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सीएम ने मंत्रियों को दिया 30 जून तक तबादले करने का अधिकार
क्लास वन-टू अफसर बदलने को लेनी हाेगी मंजूरी
भास्कर न्यूज | चंडीगढ़
स्वास्थ्यविभाग में उच्च स्तर पर फेरबदल के बाद अब दूसरे मंत्रियों को भी अपने-अपने विभाग में तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की पोस्टिंग तबादले का अधिकार दिया है। प्रभारी मंत्रियों को यह अधिकार 30 जून तक के लिए दिया गया है। चीफ सेक्रेटरी कार्यालय की ओर से संबंध में परिपत्र जारी कर दिया गया है। इसके तहत सभी तबादले राज्य सरकार की तबादला नीति के मानदंड के अनुसार किए जाएंगे। प्रभारी मंत्रियों को यदि क्लास वन या क्लास टू श्रेणी के अधिकारियों के तबादले करने हैं तो उन्हें इसके प्रस्ताव सीएम के पास भेजने होंगे।
भाजपा विधायकों द्वारा काफी समय से राज्य सरकार पर कर्मचारियों के तबादलों एवं नई पोस्टिंग के लिए दबाव बनाया जा रहा था। विधायक यह मुद्दा पार्टी और सरकार की समन्वय बैठकों में भी उठा चुके हैं। हालांकि जब प्रदेश में भाजपा सरकार बनी थी, तब भी मंत्रियों को तबादलों के अधिकार दिए गए थे। उस समय करीब 30 हजार तबादले होने प्रस्तावित थे। तब सरकार पर आरोप लगा था कि पिछली हुड्डा सरकार के समय से एक स्थान पर जमे बैठे कर्मचारियों को इधर से उधर करने की सोच के तहत तबादले खोले गए, मगर इन आरोपों में बहुत अधिक दम नजर नहीं आया।राज्य में करीब पौने तीन लाख कर्मचारी हैं। प्रदेश सरकार विधायकों की सिफारिश के साथ-साथ ऐसे कर्मचारियों के तबादलों पर भी गौर कर सकती है, जिन्हें वास्तव में तबादलों की जरूरत है।
भास्कर न्यूज | चंडीगढ़
स्वास्थ्यविभाग में उच्च स्तर पर फेरबदल के बाद अब दूसरे मंत्रियों को भी अपने-अपने विभाग में तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की पोस्टिंग तबादले का अधिकार दिया है। प्रभारी मंत्रियों को यह अधिकार 30 जून तक के लिए दिया गया है। चीफ सेक्रेटरी कार्यालय की ओर से संबंध में परिपत्र जारी कर दिया गया है। इसके तहत सभी तबादले राज्य सरकार की तबादला नीति के मानदंड के अनुसार किए जाएंगे। प्रभारी मंत्रियों को यदि क्लास वन या क्लास टू श्रेणी के अधिकारियों के तबादले करने हैं तो उन्हें इसके प्रस्ताव सीएम के पास भेजने होंगे।
भाजपा विधायकों द्वारा काफी समय से राज्य सरकार पर कर्मचारियों के तबादलों एवं नई पोस्टिंग के लिए दबाव बनाया जा रहा था। विधायक यह मुद्दा पार्टी और सरकार की समन्वय बैठकों में भी उठा चुके हैं। हालांकि जब प्रदेश में भाजपा सरकार बनी थी, तब भी मंत्रियों को तबादलों के अधिकार दिए गए थे। उस समय करीब 30 हजार तबादले होने प्रस्तावित थे। तब सरकार पर आरोप लगा था कि पिछली हुड्डा सरकार के समय से एक स्थान पर जमे बैठे कर्मचारियों को इधर से उधर करने की सोच के तहत तबादले खोले गए, मगर इन आरोपों में बहुत अधिक दम नजर नहीं आया।राज्य में करीब पौने तीन लाख कर्मचारी हैं। प्रदेश सरकार विधायकों की सिफारिश के साथ-साथ ऐसे कर्मचारियों के तबादलों पर भी गौर कर सकती है, जिन्हें वास्तव में तबादलों की जरूरत है।
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