डायस की वार्षिक रिपोर्ट निराशाजनक....47 हजार पदों पर पर होंगी भर्तियां नौकरी में नहीं चलेगी सिफारिश : खट्टर........स्कूल डायरी में मिली खामियां, हेड से मांगा स्पष्टीकरण........................



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सरकार के खिलाफ रोडवेज कर्मचारियों ने खोला मोर्चा
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़ । हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर ऑल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर 15 मार्च तक ध्यान नहीं दिया गया तो वे राज्य स्तर पर आंदोलन करेंगे। कमेटी ने इस संबंध में एक ज्ञापन राज्य के परिवहन मंत्री को भी सौंपा है। एक्शन कमेटी कुरुक्षेत्र में 23 मार्च को राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन कर अगली रणनीति तय करेगी।
वीरवार को यहां आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में ज्वाइंट एक्शन कमेटी में शामिल ऑल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान हरिनारायण शर्मा और हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने संयुक्त रूप से बताया कि उनकी कमेटी ने रोडवेज महानिदेशक चंद्रप्रकाश से भी मुलाकात की है। कमेटी के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में नई सरकार रोडवेज को लेकर आए दिन घोषणाएं तो कर रही है, लेकिन काम कुछ नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि कमेटी के पदाधिकारी कई बार संबंधित मंत्री और अफसरों से भी मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें कोरे आश्वासन ही दिए जा रहे हैं।
कमेटी के पदाधिकारियों ने 20 वर्षों से रोडवेज में चालकों-परिचालकों की भर्ती नहीं की जा रही। इससे मौजूदा कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक बोझ है।
उन्होंने कहा कि रोडवेज कर्मियों को पिछले साल से बोनस भी नहीं मिला है और रोडवेज के कच्चे कर्मचारियों को पिछली सरकार के फैसले के बावजूद अब तक पक्का नहीं किया गया है। उन्होंने 30 सूत्री मांग पत्र पेश करते हुए रोडवेज बसों की संख्या 8 हजार किए जाने की मांग की। जोकि अब केवल 4 हजार ही हैं। इसके अलावा निजी बसों को परमिट दिए जाने का भी विरोध किया। इस मौके पर एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दिलबाग गिल, अजय शर्मा, प्रेस सचिव बलवान सिंह, रमेश सैनी, आजाद आदि थे।
ऑल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन ने किया निजी परमिट का विरोध
आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा, सरकार दे रही कोरे आश्वासन
परिवहन मंत्री से मिले

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निराशाजनक तस्वीर111स्कूल शिक्षा से संबंधित जिला सूचना तालिका यानी डायस की वार्षिक रिपोर्ट चौंकाने वाली होने के साथ निराशाजनक भी है। सरकार व शिक्षा विभाग के लाख प्रयासों के बावजूद राजकीय प्राइमरी स्कूलों में ड्रॉपआउट का सिलसिला थम नहीं रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि सरकारी प्राइमरी स्कूलों में ड्रॉपआउट की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ी है। इतना ही नहीं मिड डे मील, मुफ्त शिक्षा और शिक्षा का अधिकार कानून के तहत परीक्षा न होने के बाद भी सरकारी स्कूलों में नए दाखिलों का रुझान उत्साहजनक नहीं रहा, किसी हद तक यह नकारात्मक रूप ही ले रहा है। सरकार को अपनी नीति और योजनाओं पर गहन मंथन करके लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में आ रही बाधाओं की प्राथमिकता से पहचान करनी होगी। कई नितांत औपचारिक क्रियाकलापों को बंद करके परिणामोन्मुखी अभ्यास को तरजीह देनी होगी। यदि कन्या शिक्षा की ओर नजर डालें तो ड्रॉपआउट की स्थिति बेहद चिंताजनक नजर आती है। यदि दूसरी से बारहवीं तक के आंकड़ों को देखें तो साफ पता चल जाएगा कि शिक्षा विभाग के प्रयासों का क्या हश्र हो रहा है। घोषणाओं की जितनी अधिक चकाचौंध बिखेरी गई, आधार उतना ही धुंधला होता गया। 1 सरकार शायद समाज के बदलती प्रवृत्ति और नई पीढ़ी की रूचि और प्राथमिकताओं को समझ नहीं पा रही। रुझान संकेत दे रहे हैं कि प्रतिस्पर्धात्मक दौर की आवश्यकताएं, अपेक्षाएं पूरी करने में सरकारी स्कूल सफल नहीं हो पा रहे इसलिए अभिभावकों और बच्चों की प्राथमिकता में निजी स्कूल ही शामिल रहते हैं। एक कड़वा सच है कि बच्चों की संख्या कम होने के कारण 578 सरकारी स्कूलों को बंद कर दया गया और 1200 विद्यालयों को समायोजित करने की तैयारी की जा रही है। सरकारी स्कूलों से विद्यार्थियों के विमुख होने के अनेक कारण विभाग को बार-बार बताए जा रहे है लेकिन किसी पर गंभीरता से अमल करने के बजाय औपचारिकताएं निभाने पर ही अधिक ध्यान दिया जा रहा है। विडंबना देखिये कि निजी स्कूलों को मान्यता देते वक्त स्वच्छ पेयजल, शौचालय, खेल मैदान, बिजली की नियमित आपूर्ति जैसी जिन मूलभूत सुविधाओं की अनिवार्यता बताई जाती है, आधे से अधिक सरकारी स्कूलों में ही ये उपलब्ध नहीं।

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47 हजार पदों पर योग्यता के आधार पर होंगी भर्तियां
नौकरी में नहीं चलेगी सिफारिश : खट्टर
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों को नौकरियों में पारदर्शी सिस्टम बनाने के निर्देश दिए हैं। राज्य में शीघ्र ही 47 हजार पदों पर भर्तियां होनी हैं, जिन्हें भरने के लिए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी नेता या अधिकारी की लिस्ट पर नहीं बल्कि योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि वे नौकरियों में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कार्यप्रणाली तैयार करें। नेता अपने क्षेत्र के लोगों को नौकरियों का आश्वासन देकर वोट बटोरते हैं, बाद में अपने चहेतों को नौकरी पर लगवाते हैं, जिससे व्यवस्था बनाने में दिक्कत होती है।
पूर्व सरकार पर फोड़ा ठीकरा:
पूर्व सरकार पर पिछली नियुक्तियों का ठीकरा फोड़ते हुए खट्टर ने कहा है कि पिछली सरकार ने हजारों की संख्या में एडहॉक और कांट्रैक्ट कर्मी लगा दिए। इनमें गेस्ट टीचर सहित डीसी रेट वाले तमाम कर्मचारी हैं। सरकार आपातकालीन स्थित में कुछ कर्मचारी लगा सकती है, लेकिन करीब 60 हजार कर्मचारी लगा देने से मंशा साफ हो जाती है। अमर उजाला से बातचीत में मुख्यमंत्री ने संकेत दिए हैं कि सरकार शार्ट टर्म प्लॉन लेकर नहीं चल रही है। व्यवस्था परिवर्तन में समय लग सकता है, लेकिन व्यवस्था परिवर्तन के बाद प्रदेश की जनता को सरकार के निर्णयों की अहमियत पता चल जाएगी।
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हरियाणा सरकार ने माना निर्णयों का होगा दीर्घकालिक फायदा
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किसी नेता या अधिकारी की लिस्ट पर नहीं होगा अमल
47 हजार पदों के लिए शीघ्र ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें योग्यता के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी। जो नेता अपने भाषणों में यह कह रहे हैं कि उन्होंने पुराने समय में क्षेत्र से इतने युवाओं को नौकरी लगवाई। वे स्वयं इस बात का प्रमाण हैं कि पहले सिस्टम में क्या चलता था।
- मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री हरियाणा
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बीईओ को स्कूल डायरी में मिली खामियां, हेड से मांगा स्पष्टीकरण

सनौली | खंडशिक्षा अधिकारी रमेश कुमार ने गांव गोयला खुर्द
स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण
किया।
इस दौरान उन्होंने स्कूल डायरी चेक करने के साथ सफाई
व्यवस्था भी देखी। मिडिल हेड हरिसिंह सैनी की डायरी में कुछ
खामियां मिली। इसके लिए उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा। इस
दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि शिक्षक अपने अध्यापन कार्य
को गंभीरता से लें। इसमें किसी तरह की कोताही बरतें। शिक्षक
स्कूलों में समय पर पहुंचे।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों को पीने का पानी स्वच्छ
मिलना चाहिए ताकि उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। साथ
ही शौचालयों की सफाई भी नियमित रूप से होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि 24 फरवरी से स्कूल लेवल टेस्ट शुरू होंगे। जिसमें
पहली से आठवीं, नौंवी और
11वीं कक्षा की परीक्षा ली जाएगी।

=================================अब बैंक खातों से जुड़ेंगे राशन कार्ड

रिकाॅर्ड ऑनलाइन होने के साथ बैंक खातों आधार कार्ड
की डुप्लीकेट कॉपी भी होगी जमा
नरेशमेहरा | पानीपत
अबराशन कार्डों को भी बैंक खातों आधार कार्ड से
जोड़ा जाएगा। इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने
तैयारियां शुरू कर दी है। राशन कार्ड का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने
पर तो कामकाज पहले से ही चल रहा है।
विभाग ने डिपो होल्डरों के माध्यम से कार्ड
धारकों को भी सूचना भेजी जा रही है। विभागीय
अधिकारियों का दावा है कि इसके बाद राशन कार्डों में होने
वाले नाम-पते की गड़बड़ी में भी अंकुश लगेगा। बहुत ऐसे
उपभोक्ता भी हैं जो रहते कहीं पर हैं और अपना राशन कार्ड
कहीं ओर का बनवा लेते हैं। औद्योगिक नगरी होने के कारण पानीपत
में पड़ोसी राज्यों के लोग भी भारी संख्या में रहते हैं। इस समय
जिला में राशन कार्ड धारकों की संख्या 2,88,998 है।
^राशन कार्डों को डिजिटलाइज करने का कार्य जोरों से चल
रहा है। जल्दी ही पूरा रिकाॅर्ड ऑनलाइन हो जाएगा।
कार्डों को बैंकों से भी जोड़ा जाएगा। सभी राशन कार्ड धारक
अपने राशन कार्ड की डुप्लीकेट कॉपी के साथ बैंक आधार कार्ड
की डुप्लीकेट कॉपी जमा करा दें। निशामेहरा, डीएफएससी,
पानीपत
जिले में इस तरह हैं राशन कार्ड
प्रायरटीहाउस होल्ड एपीएल बीपीएल-सी बीपीएल-एस एएवाई
ग्रामीण 44,167 41485 7171 6137 1691
शहरी 61738 96655 20864 1587 7503
कुल 105905 138140 28035 7724 9494
-जिलेमें सभी कैटेगरी को मिलाकर राशन
कार्डों की संख्या 2,88,998 हैं।

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डाकघरमें अब 50 लाख रुपए तक का करा सकते हैं बीमा



अम्बाला| ग्राहकोंकी मांग को देखते हुए डाक विभाग ने अब
बीमा की राशि बढ़ाकर 20 लाख से 50 लाख कर दी है। इसके
अलावा फैक्ट्री में काम कर रहे लोग, जो पीएफ के दायरे में हैं, वे
भी डाक जीवन बीमा करा सकेंगे। अब कोई भी व्यक्ति 50 लाख
रुपए तक का बीमा करा सकता है। आईसीएसई या सीबीएसई बोर्ड
द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षक संस्थानों के शिक्षक
कर्मचारी भी इस बीमा का लाभ ले सकते हैं। वैसे फैक्ट्री या लोक
उपक्रम के कर्मचारी जो क्रेडिट कोऑपरेटिव के सदस्य हों, वे
भी इसका लाभ उठा सकते हैं। इस पॉलिसी से संगठित क्षेत्र में
बड़ी संख्या में काम कर रहे कर्मी डाक बीमा का लाभ ले सकते हैं।

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