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नौकरी व दाखिलों पर लटकी तलवार
जासं, हिसार : सुप्रीम कोर्ट द्वारा जाट आरक्षण की अधिसूचना रद किए जाने से सैकड़ों लोगों की नौकरी व विद्यार्थियों के दाखिले पर तलवार लटक गई है। 1उच्च न्यायालय में हिसार की कुम्हार सभा, पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल केस लड़ रहे थे। खोवाल ने बताया कि उन्होंने जाट समुदाय के लोगों को ओबीसी कोटे में नौकरी देने और दाखिले देने पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी। अदालत ने उसके फैसले को मुख्य फैसले के साथ ही जोड़ने के आदेश दिए थे। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से पूर्व की केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी थी। आयोग ने जाट समुदाय को आरक्षण नहीं देने की सिफारिश की थी। 150 पेज की रिपोर्ट को केंद्र सरकार ने सही रिपोर्ट नहीं बताया और जाट समुदाय को चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले आरक्षण देने की घोषणा कर दी थी। जबकि अदालत ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सही बताया है। अदालत ने माना कि जिन आंकड़ों के आधार पर आरक्षण दिया गया वह पुराने थे। जबकि स्थितियां काफी बदल गई थी। 111 मई को सुनवाई : लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि प्रदेश में आरक्षण देने के मामले में भी हाईकोर्ट में 11 मई को सुनवाई होगी। उच्च न्यायालय के फैसले का इस केस पर भी पड़ सकता है।जासं, हिसार : सुप्रीम कोर्ट द्वारा जाट आरक्षण की अधिसूचना रद किए जाने से सैकड़ों लोगों की नौकरी व विद्यार्थियों के दाखिले पर तलवार लटक गई है। 1उच्च न्यायालय में हिसार की कुम्हार सभा, पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल केस लड़ रहे थे। खोवाल ने बताया कि उन्होंने जाट समुदाय के लोगों को ओबीसी कोटे में नौकरी देने और दाखिले देने पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी। अदालत ने उसके फैसले को मुख्य फैसले के साथ ही जोड़ने के आदेश दिए थे। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से पूर्व की केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी थी। आयोग ने जाट समुदाय को आरक्षण नहीं देने की सिफारिश की थी। 150 पेज की रिपोर्ट को केंद्र सरकार ने सही रिपोर्ट नहीं बताया और जाट समुदाय को चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले आरक्षण देने की घोषणा कर दी थी। जबकि अदालत ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सही बताया है। अदालत ने माना कि जिन आंकड़ों के आधार पर आरक्षण दिया गया वह पुराने थे। जबकि स्थितियां काफी बदल गई थी। 111 मई को सुनवाई : लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि प्रदेश में आरक्षण देने के मामले में भी हाईकोर्ट में 11 मई को सुनवाई होगी। उच्च न्यायालय के फैसले का इस केस पर भी पड़ सकता है।
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