हरियाणा में बच्चों को फेल कराने के लिए गुहार लगा रहे हैं 30 हजार से ज्यादा अभिभावक


www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news) www.facebook.com/teacherharyana

हरियाणा में बच्चों को फेल कराने के लिए गुहार लगा रहे हैं 30 हजार से ज्यादा अभिभावक
रेवाड़ी (हरियाणा) सरकारी स्कूलों में शिक्षा का पूरा ढर्रा ही गड़बड़ाया हुआ है। एक दिन पहले पंजाब का मामला सामने आया था। वहां 10वीं में 80 हजार बच्चों के फेल होने के बाद शिक्षा मंत्री ने मास्टरों का टेस्ट लिया। वहां 220 टीचर्स में से सिर्फ एक ही अंग्रेजी के सेंटेंस सही लिख सके। अब एक वाकया हरियाणा में सामने आया है
राज्य के ग्रामीण इलाकों के अभिभावक मास्टरों से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बच्चों को फेल कर दिया जाए। क्योंकि उन्हें कुछ आता ही नहीं है। धमकी भी दी जा रही है कि अगर एक हफ्ते में उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो धरना शुरू कर दिया जाएगा।
ऐसी ही मांग करने वालों में एक हैं-बोहतवास के बलवंत सिंह। उनका कहना है, 'मेरा एक पोता चौथी और दूसरा तीसरी में है। दोनों पढ़ाई में इतने कमजोर हैं कि दूसरी का सिलेबस भी नहीं आता। अगर उन्हें इसी तरह पास किया जाता रहा तो उनका भविष्य चौपट हो जाएगा।'
इसी तरह एक अन्य ग्रामीण महिला प्राइमरी टीचर के पास जाकर कहती हैं, 'मास्टर जी! म्हारे बालकां नै एबीसीडी तो आंदिए नी। पास क्यूं करो सो, फैल कर दयो, नइ तै आगै जाकै ये के करैंगे।' राज्य के करीब 29 हजार प्राइमरी टीचर्स ने 30 हजार से ज्यादा अभिभावकों की ऐसी ही शिकायतें दर्ज की हैं।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ इन शिकायतों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर रहा है। उसे मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री तक पहुंचाया जाएगा। क्योंकि पढ़ाने वाले भी मजबूर हैं। उनके हाथ 2009 के आरटीई कानून ने बांध रखे हैं। इसमें प्रावधान है कि स्कूल में दाखिला ले चुके किसी भी बच्चे को फेल नहीं किया जाएगा। भले ही वे स्कूल आएं या नहीं। इस एक्ट के चक्कर में राज्य में 10वीं और 12वीं का रिजल्ट खराब हो गया है। और बच्चों के माता-पिता में नाराजगी की वजह भी यही है।
^अभिभावकों की शिकायतों को देखते हुए सेमेस्टर सिस्टम पूरी तरह खत्म करने का निर्णय लिया है। पहली से 8वीं तक के बच्चों के मंथली टेस्ट शुरू कर दिए हैं। जल्द ही शिक्षा सुधार को लेकर रिपोर्ट केंद्र सरकार के सामने रखी जाएगी। -प्रो. रामबिलासशर्मा, शिक्षामंत्री
{ किसी बच्चे को फेल नहीं किया जाएगा। वह पढ़ाई करने आए या नहीं
{ 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा दी जाएगी
{ किसी बच्चे से उसकी जाति या उम्र का प्रमाण पत्र नहीं लिया जाएगा
{ किसी बच्चे को दाखिला देते समय कोई कंडीशन नहीं रखी जाएगी

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.