दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की धड़कनें बढ़ गई हैं
सिरसा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा प्रदेश में जाट आरक्षण रद्द किए जाने के फैसले के बाद सरकारी संस्थानों में c। सिरसा के राजकीय नेशनल स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राचार्या डा. सुमन गुलाब से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कोर्ट
का फैसला सोमवार को आया है और सभी दाखिले इससे पहले ही किए जा चुके हैं। अब सरकार के आदेश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गत सोमवार को प्रदेश में जाट समेत पांच जातियों के आरक्षण पर रोक लगाने के बाद अब इन जातियों को दाखिलों और नौकरियों में आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलेगा। कानूनविदों की माने तो हाईकोर्ट के आदेश से पहले जिन छात्रों ने ओबीसी कोटे में शिक्षण संस्थानों में दाखिले मिले हैं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। लेकिन, हाईकोर्ट के आदेश के बाद किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
नई प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी
एडवोकेट अमित सैनी ने हाईकोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा निकाली गई भर्तियों को नए तरीके से निकालना पड़ेगा। जो विद्यार्थी आदेश आने से पहले शिक्षण संस्थानों मे ओबीसी के तहत दाखिला ले चुके हैं, उन्हें किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा।
पहले वालों को मिलेगा लाभ
एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल का कहना है कि सोमवार को 2 बजकर 10 मिनट पर जस्टिस एसके मित्तल की खंडपीेठ ने हरियाणा सरकार की सभी दलीलों को खारिज करते हुए आरक्षण का लाभ हरियाणा में देने की अनुमति नहीं दी। सुप्रीम कोर्ट पहले ही इसे खारिज कर चुका है। एडवोकेट का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद पांच जातियों को भर्तियों और दाखिलों में आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलेगा। हां, आदेश आने से पहले जिन विद्यार्थियों ने शिक्षण संस्थानों में दाखिले लिए हैं, उन्हें लाभ मिलेगा।
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