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जाति व रिहायशी प्रमाण पत्र बनवाने लगाना पड़ता है लाइनों में
संवाद सहयोगी, लोहारू: विद्यालयों में चल रही प्रवेश प्रक्रिया
के अंतर्गत चाहने वाले जाति और रिहायशी प्रमाण पत्र की जरूरत
को पूरा करने के लिए इन दिनों स्थानीय ई-दिशा केंद्र पर स्कूली
विद्यार्थियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। सुबह होते ही ई-
दिशा केंद्र पर स्कूली मासूम ई-दिशा केंद्र पर पहुंच जाते हैं तथा
दोपहर की चिलचिलाती धूप में भी उक्त प्रमाणपत्र बनवाने के लिए
घंटों कतारों में डटे रहते हैं। स्कूली विद्यार्थियों और अभिभावकों
ने प्रशासन और सरकार से प्रमाण पत्र बनवाले के लिए अतिरिक्त
व्यवस्था किए जाने की मांग की है। तहसीलदार संजय बिश्नोई
का कहना है कि अतिरिक्त प्रभार होने के बावजूद वे रोज का काम
रोज निपटाते हैं तथा रजिस्ट्री का काम रोक कर बच्चों के
प्रमाण-पत्र बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कक्षा 9 तक स्कूल
मुखिया बच्चों से कागज एकत्रित कर हमसे प्रमाण-पत्र बनवा सकते हैं
तथा ई दिशा केंद्र पर भी प्रमाण पत्र बनवाने वाले विद्यार्थियों
के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी।
छात्रा मोनिका सोहांसड़ा, पूजा खरकड़ी, ¨पकी, प्रीति,
मोनिका, ¨रकु, मोनिका खरकड़ी, सोनम, पूनम, नितेश, आनंद,
संगीता, अभिभावक मनोज कुमार ने बताया कि वे तीन-चार
दिनों से जाति प्रमाण पत्र व रिहायशी प्रमाण-पत्रों के लिए ई
दिशा केंद्र के चक्कर लगा रहें तथा कई घंटों लाइनों में खड़ा रहने के
बाद भी दोपहर बाद बैरंग लौटना पड़ता है। संख्या अधिक होने के
कारण सभी के प्रमाण पत्र नही बन पाते तथा केंद्र पर धूप से बचने की
कोई व्यवस्था नही है, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना
करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से प्रमाण पत्र बनवाने
वाले विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने तथा
विद्यालयों में सरपंच द्वारा जारी रिहायशी व जाति प्रमाण-
पत्रों को वैध घोषित करने की मांग की है।
ई-दिशा केन्द्र में आपरेटर पवन कौशिक ने बताया कि उनके पास
प्रतिदिन 700 से 750 तक स्कूली बच्चे प्रमाण पत्रों के लिए पहुंच रहें
¨कतु अतिरिक्त समय देने के बाद भी प्रतिदिन 250 से 300 प्रमाण-
पत्र ही बन पाते हैं। तहसीलदार संजय बिश्नोई ने बताया कि
विद्यालयों में प्रवेश का दौर चल रहा है तथा इसी वजह से भीड़
अधिक है, फिर भी प्रतिदिन का कार्य रोज निपटाया जाता है।
उन्हों कहा कि प्रमाण-पत्र बनवाने की अतिरिक्त व्यवस्था करने व
छाया का प्रबंध करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया
कि कक्षा 9 तक के बच्चों के कागजात लाकर स्कूल मुखिया भी
प्रमाण-पत्र बनवा सकते हैं। इस संबंध में सरकार की ओर से निर्देश
जारी हैं तथा वे पुन: निर्देश जारी करेंगे ताकि विद्यार्थियों को
कोई परेशानी न हो।
के अंतर्गत चाहने वाले जाति और रिहायशी प्रमाण पत्र की जरूरत
को पूरा करने के लिए इन दिनों स्थानीय ई-दिशा केंद्र पर स्कूली
विद्यार्थियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। सुबह होते ही ई-
दिशा केंद्र पर स्कूली मासूम ई-दिशा केंद्र पर पहुंच जाते हैं तथा
दोपहर की चिलचिलाती धूप में भी उक्त प्रमाणपत्र बनवाने के लिए
घंटों कतारों में डटे रहते हैं। स्कूली विद्यार्थियों और अभिभावकों
ने प्रशासन और सरकार से प्रमाण पत्र बनवाले के लिए अतिरिक्त
व्यवस्था किए जाने की मांग की है। तहसीलदार संजय बिश्नोई
का कहना है कि अतिरिक्त प्रभार होने के बावजूद वे रोज का काम
रोज निपटाते हैं तथा रजिस्ट्री का काम रोक कर बच्चों के
प्रमाण-पत्र बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कक्षा 9 तक स्कूल
मुखिया बच्चों से कागज एकत्रित कर हमसे प्रमाण-पत्र बनवा सकते हैं
तथा ई दिशा केंद्र पर भी प्रमाण पत्र बनवाने वाले विद्यार्थियों
के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी।
छात्रा मोनिका सोहांसड़ा, पूजा खरकड़ी, ¨पकी, प्रीति,
मोनिका, ¨रकु, मोनिका खरकड़ी, सोनम, पूनम, नितेश, आनंद,
संगीता, अभिभावक मनोज कुमार ने बताया कि वे तीन-चार
दिनों से जाति प्रमाण पत्र व रिहायशी प्रमाण-पत्रों के लिए ई
दिशा केंद्र के चक्कर लगा रहें तथा कई घंटों लाइनों में खड़ा रहने के
बाद भी दोपहर बाद बैरंग लौटना पड़ता है। संख्या अधिक होने के
कारण सभी के प्रमाण पत्र नही बन पाते तथा केंद्र पर धूप से बचने की
कोई व्यवस्था नही है, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना
करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से प्रमाण पत्र बनवाने
वाले विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने तथा
विद्यालयों में सरपंच द्वारा जारी रिहायशी व जाति प्रमाण-
पत्रों को वैध घोषित करने की मांग की है।
ई-दिशा केन्द्र में आपरेटर पवन कौशिक ने बताया कि उनके पास
प्रतिदिन 700 से 750 तक स्कूली बच्चे प्रमाण पत्रों के लिए पहुंच रहें
¨कतु अतिरिक्त समय देने के बाद भी प्रतिदिन 250 से 300 प्रमाण-
पत्र ही बन पाते हैं। तहसीलदार संजय बिश्नोई ने बताया कि
विद्यालयों में प्रवेश का दौर चल रहा है तथा इसी वजह से भीड़
अधिक है, फिर भी प्रतिदिन का कार्य रोज निपटाया जाता है।
उन्हों कहा कि प्रमाण-पत्र बनवाने की अतिरिक्त व्यवस्था करने व
छाया का प्रबंध करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया
कि कक्षा 9 तक के बच्चों के कागजात लाकर स्कूल मुखिया भी
प्रमाण-पत्र बनवा सकते हैं। इस संबंध में सरकार की ओर से निर्देश
जारी हैं तथा वे पुन: निर्देश जारी करेंगे ताकि विद्यार्थियों को
कोई परेशानी न हो।
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