सरप्लस की तलवार अब अतिथि लेक्चरर्स पर


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सरप्लस की तलवार अब अतिथि लेक्चरर्स पर
Posted On May - 31 - 2015
नरेन्द्र ख्यालिया/निस
तोशाम, 31 मई
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दस वर्षों से कार्यरत अतिथि अध्यापकों का मामला एक बार फिर फंसता दिखाई दे रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा मास्टर्स को बचाने की कोशिश के लिए लेक्चरर के पदों पर पदोन्नति के लिए सूची मांगी गई है। जिसके चलते अतिथि मास्टर वर्ग के गले से तो तलवार हट गई है, किंतु अब यह तलवार अतिथि लेक्चरर पर टिकी हुई दिखाई दे रही है, जिसके चलते अतिथि मास्टर्स ने तो राहत की सांस ले ली है, लेकिन अब अतिथि लेक्चरर की सांस अटक गई है और पदोन्नति के लिए सूची मांगने के बाद अतिथि लेक्चरर में हड़कंप मचा हुआ है।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 15 हजार अतिथि अध्यापकों के लिए आए दिन नई समस्याएं खड़ी हो रही हैं। हाईकोर्ट में जवाब देने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में कार्यरत गणित, सामाजिक अध्ययन और हिन्दी के पदों पर काम करने वाले मास्टर्स को सरप्लस होने की बात कही गई थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट द्वारा सरप्लस शिक्षकों को तुरंत हटाने के आदेश दिए गए थे। कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए शिक्षा विभाग द्वारा सभी सरप्लस अतिथि शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया था। जिसका संबंधित शिक्षकों द्वारा मात्र 12 घंटे में जवाब दिया गया और इसके साथ ही अतिथि अध्यापकों का आंदोलन भी तेज हो गया। इसी दौरान पीड़ित सरप्लस शिक्षक द्वारा सिंगल बैंच में स्टे के लिए गुहार लगाई, किंतु निराशा ही हाथ लगी, लेकिन शिक्षकों ने हिम्मत नहीं हारी और डबल बैंच में बचाव के लिए गुहार लगाई, परंतु वहां से भी शिक्षकों को खाली हाथ लौटना पड़ा। इसी दौरान रातों-रात शिक्षा विभाग द्वारा करीबन 7 हजार नियमित शिक्षकों जिनमें गणित, सामाजिक अध्ययन और हिन्दी शामिल हैं, की सूची लेक्चरर पदों पर पदोन्नति के लिए सूची मांगी गई। पदोन्नति के लिए सूची मांगने से मास्टर्स वर्ग ने तो राहत की सांस ली किंतु अब अतिथि लेक्चरर की सांस अटक गई और 7 हजार मास्टर्स वर्ग की पदोन्नति सूची मांगने के बाद लेक्चरर में हड़कंप मच गया। अगर सभी को पदोन्नति दे दी गई तो अतिथि लेक्चरर को सरप्लस होने से बचाने का कोई तरीका दिखाई नहीं दे रहा है।
क्या कहते हैं अतिथि
इस बारे में अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश प्रवक्ता धर्मबीर कौशिक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रदेश के स्कूलों में 3 हजार अतिथि लेक्चरर कार्यरत हैं और विभाग द्वारा लेक्चरर पदों पर पदोन्नति के लिए सात हजार नियमित शिक्षकों की सूची मांगी गई है, ऐसे में अतिथि लेक्चरर स्वाभाविक रूप से प्रभावित होंगे। उन्होंने विभाग को चेताया कि किसी भी लेक्चरर या अन्य किसी अतिथि अध्यापक को सरप्लस नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हजार मिडिल हेड, उच्च विद्यालयों के मुखिया, प्राचार्य और बीईईओ व बीईओ के पद रिक्त हैं, जिनको भरकर समस्या से निपटा जा सकता है और साथ ही उच्च विद्यलयों को अपग्रेड भी किया जा सकता है।

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