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अब स्कूलों में विद्यार्थी पढ़ सकेंगे चीनी भाषा
रोहित गेरा, भिवानी
देशभर के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित स्कूलों में इस
सत्र से विद्यार्थी चीनी भाषा को भी पढ़ सकेंगे। बोर्ड की इस
पहल से कहीं न कहीं विद्यार्थी जहां विदेशी भाषा से रूबरू हो
सकेंगे, वहीं बढ़ते ग्लोबलाइजेशन में भारतीय विद्यार्थियों को
विदेशी भाषा का भी ज्ञान मिल सकेंगे। इतना ही नहीं
सीबीएसई का यह कदम भारत में बेहतर पढ़ाई करने के बाद चीन में
नौकरी करने का सपना संजोय बैठे विद्यार्थी के लिए एक वरदान
से कम नहीं होगा। बोर्ड के डायरेक्टर ने इसको लेकर देशभर के तमाम
स्कूलों में एक पत्र भेजा है। पत्र के अनुसार प्रथम चरण में शैक्षणिक सत्र
2015-16 में स्कूलों में विद्यार्थी चीनी भाषा के कोर्स को
वैकल्पिक रूप में ले सकेंगे। स्कूलों में विद्यार्थियों की रुचि को
देखने के बाद बोर्ड द्वारा इसे अनिवार्य किया जाएगा। पत्र में
बोर्ड द्वारा उल्लेख किया गया है कि विश्व में चीनी भाषा
व्यापक स्तर पर बोली जाती है। कहीं न कहीं चीन में नौकरी के
लिए जाने वाले विद्यार्थियों को चीनी भाषा न आने के
कारण उन्हें परेशानी झेलनी पड़ती है। सीबीएसई का उद्देश्य है कि
उनके संबंधित स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के समक्ष इस तरह
की दिक्कतें न आए। साथ ही वे चीनी में जानकर उनकी ही
भाषा में बातचीत करते हुए इंडिया का परचम लहरा सके।
देशभर के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित स्कूलों में इस
सत्र से विद्यार्थी चीनी भाषा को भी पढ़ सकेंगे। बोर्ड की इस
पहल से कहीं न कहीं विद्यार्थी जहां विदेशी भाषा से रूबरू हो
सकेंगे, वहीं बढ़ते ग्लोबलाइजेशन में भारतीय विद्यार्थियों को
विदेशी भाषा का भी ज्ञान मिल सकेंगे। इतना ही नहीं
सीबीएसई का यह कदम भारत में बेहतर पढ़ाई करने के बाद चीन में
नौकरी करने का सपना संजोय बैठे विद्यार्थी के लिए एक वरदान
से कम नहीं होगा। बोर्ड के डायरेक्टर ने इसको लेकर देशभर के तमाम
स्कूलों में एक पत्र भेजा है। पत्र के अनुसार प्रथम चरण में शैक्षणिक सत्र
2015-16 में स्कूलों में विद्यार्थी चीनी भाषा के कोर्स को
वैकल्पिक रूप में ले सकेंगे। स्कूलों में विद्यार्थियों की रुचि को
देखने के बाद बोर्ड द्वारा इसे अनिवार्य किया जाएगा। पत्र में
बोर्ड द्वारा उल्लेख किया गया है कि विश्व में चीनी भाषा
व्यापक स्तर पर बोली जाती है। कहीं न कहीं चीन में नौकरी के
लिए जाने वाले विद्यार्थियों को चीनी भाषा न आने के
कारण उन्हें परेशानी झेलनी पड़ती है। सीबीएसई का उद्देश्य है कि
उनके संबंधित स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के समक्ष इस तरह
की दिक्कतें न आए। साथ ही वे चीनी में जानकर उनकी ही
भाषा में बातचीत करते हुए इंडिया का परचम लहरा सके।
स्कूलों को बोर्ड को भेजने होंगे आवेदन
पत्र के अनुसार उक्त कोर्स को स्कूलों में शुरू करने से पहले स्कूल
संचालकों को उनके स्कूल का नाम, शहर का पिन कोड नंबर,
¨प्रसिपल का नाम, स्टाफ का ब्यौरा, उक्त विषयों को लेकर
आवेदन करने वाले संभावित विद्यार्थियों की संख्या का उल्लेख
करना होगा। तत्पश्चात ही बोर्ड द्वारा स्कूलों को कोर्स के
लिए अनुमति दी जाएगी।
पत्र के अनुसार उक्त कोर्स को स्कूलों में शुरू करने से पहले स्कूल
संचालकों को उनके स्कूल का नाम, शहर का पिन कोड नंबर,
¨प्रसिपल का नाम, स्टाफ का ब्यौरा, उक्त विषयों को लेकर
आवेदन करने वाले संभावित विद्यार्थियों की संख्या का उल्लेख
करना होगा। तत्पश्चात ही बोर्ड द्वारा स्कूलों को कोर्स के
लिए अनुमति दी जाएगी।
चीनी भाषा के ट्रेनरों को ढूंढने में करनी होगी मशक्त
स्कूलों में चीनी भाषा के वैकल्पिक कोर्स को पढ़ाने से पहले स्कूल
संचालकों को ऐसे ट्रेनरों को ढूंढने में कड़ी मशक्त करनी होगी।
यदि स्कूल अपने स्तर पर ट्रेनरों का इंतजाम नहीं कर पाते है तो उन्हें
बोर्ड द्वारा ट्रेनर मुहैया करवाए जाएंगे। तत्पश्चात ही स्कूलों में
उक्त कोर्स को वे शुरू कर पाएंगे।
स्कूलों में चीनी भाषा के वैकल्पिक कोर्स को पढ़ाने से पहले स्कूल
संचालकों को ऐसे ट्रेनरों को ढूंढने में कड़ी मशक्त करनी होगी।
यदि स्कूल अपने स्तर पर ट्रेनरों का इंतजाम नहीं कर पाते है तो उन्हें
बोर्ड द्वारा ट्रेनर मुहैया करवाए जाएंगे। तत्पश्चात ही स्कूलों में
उक्त कोर्स को वे शुरू कर पाएंगे।
स्कूलों को भेजा है पत्र : डायरेक्टर
एकेडमिक डायरेक्टर साधना पराशर का कहना है कि स्कूलों को
पत्र भेजा जा चुका है। इस सत्र से ही स्कूलों में उक्त विषय के कोर्स
को पढ़ाया जाएगा। रही ट्रेनरों की बात तो बोर्ड द्वारा
स्कूलों को उपलब्ध करवाए जाएंगे।
एकेडमिक डायरेक्टर साधना पराशर का कहना है कि स्कूलों को
पत्र भेजा जा चुका है। इस सत्र से ही स्कूलों में उक्त विषय के कोर्स
को पढ़ाया जाएगा। रही ट्रेनरों की बात तो बोर्ड द्वारा
स्कूलों को उपलब्ध करवाए जाएंगे।
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