57 हजार फर्जी छात्र दिखा हजम कर गए मिड डे मील.
राशन से लेकर पकाने के खर्च तक की रिकवरी.
शिक्षा निदेशालय का निर्देश - पता लगाओ कौन कर रहा था फर्जीवाड़ा, उससे रिकवरी करो
सरकारीस्कूलों में 57,400 बच्चों के नाम पर मिड डे मील का राशनहजम कर लिया गया। प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्तर के
ये वोबच्चे हैं, जिनका नाम स्कूल के रजिस्टर में इनरोल तो हुआ, लेकिनअसल में ये बच्चे दाखिले हुए ही नहीं थे। अध्यापकों ने दाखिलोंका टारगेट पूरा करने के लिए कागजों में यह दाखिले दिखा दिए।अब शिक्षा निदेशालय यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है किअब तक इन छात्रों का मिड-डे-मील कहां जा रहा था, कौनफर्जीवाड़ा कर रहा था? मौलिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश केसभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकरनिर्देश दिए हैं कि वे संबंधित प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी स्कूलों में
चेक करें कि कहां बोगस छात्र संख्या दर्शायी गई। कर्मचारियोंपर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। साथ ही ब्याज समेत मिड डे मीलकी राशि की रिकवरी कराएं। इस संदर्भ में जो कार्रवाई होगीउसकी जानकारी भी निदेशालय को देनी होगी।ऐसे पकड़ में आया मामला30अप्रैल तक स्कूलों में दाखिले दिखाए गए। उसके बाद जब मई मेंमंथली टेस्ट हुए तो जितनी संख्या में दाखिले दिखाए गए थे, टेस्टदेने वाले छात्रों की संख्या उससे कहीं थी। इससे साफ हुआ कि येबच्चे स्कूल पहुंच ही नहीं रहे। इसके बाद आंकड़ों की प्रारंभिक जांच में57,400 बोगस दाखिले होने का अंदेशा हुआ। प्रदेश में साढ़े चौदहहजार सरकारी स्कूल हैं। फतेहाबाद के शिक्षा अधिकारी यज्ञदत्तवर्मा के मुताबिक उनके जिले में ही तीन हजार से ज्यादा बोगसदाखिले मिले हैं।
जिस स्कूल के जिस अध्यापक ने जितने दिन तक फर्जी दाखिलेदिखाए, प्राइमरी तक प्रति छात्र प्रति दिन 3.58 रुपए और अपरप्राइमरी (छठी से आठवीं तक) 5.39 रुपए के हिसाब से रिकवरीहोगी। उस पर पैनल इंट्रेस्ट भी लिया जाए।www.facebook.com/teacherharyana (Recruitment , vacancy , job , news)
राशन से लेकर पकाने के खर्च तक की रिकवरी.
शिक्षा निदेशालय का निर्देश - पता लगाओ कौन कर रहा था फर्जीवाड़ा, उससे रिकवरी करो
सरकारीस्कूलों में 57,400 बच्चों के नाम पर मिड डे मील का राशनहजम कर लिया गया। प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्तर के
ये वोबच्चे हैं, जिनका नाम स्कूल के रजिस्टर में इनरोल तो हुआ, लेकिनअसल में ये बच्चे दाखिले हुए ही नहीं थे। अध्यापकों ने दाखिलोंका टारगेट पूरा करने के लिए कागजों में यह दाखिले दिखा दिए।अब शिक्षा निदेशालय यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है किअब तक इन छात्रों का मिड-डे-मील कहां जा रहा था, कौनफर्जीवाड़ा कर रहा था? मौलिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश केसभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकरनिर्देश दिए हैं कि वे संबंधित प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी स्कूलों में
चेक करें कि कहां बोगस छात्र संख्या दर्शायी गई। कर्मचारियोंपर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। साथ ही ब्याज समेत मिड डे मीलकी राशि की रिकवरी कराएं। इस संदर्भ में जो कार्रवाई होगीउसकी जानकारी भी निदेशालय को देनी होगी।ऐसे पकड़ में आया मामला30अप्रैल तक स्कूलों में दाखिले दिखाए गए। उसके बाद जब मई मेंमंथली टेस्ट हुए तो जितनी संख्या में दाखिले दिखाए गए थे, टेस्टदेने वाले छात्रों की संख्या उससे कहीं थी। इससे साफ हुआ कि येबच्चे स्कूल पहुंच ही नहीं रहे। इसके बाद आंकड़ों की प्रारंभिक जांच में57,400 बोगस दाखिले होने का अंदेशा हुआ। प्रदेश में साढ़े चौदहहजार सरकारी स्कूल हैं। फतेहाबाद के शिक्षा अधिकारी यज्ञदत्तवर्मा के मुताबिक उनके जिले में ही तीन हजार से ज्यादा बोगसदाखिले मिले हैं।
जिस स्कूल के जिस अध्यापक ने जितने दिन तक फर्जी दाखिलेदिखाए, प्राइमरी तक प्रति छात्र प्रति दिन 3.58 रुपए और अपरप्राइमरी (छठी से आठवीं तक) 5.39 रुपए के हिसाब से रिकवरीहोगी। उस पर पैनल इंट्रेस्ट भी लिया जाए।www.facebook.com/teacherharyana (Recruitment , vacancy , job , news)
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