डीएड परीक्षाएं 3 अगस्त से,हरियाणा के प्रशासनिक ट्रिब्यूनल


डीएड परीक्षाएं 3 अगस्त से

जागरण संवाददाता, भिवानी: डीएड द्वितीय व चतुर्थ सैमेस्टर (पूर्ण विषय) एवं प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर(रि-अपीयर) परीक्षाएं 3 अगस्त से आरम्भ हो रही है। संस्थाएं पात्र परिक्षार्थियों के रोल न. 24 जुलाई को सम्बंधित जिला शिक्षा
अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर सकती हैं। यह जानकारी देते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सचिव पंकज ने बताया कि परीक्षार्थियों के रोल न. के अलावा आन्तरिक व बाह्रय प्रायोगिक मूल्यांकन की प्रि-¨प्रटिड अंक सूचियां तथा 27 जुलाई से आरम्भ हो रही बाह्रय प्रायोगिक परीक्षाओं के प्रोग्राम व इनसे संबंधित दिशा-निर्देश सभी संस्थाओं को वितरण के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में 24 जुलाई को भेजे जा रहें है। इनके अतिरिक्त डीएडपरीक्षाएं जनवरी तथा अप्रैल 2015 के प्रमाण-पत्र व रि-अपीयर  कार्ड एवं डिप्लोमा के प्रि-¨प्रटिड प्रोफार्मे भी इनके साथ भेजे जा रहें हैं। उन्होंने आगे कहा कि संस्थाओं के मुखिया या उन द्वारा प्राधिकक्वत कर्मचारी-अधिकारी अपनी संस्था से सम्बंधित ये दस्तावेज 24 जुलाई को प्रात: 11: बजे से सायं 5 बजे तक जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से हर अवस्था में प्राप्त करें। सभी संस्थाएं प्रायोगिक आंतरिक मूल्यांकन सम्बंधी भरी हुई अंक सूचियों के लिफाफे तथा भरी हुई ग्रे¨डग के लिफाफे 21 अगस्त को हर अवस्था में अपने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा दें, अन्यथा निर्धारित तिथि के बाद देरी के लिए 5000रूपये
जुर्माना राशि सहित प्रायोगिक-आन्तरिक मूल्यांकन की अंक सूचियों के ये लिफाफे बोर्ड मुख्यालय, भिवानी पर ही जमा
करवाने होंगे।

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10-15 साल पुरानी गाड़ियों को लगेगा जंग, नही होंगी पासप्रदेश में अब किसी भी तरह की 15 साल पेट्रोल और 10 साल डीजलपुरानी गाड़ी की पासिंग नहीं हो सकेगी। 

परिवहन आयुक्त चंडीगढ़
निदेशालय की ओर से 15 मई 2015 को यह आदेश लागू कर दिए गए थे,लेकिन कुछ दिन पहले ही प्रदेश के सभी जिला आरटीएअधिकारियों को यह लिखित आदेश भेजे गए हैं। इससे पहले ये नियमकेवल एनसीआर और दिल्ली में ही लागू थे, लेकिन अब से हरियाणाके भी सभी जिलों में यह आदेश लागू कर दिए गए हैं। आरटीएकार्यालयों में यह आदेश मिलने के बाद 15 साल पेट्रोल और 10 सालडीजल पुरानी गाड़ियों की पासिंग करनी मना कर दी गई है औरइन वाहनों को कंडम घोषित करने के आदेश भी प्रदेश में तत्काल प्रभावसे लागू कर दिए गए हैं।जानकारी के मुताबिक प्रदेश में कोई भी नई पर्सनल गाड़ी लेने पर
उसकी केवल पासिंग केवल एक बार ही की जाती थी। ऐसे में एक बार पासिंग हो जाने के बाद लोगों को बार बार आरटीए
कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ते थे। लेकिन प्रदेश सरकार ने अब इसके लिए भी एक नया नियम बना दिया है। परिवहन आयुक्त चंडीगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक 15522=604 में इस नए नियम के बारे में जिक्र किया गया है। इस पत्र में एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए बताया गया है कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा 7 अप्रैल, 2014 को आर्डर नंबर 21, 2014 को वर्धमान कौशिक और यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में फैसला सुनाया गया था कि दिल्ली और एनसीआर सीमा क्षेत्र में 10 साल पुराने हैवी और लाइट डीजल व्हिकल को पासिंग नहीं दी जाएगी और विभाग द्वारा 10 साल पूरे हो चुके सभी हैवी और लाइट वाहनों को कंडम घोषित करदिया जाएगा।
ऐसे में अब 15 मई 2014 को इस फैसले को आधार बनाकर परिवहन आयुक्त ने हरियाणा सीमा के सभी जिलों में यह आदेश लागू करने के आदेश दिए है। बाकायदा प्रदेश के सभी जिला आरटीएअधिकारियों को कुछ दिन पहले ही यह आदेशों की प्रतिलिपिप्राप्त हुई है। परिवहन आयुक्त के नए आदेश मिलने के बाद सभी जिलोंमें अब 15 साल पेट्रोल, 10 साल डीजल हैवी वाहनों पासिंग पर भी रोक लगा दी गई है। ऐसे में वाहनों पर रोक लगाए जाने के बाद अब प्रदेशभर में हजारों गाड़ियों को कंडम घोषित किया जाना शुरूकिया जा चुका है।
पुरानी गाड़ियों के दाम गिरे
परिवहन आयुक्त के यह आदेश लागू होने के साथ ही लोगों को भी लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। 10 साल पुरानी 15 लाख की जो गाड़ी पहले लाखों में बेची जाती थी अब उसी लाखों की कीमत वाली गाड़ी को कोई हजारों की कीमत में भी रोकने के लिए तैयार नहीं है। वहीं आरटीए द्वारा पासिंग नहीं होने परलोग अपनी गाड़ियों को लोहे के भाव कबाड़ी के पास बेचने के
लिए लाइन में लगे हुए है। वहीं सभी जिलों में कंडम गाड़ियों की कतारें भी बढ़ रही है।



हरियाणा के प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को मंजूरी मिली

राब्यू, चंडीगढ़ : सेवा मामलों के संबंध में कर्मचारियों की शिकायतों के निपटान के लिए शीघ्र ही राज्य का अपना प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (एसएटी) होगा। केंद्रीय कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने हरियाणा सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला पहले ही लिया जा चुका है। सरकार द्वारा राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (एसएटी) गठन करने का निर्णय बढ़ते अदालती मामलों, विशेषकर कर्मचारियों के सेवा मामलों के दृष्टिगत लिया गया है। इस बात पर विचार किया गया कि राज्य में एसएटी की स्थापना से कर्मचारियों की शिकायतों अथवा सेवा मामलों के निपटान में तेजी आएगी तथा न्यायालय में भी लंबित मामलों में भी कमी आएगी। प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में अध्यक्ष के अलावा दो सदस्य होंगे। ट्रिब्यूनल का अध्यक्ष, पंजाब एवं हरियाणा उगा न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा मनोनीत किया जाएगा तथा केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को प्रेषित करने से पूर्व हरियाणा सरकार द्वारा इसे अनुमोदित किया जाएगा।

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