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12वीं छोड़कर नौवीं कक्षा में बैठेंगे 3125 विद्यार्थी
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने भिवानी शिक्षा बोर्ड द्वारा दसवीं के 3125 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रद्द किए जाने के फैसले पर कड़ा एतराज जताते हुए रिजल्ट को तुरंत बहाल करने की मांग की है। सोमवार को इस मुद्दे पर संघ की भिवानी जिला कार्यकारिणी की एक बैठक में प्रदेश की भाजपा सरकार के छात्र विरोधी नीति पर रोष प्रकट किया गया। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि सरकार व भिवानी बोर्ड बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर अपने तीन वर्ष खराब होते देख किसी बच्चे ने कोई गलत कदम उठा लिया तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
उधर, हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा विभिन्न निजी स्कूलों में पढ़ रहे 3125 विद्यार्थियों का दसवीं कक्षा का परीक्षा यह कहते हुए रद्द कर दिया है कि इन बच्चों ने नौवीं में दाखिला फर्जी एसएलसी के आधार पर लिया था।
क्या है मामलाः
शिक्षा बोर्ड ने करीब तीन वर्ष पहले अन्य राज्यों से एसएलसी के आधार पर 3125 बच्चों को नौंवी कक्षा में एडमिशन देते हुए इनरोलमेंट नंबर जारी कर दिए थे। इसी आधार पर बच्चों ने दसवीं में बोर्ड की परीक्षा दी और उत्तीर्ण हो गए। लेकिन बाद में बोर्ड ने एसएलसी को गलत ठहराते हुए इन बच्चों का परिणाम रोक दिया। इस पर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने आपत्ति जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की थी। उसके बाद बोर्ड ने इन बच्चों को ओपन की परीक्षा में डालकर दसवीं की डीएमसी जारी कर दी।
अब इन बच्चों ने 11वीं कक्षा भी परीक्षा पास कर ली है। लेकिन प्रदेश सरकार ने एक बार फिर इन बच्चों की डीएमसी को रद्द कर दिया है।
इससे बच्चों का तीन वर्ष की बैक लग जाएगी। यानी 11वीं पास हो जाने के बाद उनका दसवीं का रिजल्ट रद्द हो जाने के कारण इन बच्चों को नौवीं कक्षा में बैठना पड़ेगा।
भिवानी शिक्षा बोर्ड ने रद किया दसवीं का परिणाम
प्राइवेट स्कूल संघ ने जताया विरोध, फैसला वापस लेने की मांग
कहा, बच्चों और निजी स्कूलों से किया जा रहा भेदभाव
बोर्ड का दावा, गलत एसएलसी के कारण रद किया रिजल्ट
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