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6 घंटे परीक्षा लेकर क्रूरता से पेश रहे हैं उच्च अधिकारी : माला सिंह
बराड़ा| सर्वकर्मचारीसंघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्ज फेडरेशन आॅफ
इंडिया से संबंधित हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के
जिला प्रधान माला सिंह, जिला वरिष्ठ उपप्रधान परमिन्द्र कौर
और जिला उपप्रधान राजेश ‘केसरी’ ने अपने संयुक्त बयान में हाल
ही में शिक्षा विभाग द्वारा मासिक टेस्ट के नाम पर किए गए
धोखे की निंदा की है।
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि विभाग के उच्चाधिकारियों ने
मासिक टेस्ट के नाम की सार्थकता का भी औचित्य नहीं समझा।
उल्लेखनीय है कि शुरू से ही अध्यापक मासिक टेस्ट 20 नम्बर का लेते हैं
और यह टेस्ट एक माह में पढ़ाए गए सिलेबस में से पीरियड के दौरान
ही लिया जाता है, लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों ने
समाचार पत्रों के माध्यम से अध्यापकों में दहशत फैलाने के लिए
लगातार तुगलकी फरमान जारी कर माह जनवरी की पढ़ाई
का नाश कर दिया है। पेपर तैयार कराने के खर्च और फिर रिजल्ट आन
लाइन करवाने के खर्च के लिए कोई बजट नहीं दिया। जिला प्रधान
माला सिंह ने बताया की बाल मनोविज्ञान से पूरी तरह
अनभिज्ञ उच्च-अधिकारी 6 घंटे परीक्षा लेकर बाल मनों से
क्रूरुता से पेश रहे हैं। पेपर बांटने में जिस तरह अव्यवस्था हुई अध्यापक संघ
उसका भी विरोध करता है और विभाग की गलत कार्य-
प्रणाली पर भी एतराज जताता है। जिला कार्य कारिणी 11
फरवरी को होने वाले सर्वकर्मचारी संघ के जिला सम्मेलन में इसके
खिलाफ प्रस्ताव पास कर आगामी कार्यवाही घोषित करेगी।
इंडिया से संबंधित हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के
जिला प्रधान माला सिंह, जिला वरिष्ठ उपप्रधान परमिन्द्र कौर
और जिला उपप्रधान राजेश ‘केसरी’ ने अपने संयुक्त बयान में हाल
ही में शिक्षा विभाग द्वारा मासिक टेस्ट के नाम पर किए गए
धोखे की निंदा की है।
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि विभाग के उच्चाधिकारियों ने
मासिक टेस्ट के नाम की सार्थकता का भी औचित्य नहीं समझा।
उल्लेखनीय है कि शुरू से ही अध्यापक मासिक टेस्ट 20 नम्बर का लेते हैं
और यह टेस्ट एक माह में पढ़ाए गए सिलेबस में से पीरियड के दौरान
ही लिया जाता है, लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों ने
समाचार पत्रों के माध्यम से अध्यापकों में दहशत फैलाने के लिए
लगातार तुगलकी फरमान जारी कर माह जनवरी की पढ़ाई
का नाश कर दिया है। पेपर तैयार कराने के खर्च और फिर रिजल्ट आन
लाइन करवाने के खर्च के लिए कोई बजट नहीं दिया। जिला प्रधान
माला सिंह ने बताया की बाल मनोविज्ञान से पूरी तरह
अनभिज्ञ उच्च-अधिकारी 6 घंटे परीक्षा लेकर बाल मनों से
क्रूरुता से पेश रहे हैं। पेपर बांटने में जिस तरह अव्यवस्था हुई अध्यापक संघ
उसका भी विरोध करता है और विभाग की गलत कार्य-
प्रणाली पर भी एतराज जताता है। जिला कार्य कारिणी 11
फरवरी को होने वाले सर्वकर्मचारी संघ के जिला सम्मेलन में इसके
खिलाफ प्रस्ताव पास कर आगामी कार्यवाही घोषित करेगी।
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