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विदाई देकर फिर अपनाए जाएंगे ‘अतिथि’
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में सरप्लस चल रहे 4066 अतिथि शिक्षकों की विदाई एक बार तो तय है। राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना से बचने के लिए अतिथियों को अमित शाह की 26 मई की करनाल रैली के बाद किसी भी समय रिलीव कर सकती है। ऐसा कर एक तीर से दो निशाने साधने की तैयारी है। एक तो शाह की रैली में अतिथि शिक्षकों व्यवधान नहीं डाल पाएंगे और दूसरा 27 मई को सरकार हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अतिथियों को हटाने का रिकार्ड भी पेश कर देगी। 1सरकार ये कदम सोची-समझी रणनीति के तहत उठाने जा रही है। सरकार हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना नहीं ङोलना चाहती, इसलिए उनको अगली सुनवाई से ठीक पहले हटाया जाएगा। अतिथि शिक्षक पहले से ही हाईकोर्ट के एकल बेंच के फैसले के खिलाफ डिविजन बेंच में गए हुए हैं, वहां सरकार ढाल के तौर पर इनकी मदद करेगी। अतिथि को स्कूलों से हटाने के आदेशों के खिलाफ डिविजन बेंच से स्टे दिलाने की तैयारी है। अमित शाह की करनाल रैली से पहले सरकार कोई कठोर कदम उठाने की स्थिति में नहीं है। अतिथि के साथ छात्र, अभिभावक और स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां भी आंदोलन में उतर आई हैं। रैली से पहले सेवाएं खत्म करना सरकार के लिए मुसीबत मोल लेने से कम नहीं होगा, चूंकि पूरे प्रदेश में अतिथि सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन कर सकते हैं। मौलिक शिक्षा विभाग भी अतिथि शिक्षकों के नोटिस का जवाब मिलने के बावजूद इसलिए ही ठंडा पड़ा हुआ है। हाईकोर्ट की ओर से 11 मई को अतिथि को दो हफ्ते के भीतर नोटिस देकर नौकरी से हटाने की मियाद शनिवार को पूरी हो चुकी है। बावजूद अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। सरकार का इशारा होने पर ही विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। उधर, अतिथि शिक्षकों को भी इसका आभास हो चुका है कि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना नहीं करेगी।
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