अतिथि अध्यापक मामला : खापों ने स्कूलों पर जड़े ताले- मामला दर्ज

अतिथि अध्यापक मामला : खापों ने स्कूलों पर जड़े ताले

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चंडीगढ़: हरियाणा में सरप्लस अतिथि अध्यापको को हटाने के  बाद मामला शांत नहीं हो रहा है। मंगलवार को अतिथि
अध्यापकों के पक्ष में खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों व लोगाें ने स्कूलों में ताले जड़ दिए। इस कारण जींद, हिसार सहित कई जिलाें में स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई। जींद जिले के धमतान, दनौदा, डाहौला, धरौदी में लाेगों ने स्कूलों में ताला लगा दिया। दनौदा में नफे सिंह नैन के नेतृत्व में लोगों ने ताले लगाए। अन्य स्थानों पर भी खाप प्रतिनिधियों की अगुवाई में लोगों ने ताले लगाए। इसके अलावा हिसार जिले के नारनौंद क्षेत्र के मिर्चपुर व पेतवाड में लोगों ने स्कूलों में तालाबंदी की। इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई। खाप पंचायतों ने पिछले दिनों हरियाणा सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि अतिथ्िा अध्यापकों   मामला नहीं सुलझाऔर उन्हें नौकरी पर नहीं रखा गया तो स्कूलों पर ताले जड़ दिएजाएंगे। इसके बाद अतिथि अध्यापकों की प्रदेश सरकार से बातचीतभी हुई, लेकिन वह सफल नहीं हुई। इसके बाद खाप पंचायतों की आेर सेयह कदम उठाया जा रहा है।
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चार सरकारी स्कूलों पर खाप ने जड़े ताले

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संवाद सहयोगी, पाई :
अतिथि अध्यापकों के समर्थन में मंगलवार को पाई में खाप पंचायतके सदस्यों ने चार सरकारी स्कूलों पर ताले जड़ गए। स्कूलों कोताला लगाने को लेकर लगभग 38 व्यक्तियों के खिलाफ मामलादर्ज किया गया है।सर्व जातिय व सर्व खाप पंचायत के युवा प्रधान राजेंद्र ढुल पाई नेबताया कि प्रदेश सरकार अतिथि अध्यापकों के साथ किया हुआवादा तोड़ रही है, आज के समय में सरकार ने अनेक अतिथिअध्यापकों को तुरत प्रभाव से स्कूलों से हटा दिया है। इसकापरिणाम यह हुआ कि सरकारी स्कूलों में बच्चें पढ़ने नहीं आते और न हीपरिजन बच्चों को स्कूलों में पढ़ने के लिए भेज रहे है। अतिथिअध्यापकों के हट जाने के बाद स्कूल खाली हो गए है, स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों की संख्या ज्यादा है और पढ़ाने वाले शिक्षक कम है।सरकार का यह फैसला अतिथि अध्यापकों के भविष्य को तो अंधेरेमें लेकर जाएगा ही, इस के साथ स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों काभविष्य भी खतरे में है।पढ़ाई पूरी करने के लिएखाने पड़ रहे धक्केखाप पंचायत के सदस्य मंगलवार सुबह से ही पाई स्थित सभी स्कूलों
में पहुच गए। उनके साथ बच्चे और उनके परिजनों ने भी स्कूल पर तालेजाड़े। स्कूलों पर ताले लगाते हुए मनीष, सोनू, मोनू, प्रदीप, मनदीप,अंकित आदि बच्चों ने बताया कि इस समय स्कूलों में पढ़ाई न केबराबर है। स्कूल में मौजूद अध्यापकों की संख्या कम होने की वजह सेअध्यापक बच्चों पर पूरा ध्यान नहीं दे सकते जिसका प्रभाव उनकीपढ़ाई पर पड़ता है। स्कूल का माहौल खराब हो चुका है। अब आधे समयमें सरकार ने अतिथि अध्यापकों को हटा कर हमारे साथ गलतकिया है। हमको अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए यहा वहा के धक्केखाने पड़ रहे है।बच्चों ने सरकार से माग की है कि वे या तो अतिथि अध्यापकोंको स्कूलों में वापस भेज दे या फिर स्कूलों में अध्यापकों की पड़रही कमी हो पूरा करे।इसी प्रकार लगे रहेगे स्कूलों पर तालेदूसरी ओर खाप पंचायत के युवा प्रधान राजेन्द्र ढुल ने कहा है किउनके द्वारा पहले भी इस मामले को लेकर सरकार को समय दियाजा चुका है लेकिन सरकार अतिथि अध्यापकों को उनका हक देने केमुड में नहीं है, बच्चों के भविष्य की चिंता देखते हुए आज उन्होंने यहकदम उठाया है। जब तक सरकार कोई फैसला नहीं करती है तो स्कूलोंपर ताले इसी प्रकार लगे रहेगे।इस मौके पर उनके साथ पूर्व सरपंच जगदीश, बलराज सिंह, दरया सिंह,मागे राम, नफे सिंह, प्रवीण शर्मा, अनिल, राम मेहर ब्लाक समितिसदस्य व बच्चों के परिजन मौजूद रहे।


स्कूलों पर धारा 144 लागू :

जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि खापपंचायतों द्वारा स्कूल बंद करने का उनको सूचना मिली है जिसके
बाद उन्होंने सभी स्कूलों पर धारा 144 लागू कर दी है। यदि कोईभी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेगा तो उसके खिलाफ
कारवाई की जाएगी।38 के खिलाफ दर्ज किया मामलापूंडरी थाना प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि इस बारे में जब
कोई शिकायत कर्ता नही बना तो उपायुक्त के आदेशों कि उल्लघनकरने पर 18 व्यक्तियों के खिलाफ नाम सहित तथा लगभग 20अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

संस्कृत की वजह से हरियाणा में डॉक्टरोंं को नहीं मिल रही नाैकरी

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सिरसा। हिंदी और संस्कृत को भले ही हल्के में लिया जाता होलेकिन हिंदी-संस्कृत के अभाव में प्रदेश के 44 डॉक्टरों को सरकारीनौकरी नहीं मिल पाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में चल रहीडॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान 50 डॉक्टरों के आवेदनस्वीकार ही नहीं किए। इनमें से 44 डॉक्टरों के आवेदन केवल इसलिएअस्वीकार हो गए, क्योंकि उनके पास दसवीं कक्षा में हिंदी-संस्कृतनहीं थी। इनमें से अधिकतर चिकित्सक पंजाब के बताए जा रहे हैं।स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के लिए डॉक्टरोंकी भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। साक्षात्कार प्रक्रिया से पहलेइच्छुक डॉक्टरों से आवेदन आमंत्रित किए गए। लेकिन सूत्र बताते हैं किइस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने 50 आवेदनकर्ता डॉक्टरों के आवेदन‘अस्वीकार’ कर दिए। इनमें से 44 डॉक्टरों के आवेदन इसलिएअस्वीकार किए गए क्योंकि उनके पास दसवीं में हिंदी-संस्कृत विषयनहींथा।यह भी पढ़े, अग्रोहा मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की सीटें की गईंदोगुनीअनिवार्य हिंदी-संस्कृत का प्रावधान :सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग का नियम है कि हरियाणा में मेडिकल ऑफिसर पद पर भर्ती के लिए डॉक्टरों को दसवीं कक्षा मेंहिंदी या संस्कृत में से एक विषय पढ़ना जरूरी है।

आवेदन की संख्या बढ़ी, मिल सकते हैं डॉक्टर :

भले ही स्वास्थ्य विभाग ने 50 आवेदनकर्ताओं के आवेदन अस्वीकार करदिए हों लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सूत्र बताते हैं कि इसबार खाली पदों से करीब तीन गुणा आवेदन पहुंचे हैं। इसलिएसंभावना है कि खाली पदों पर डॉक्टरों की भर्ती हो जाएगी।अस्वीकार करने के कारणआवेदन संख्या अस्वीकारका कारण01 ओवर एज 05 निर्धारित अवधि के बाद आवेदन
44 हिंदी-संस्कृत विषय नही

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