guest teachers rally today , BPL 134 A

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गेस्ट महा आक्रोश रैली आज 
पिछले एक माह से देवीलाल पार्क में महापड़ाव डाले अतिथि अध्यापकों की ओर से शनिवार को महाआक्रोश रैली निकाली जाएगी। रैली में भीड़ जुटाने व अपनी ताकत का  अहसास कराने के लिए सर्व कर्मचारी संघ व हरियाणा कर्मचारी महासंघ के साथ मिलकर सभी संगठनों को न्यौता भेजा है। प्रदेश की सभी खाप पंचायतों, सामाजिक-धार्मिक संठनों को भी बुलाया गया है।एक माह से महापड़ाव सरप्लस गेस्ट टीचर पिछले तीन माह से प्रदेश में अलग-अलग जगह आंदोलन कर रहे हैं। गत 29 जून तक सभी सरप्लस गेस्ट टीचर को हटा दिया गया था, इसके बावजूद वे महेंद्रगढ़ के देवीलाल पार्क में 17 जून से महापड़ाव डाले बैठे हैं और 31 जून से बेमियादी अनशन कर रहे हैं

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गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिले पर शीर्ष कोर्ट में सरकार 134A


प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में नियम 134 ए के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को प्रवेश दिए जाने के मामले में हरियाणा सरकार अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। यह जानकारी हरियाणा सरकार की ओर से मौजूद काउंसिल अमर विवेक द्वारा सुनवाई के दौरान कोर्ट को दी गई। हरियाणा सरकार ने बताया कि उनकी याचिका पर 30 जुलाई को सुनवाई है। हरियाणा सरकार द्वारा दी गई जानकारी पर हाईकोर्ट ने सुनवाई को 31 जुलाई तक के लिए टाल दिया। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणासरकार द्वारा बताया गया कि हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है
हाईकोर्ट ने यह कहा था हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार प्राइवेट स्कूलों में 134ए के तहत दिए जाने वाले दाखिलों की फीस हरियाणा सरकार की जिम्मेदारी करार दी गई थी। हरियाणा सरकार के काउंसिल ने कहा कि इस प्रकार यदि उन्हें फीस के बोझ में दबाया गया तो 5 हजार करोड़ रुपए सालाना हरियाणा सरकार को प्राइवेट स्कूलों को देने होंगे। हरियाणा सरकार ने कहा कि स्कूलों को जमीन दी जाती है और स्कूलों का यह फर्ज है कि वे समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों का दाखिला देकर अपनी जिम्मेदारी निभाए। साथ ही हरियाणा सरकार ने बताया कि उनकी याचिका पर 30 जुलाई को सुनवाई होनी है ऐसे में वहां पर सुनवाई के बाद ही यहां सुनवाई हो। हाईकोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए सुनवाई 31 जुलाई तक के लिए टाल दी। इस दौरान याची पक्ष द्वारा कहा गया कि बच्चों का एडमिशन लंबित है जो सही नहीं है। राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों का दाखिला 134ए के तहत सुनिश्चित किया जाए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी स्टे नहीं दिया हैहाईकोर्ट में हरियाणा सरकार ने कहा कि उन्होंने सभी डिस्ट्रिक्ट एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसरों को निर्देश दिए हैं कि वे दाखिले सुनिश्चित करें। यदि कोई प्राइवेट स्कूला दाखिला नहीं देता है तो इसकी शिकायत डायरेक्टर एलिमेंट्री एजुकेशन को दी जा सकती है। वे अपने स्तर पर कड़ी कार्रवाई करते हुए दाखिला सुनिश्चित करेंगे।


फिल्मअभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को हरियाणा "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम का ब्रैंड एंबेसडर

चंडीगढ़  : हरियाणा से शुरू बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड अंबेसडर परिणीति चोपड़ा को लेकर सरकार में टकराव के हालात पैदा हो गए हैं। परिणीति को ब्रांड अंबेसडर बनाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बेटियां बचाने में मदद मिलने का दावा किया है, वहीं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री पर खुला हमला भी बोला। विज ने भारतीय लोकतंत्र में मुख्यमंत्रियों को बाहुबली और महाबली की संज्ञा दे डाली। मनोहर लाल को भी इसी श्रेणी में रखते हुए विज ने यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री जंगल में एक शेर के समान होते हैं और मंत्रियों की स्थिति एक खुले शेर के सामने निरीह आदमी से अधिक कुछ नहीं है। सरकार बड़ी ताकतवर होती है। बाहुबली सीएम कुछ भी कर सकता है। यह भी पढ़ें : परिणीति चोपड़ा बनीं ' बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड अंबेसडरस्वास्थ्य मंत्री के मुख्यमंत्री के प्रति इस नजरिए से एक बार फिर भाजपा हाईकमान की मुश्किलें बढ़ गई हैैं। उनके इस बयान से यह भी संकेत मिल रहा कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा और फैसले मंत्रियों को विश्वास में लेकर नहीं किए जाते। विज और मुख्यमंत्री
मनोहर के बीच टकराव कई माह से चल रहा है। यह भी पढ़ें : सीएम आफिस से गया था परिणीति को प्रस्ताव भाजपा  ईकमान के हस्तक्षेप के बाद विज कई दिन मुख्यमंत्री पर सार्वजनिक तौर पर हमलावर होने से बचते रहे, लेकिन अंबाला की
रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को उनकी जानकारी के बिना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड
अंबेसडर बनाने से विज का गुबार फूट पड़ा। राष्ट्रीय स्तर पर फिल्म अभिनेत्री माधुरी दीक्षित इस अभियान की ब्रांड अंबेसडर हैं। कहा,बेटियाें को बचाने के लिए हमें किसी हीरो-हीरोइन की जरूरत नहीं विज ने शुक्रवार को यहां साफ कह दिया कि अच्छी बात है कि परिणीति अंबाला की रहने वाली हैं, लेकिन उन्हें ब्रांड अंबेसडर बनाए जाने की कोई जानकारी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और डॉक्टर दिन रात मेहनत कर अपनी जान हथेली पर रखते हुए बेटियां बचाने में लगे हुए हैं। यह उनका 'मोरल डाउन' करने वाला फैसला है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और डॉक्टरों को बेटियां बचाने के लिए किसी हीरो-हीरोइन की जरूरत नहीं है। ऐसा कोई प्रस्ताव न तो स्वास्थ्य विभाग का था और न ही कैबिनेट में कभी चर्चा में आया। स्वामी रामदेव को जब योग एवं आयुर्वेद का ब्रांड अंबेसडर बनाया गया था, तब कैबिनेट ने फैसला लिया था।
बेटियां बचाएं हम, पढ़ाए शिक्षा विभाग और वाहवाही तीसरा लूटे स्वास्थ्य मंत्री को जब याद कराया गया कि यह योजनामहिला एवं बाल विकास विभाग की है तो जवाब में उन्होंने कहा कि बेटियां बचाता स्वास्थ्य विभाग है और पढ़ाता शिक्षा विभाग है। तीसरी एजेंसी या विभाग का क्या दायित्व है, उन्हें नहीं मालूम। बावजूद इसके यदि महिला एवं बाल विकास विभाग किसी को ब्रांड अंबेसडर बनाता है तो उन्हें इस पर भी आपत्ति नहीं है। विज ने मुख्यमंत्री को अपना घनिष्ठ मित्र भी बताया, लेकिन उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। पानीपत की टीस भी मन में पानीपत से शुरू बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के दौरान मंच पर नहीं बुलाए जाने की पीड़ा भी विज के दिल में अभी तक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि न तो स्वास्थ्य मंत्री और न ही शिक्षा मंत्री को मंच पर बुलाया गया। हम घास पर बैठे रहे और दूसरे मंच पर दिखाई
दिए। काम हम करें और वाहवाही दूसरे लूटें।

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