा है।
अखिल भारतीय राज्य
सरकारी कर्मचारी महासंघ के
सहायक महासचिव सुभाष
लांबा व उपाध्यक्ष वेद
प्रकाश शर्मा ने
बताया कि सम्मेलन में
सभी राज्यों से लगभग
दो हजार चुने हुए
प्रतिनिधि भाग लेंगे। नेपाल,
बंग्लादेश व श्रीलंका के
कर्मचारियों के
प्रतिनिधि भी विशेष तौर
पर भाग लेने आ रहे हैं। 20
दिसंबर को खुले अधिवेशन
का आयोजन किया जाएगा।
इसमें मजदूर नेता एवं राज्य
सभा सांसद तपन सेन, केंद्रीय
कर्मचारी परिसंघ के
महासचिव एम कृष्णन, पंजाब के
मजदूर नेता रघुनाथ
शर्मा इत्यादि अपनी विचार
रखेंगे। 22 दिसंबर
को कामकाजी महिलाओं
का विशेष सत्र आयोजित
किया जाएगा। इसे सीटू
की उपाध्यक्ष डॉ. के
हेमलता मुख्य वक्ता के तौर पर
संबोधित करंेगी। 23 दिसंबर
को कई प्रस्ताव पारित किए
जाएंगे। सम्मेलन के अंतिम सत्र में नई राष्ट्रीय कमेटी का चुनाव भी होगा।
ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख
मांगें
कच्चे कर्मचारियों को बिना शर्त पक्का करना।
7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट
जनवरी, 2016 से लागू करें।
अनुबंध कर्मचारियांे को नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान।
जनवरी 2004 से सेवा में
आए कर्मचारियों को सेवा पर
आधारित परिभाषित पेंशन
स्कीम के तहत पेंशन।
सभी राज्यों में खाली पड़े 50 लाख से अधिक पदांे पर
स्थायी भर्ती।
बैंक, बीमा, रक्षा, रेलवे, टेलीकॉम में एफडीआइ नहीं।
महंगाई पर रोक, ईपीएफ व जीपीएफ की ब्याज दर 12 प्रतिशत करें।
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment