गेस्ट को एक और झटका - गेस्ट टीचरों के खिलाफ आपराधिक अवमानना की याचिका दायर-
.चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नौकरी से बाहर किए गए हरियाणा के सरप्लस गेस्ट टीचरों के खिलाफ अदालत की
आपराधिक अवमानना का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की गई है। हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने गेस्ट टीचर्स समेत हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले की आगामी सुनवाई 19 अगस्त तय की गई है। एडवोकेट जनरल इस याचिका को सुनवाई के लिए उचित पाएंगे तो मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के पास आपराधिक अवमानना की याचिका चलाने के लिए भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार गेस्ट टीचर्स को न हटाने के कारण हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले व्यक्तियों ने अपने वकील जगबीर मलिक के माध्यम से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने गेस्ट टीचरों को हटाने का आदेश दे दिया था। इसके बाद भी हरियाणा में गेस्ट टीचर नौकरी करते रहे। इसी बीच सरप्लस गेस्ट टीचरों को निकालने का आदेश दिया गया। हाईकोर्ट की बेंच ने अन्य गेस्ट
टीचरों को नियमित भर्ती तक बनाए रखने की छूट दी थी। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश पर सरप्लस गेस्ट
टीचर हटा दिए गए, लेकिन अब वे सरकार पर बेवजह दबाव बना रहे हैं। इसे लेकर आंदोलन के तहत वे भूख हड़ताल कर रहे हैं। साथ ही उनकी ओर से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है।.
इसलिए एजी ने की सुनवाई:
अदालत की आपराधिक अवमानना का केस तीन परिस्थितियों में चल सकता है। यदि जिला अदालत से सेशन जज हाईकोर्ट को आपराधिक अवमानना चलाने को लिखे या फिर हाईकोर्ट स्व: संज्ञान लेकर आपराधिक अवमानना का केस चलाए। इसकेअलावा तीसरा रास्ता यही है कि एडवोकेट जनरल आपराधिक अवमानना का केस चलाने के लिए मामला चीफ जस्टिस को रेफर करे। इसके लिए एडवोकेट जनरल के पास ही याचिका दायर करनी पड़ती है।उनकी संतुष्टि पर ही आपराधिक अवमानना का केस चलाने को मामला चीफ जस्टिस को रेफर किया जाता है। •हरियाणा के एजी ने गेस्ट टीचर्स को नोटिस जारी कर मांगा जवाब•कोर्ट के आदेश पर बर्खास्तगी के बावजूद प्रदर्शन और भूख हड़ताल का आरोप
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हेड बोले- स्कूलों में टीचरों की कमी, डिप्टी डायरेक्टर ने कहा- पीएस को बताऊंगा
.कुलविंदर बसोता | कैथल
सरकारीस्कूलों में अध्यापकों कमी हो गई है। ऐसा अध्यापकों की सेवानिवृत्ति गेस्ट टीचर्स को सरप्लस कर बाहर निकाले जाने के कारण हुआ है। अध्यापक होने के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस बात का खुलासा स्कूल हेड, प्रिंसिपल बीईओ ने पंचकूला से आए शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जिले सिंह के सामने किया। जिले सिंह राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाखौली अड्डा में स्कूल हेड, स्कूल प्रिंसिपल और बीईओ की विशेष मीटिंग लेने के लिए पहुंचे थे। जैसे ही डिप्टी डायरेक्टर ने स्कूल हेड, प्रिंसिपल बीईओ को स्कूलों में रही दिक्कतों के बारे में पूछा तो उनके अंदर का गुबार फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी दिक्कत अध्यापकों की कमी है। रिटायरमेंट होने के कारण अध्यापकों की स्कूलों में पहले ही कमी रही है। जब से गेस्ट टीचर्स निकाले हैं, यह समस्या कुछ स्कूलों में और बढ़ गई है। बच्चे टीचर्स की मांग कर रहे हैं।
स्कूलों में पर्याप्त टीचर्स होने के कारण वे बच्चों को टीचर्स उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं। सरकारी स्कूलों में ज्यादातर गरीब घरों के बच्चे ही शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। प्राइवेट स्कूलों में फीस अधिक होने के कारण वे दाखिला लेने से असमर्थ हैं। स्कूलों में टीचर्स की कमी ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा है। वहीं, शिक्षा विभाग के डिप्टी डॉयरेक्टर जिले सिंह ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी के बारे में कुछ स्कूल हेड, प्रिंसिपल बीईओ ने शिकायत की है। बच्चों के शिक्षा अधिकार को देखते हुए यह डिमांड जरूरी भी है। इस समस्या के बारे में प्रिंसिपल सेक्रेटरी को अवगत कराया जाएगा ताकि स्कूलों में
अध्यापकों की कमी को जल्द पूरा किया जा सके। स्कूल हेड बोले, पढ़ाएं तो स्कूल जाते हैं परिजन स्कूलहेड ने बताया कि अगर दो चार दिन बच्चों को कक्षा में पढ़ाया जाए तो बच्चों के माता-पिता भी स्कूल पहुंच जाते हैं। वे स्कूल में टीचर्स की कमी पूरी करने की बात कहते हैं। अगर यह दिक्कत दूर हो जाए तो स्कूलों के वार्षिक परिणाम में भी सुधार होगा। इसके अलावा स्कूलों में समय पर बजट पहुंचने की दिक्कत भी रहती है। जिससे स्कूल की विभिन्न गतिविधियां भी प्रभावित होती
रहती हैं।
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