बिना आदेश के स्कूल रहे बंद, बीईओ ने तैयार की रिपोर्ट


बिना आदेश के स्कूल रहे बंद, बीईओ ने तैयार की रिपोर्ट

संवाद सूत्र, बापौली : पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर एक दिन के अवकाश की घोषणा को न्यूज चैनलों पर देखकर ब्लॉक के लगभग सभी स्कूल मुखियाओं ने छुट्टी घोषित कर दी। शिक्षा विभाग ने खंड शिक्षा अधिकारी को निरीक्षण
कर बंद स्कूलों की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। खंड शिक्षा अधिकारी ने ब्लॉक के सभी स्कूलों का निरीक्षण किया और आधे से अधिक पर ताला लटका मिला। कुछ स्कूलों में अध्यापक तो आए, परंतु बच्चे दिखाई नहीं दिये। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का सोमवार को निधन हो गया। उनके निधन पर न्यूज चैनलों पर शोक स्वरूप एक दिन का अवकाश की घोषणा का पता लगते ही बापौली ब्लॉक के सरकारी स्कूल के मुखियाओं ने शिक्षा विभाग के आदेश के बिना एक-दूसरे को छुट्टी होने की बात कही। विभाग के अधिकारियों को स्कूल बंद का पता चला तो खंड शिक्षा अधिकारी का पत्र भेज कर स्कूलों को निरीक्षण कर उनकी रिपोर्ट बनाकर भेजने के आदेश दिए। कुछ स्कूल मुखिया बीईओ के दौरे की सूचना मिलने के बाद स्कूल में पंहुचे। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जो स्कूल बंद मिले और जिन स्कूलों में स्टाफ मिला उनकी रिपोर्ट तैयार करके विभाग को भेजी जाएगी। एक बजे स्कूलों में पहुंचे गुरुजी अपने घर में आराम फरमा रहे अध्यापकों के फोन की घटी बजी की कि स्कूलों की छुट्टी नहीं है। बीईओ एक-एक स्कूल का दौरा कर रहे हैं। अध्यापक फटाफट स्कूलों की तरफ बंद ताला खोलने के लिए दौड़ पड़े। सुबह करीब साढे़ 10 बजे के बाद से एक बजे तक अध्यापक कार्यालय में फोन कर लिस्ट से अपना नाम कटवाने की सिफारिश करते रहे, लेकिन किसी की कोई सुनवाई नहीं हुई।
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सरकारी स्कूलों ने बच्चों को लौटाया वापस
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जागरण संवाददाता, सोनीपत
मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर मंगलवार को स्कूलों में अवकाश के मामले में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। कई सरकारी स्कूलों ने बच्चों को वापस घर लौटा दिया। वहीं निजी स्कूल खुले रहे। शिक्षा विभाग के अनुसार उनकी तरफ से सरकारी स्कूलों को भी अवकाश का कोई आदेश जारी नहीं किया गया। प्राचार्य के आदेश पर बच्चों को वापस भेजा गया होगा। सोमवार रात को शिलांग में पूर्व राष्ट्रपति के निधन के कारण स्कूलों को उम्मीद थी कि शिक्षा विभाग की तरफ से शोक
घोषित करके मंगलवार को स्कूलों में अवकाश दिया जाएगा। लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से मंगलवार को स्कूलों में किसी तरह का आदेश जारी नहीं किया गया। मंगलवार सुबह निजी स्कूल प्रबंधकों ने इस संदर्भ में शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन भी मांगा, जिसमें शिक्षा अधिकारी ने उन्हें स्कूल खुले रखने के लिए कहा जबकि सरकारी स्कूल के प्राचार्यों ने शिक्षा विभाग से पूछने तक की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने बच्चों को वापस घर लौटा दिया। सुबह स्कूल पहुंचे बच्चे भी शिक्षकों के आदेश पर वापस लौट गए। जिला शिक्षा अधिकारी परमेश्वरी हुड्डा ने बताया कि विभाग की तरफ से अवकाश को लेकर कोई सर्कुलर जारी नहीं हुआ। सरकारी स्कूल के प्राचार्यों ने अपने आप ही बच्चों को वापस लौटा दिया।



पूर्व राष्ट्रपति की मौत पर बंद रहा लघु सचिवालय
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संवाद सूत्र, नरवाना : सोमवार देर रात पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। केंद्र सरकार ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक की घोषणा के बाद नरवाना का लघु सचिवालय में मंगलवार को अधिकतर कर्मचारी
छुट्टी पर रहे। मंगलवार को छुट्टी को लेकर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति बनी रही। खंड विकास एवं
पंचायत कार्यालय, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, खाद्य आपूर्ति कार्यालय, आबकारी एवं कराधान कार्यालय, रोजगार
कार्यालय आदि में ताले लटके हुए थे जबकि पशुपालन विभाग, ई- दिशा केन्द्र, तहसील कार्यालय, उप खजाना कार्यालय, एसडीएम कार्यालय में पहले की तरह सुचारु रूप से कार्यालय चल रहा था। कई विभागों में कर्मचारियों के अवकाश पर रहने के चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लघु सचिवालय में काम करवाने आए दूर-दराज गांवों के लोगों को कार्यालय बंद मिलने से वापस जाना पड़ रहा था। इससे एक तो उनका समय नष्ट हुआ और दूसरा उनको दोबारा फिर कार्यालयों में आना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में छुट्टी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। कई सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया और कई स्कूलों में कक्षाएं लगी रहीं। अध्यापकों को यह पता नहीं था कि सरकारी स्कूल में अवकाश घोषित नहीं हुआ है। राशनकार्ड पर लगवानी थी मोहर लोन निवासी प्रवीण ने कहा कि वह खाद्य आपूर्ति कार्यालय में राशनकार्ड पर मोहर लगवाने के लिए आया था, लेकिन यहां पर आने पर पता चला कि कार्यालय बंद है। उसको दोबारा फिर कार्यालय में आना पड़ेगा। इससे उसके पैसों के साथ-साथ समय भी खराब होगा। टीवी की खबर को देखकर कर्मचारियों ने अपने आप ही छुट्टी कर ली थी और सरकार की तरफ से छुट्टी के कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए थे। जिन कार्यालयों में ताले लटके हुए थे, उन कार्यालयों से रिपोर्ट ली जाएगी और कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
सुमित कुमार एसडीएम, नरवाना।



स्कूलों के अवकाश को लेकर रहा संशय
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जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर शिक्षणसंस्थानों में अवकाश को लेकर संशय की स्थिति बनी रही। शिक्षा
विभाग की ओर से बिना कोई निर्देश जारी हुए कई स्कूलों की शिक्षकों द्वारा छुट्टी कर दी गई। जिला शिक्षा अधिकारी
भी अवकाश की आधिकारिक सूचना का इंतजार करते रहे। अवकाश को लेकर दिनभर सोशल मीडिया पर अफवाह की स्थिति
बनी रही। स्कूल मुखिया भी दूसरे स्कूलों के मुखियाओं से अवकाश को लेकर पूछताछ करते रहे। टीवी चैनलों पर भी सूचना बदलती रही। इस कारण कुछ सरकारी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई। दोपहर तक जब जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से रिपोर्ट मंगानी शुरू कर  स्कूलों के स्टाफ सदस्यों में हड़कंप मच गया। दोपहर बाद शिक्षक आनन-फानन में स्कूल का ताला खुलवाने पहुंचे। कई बार विभाग की ओर से आधिकारिक रूप से सूचना नहीं मिलती और मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलती है। मंगलवार को भी इन्हीं सूचनाओं के आधार पर आधिकारिक पुष्टि किए बिना कुछ स्कूलों के शिक्षकों ने अवकाश कर दिया। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मामले की जांच कराई जा रही है। -धर्मवीर बल्डोदिया, जिला शिक्षा अधिकारी, रेवाड़ी। डीइओ ने किया औचक निरीक्षण रेवाड़ी : जिला शिक्षा अधिकारी धर्मबी बल्डोदिया ने
मंगलवार को कुछ स्कूलों का निरीक्षण भी किया। इनमें गांव मंदौला, धवाना व खालेटा के विद्यालयों का औचक निरीक्षण
किया। उन्होंने विद्यालय में साफ-च्फाई, बच्चों की हाजिरी रजिस्टर की जांच की। उन्होंने विद्यार्थियों से पाठ्यक्रम से
संबंधित प्रश्न भी पूछे। सही उत्तर देने वाले विद्यार्थियों की पीठ थपथपाकर हौसला अफजाई की। उन्होंने अध्यापकों और
विद्यार्थियों को विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले औचक निरीक्षण के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उच्होंने बच्चों को अधिकारियों के निरीक्षण के समय नहीं घबराने तथा पूरे आत्मविश्वास के साथ सवालों के जवाब दे सकें। उन्होंने अध्यापकचें को बच्चों से ब्लैकबोर्ड पर सवालों को हल कराने के निर्देश भी दिए। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूलों मे लड़कों व लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय की विधा के साथ-साथ ड्यूल डेस्क व अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने अध्यापकों को कमजोर विद्यार्थियों पर अतिरिक्त समय देकर उन्हें कामयाब बनाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मंदौला स्कूल में साफ-सफाई व बेहतर शिक्षा व्यवस्था की
सराहना की।

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