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स्टेट की जांच पर उठाए सवाल
मामला क्या था
जागरण संवाददाता चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अध्यापक पात्रता परीक्षा (स्टेट) परीक्षा में धांधली के मामले की सही जांच न करने पर हरियाणा के प्राथमिक शिक्षा निदेशक को को कड़ी फटकार लगाई। पीठ ने जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग मामले की सही जांच नहीं कर पा रहा है। बार-बार समय लेने के बाद कई साल बीत जाने के बाद भी जांच के नाम पर केवल खेल खेला जा रहा है। अगली 27 जनवरी को होगी। सुनवाई के दौरान निदेशक के यह कहने पर कि इस विभाग में अभी नए आए हैं, पीठ ने कहा क्यों न उनको इस पद से हटा दिया जाए। पीठ ने स्पष्ट इशारा कर दिया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। जब भी कोर्ट में सुनवाई होती है तभी तेजी दिखाई देती है, लेकिन पीठ मामले को हल्के में नहीं लेगी। पीठ ने निदेशक को आदेश दिया कि वे हर सुनवाई पर पेश हों। इससे पूर्व सुनवाई के दौरान प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने पीठ को बताया कि 6060 टीचर के हस्ताक्षरों की जांच के लिए एसएफएल लैब को कहा गया है। याचिकाकर्ता के वकील जसबीर मोर ने बताया कि पीठ पहले ही निर्देश दे चुकी है कि सभी चयनित टीचर के जांच के लिए आवेदन फार्म पर हस्ताक्षर और पात्रता परीक्षा की ओएमआर शीट पर मौजूद अंगूठे के निशान की जांच की जाए लेकिन विभाग की इस मामले में केवल समय पास कर रही है जब हाईकोर्ट सालों पहले ही अपने आदेश में हस्ताक्षर और पात्रता परीक्षा की ओएमआर शीट पर मौजूद अंगूठे के निशान मिलान के निर्देश दे चुका है तो विभाग ने पहले केवल अंगूठे के निशान की जांच करवाई और अब जाकर हस्ताक्षर मिलान की बात कर रहे हैं। पीठ को बताया गया कि एसएफएल लैब भी इस मामले की जांच के लिए सही समय नहीं दे पा रही है और वो अपने समय के हिसाब से जांच कर रहे हैं। जस्टिस राजेश बिंदल ने एसएफएल पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो अपनी मर्जी के मालिक नहीं बन सकते, उनको हाईकोर्ट के आदेश पर जांच तुंरत करनी पड़ेगी। पीठ ने एसएफएल के निदेशक को अगली सुनवाई पर कोर्ट रूम में पेश होने का आदेश दिया।
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