Guest Teacher strike/ protest at Jantar Mantar
जंतर-मंतर पर गेस्ट टीचर्स का क्रमिक अनशन शुरू
गेस्ट टीचरों ने अब नई रणनीति के तहत दिल्ली के जंतर-मंतर पर क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। महेंद्रगढ़ के देवीलाल पार्क में 32 दिन महापड़ाव व 26 दिन तक आमरण अनशन के बावजूद सरकार को झुकाने की कोशिश में फेल होने पर गेस्ट टीचर ने शनिवार को देर शाम दिल्ली कूच कर दिया था। अनशनकारियों की बिगड़ती हालत के कारण खापों और कर्मचारी संगठनों के दबाव पर दिल्ली में रविवार को शहीद हेमराज की माता के हाथों से जूस पिलवाकर अनशन खत्म करवा दिया गया। इसके बाद अब नई रणनीति के तहत जंतर-मंतर पर गेस्ट टीचर ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। जिसमें रविवार देर सांय 5 बजे से सोमवार को शाम 5 बजे तक गुड़गांव मंडल के 11 गेस्ट टीचर क्रमिक अनशन पर बैठे। वहीं अब
अलग-अलग मंडल के गेस्ट टीचर हर दिन क्रमिक अनशन पर रहेंगे। वहीं इसी दौरान कोर कमेटी गुप्त रणनीति के तहत
आंदोलन की तैयारी चला रही है। जिसमें प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या भाजपा के किसी मंत्री के आवास का घेराव भी किया जा सकता है। वहीं गेस्ट टीचर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री का कहना है कि सरकार ने उनके साथ हर कदम पर धोखा
किया है। ऐसे में उन्हें कोर्ट का सहारा है, अब वे डबल बैंच में जाएंगे। शास्त्री ने कहा कि उनका आंदोलन गेस्ट टीचर के नियमित होने तक जारी रहेगा। शास्त्री के अनुसार महेंद्रगढ़ में उनका आंदोलन शांतिपूर्वक तरीके से चल रहा था लेकिन इसके
बावजूद शिक्षामंत्री के इशारे पर इसे कुचलने का प्रयास किया गया
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(Recruitment , vacancy , job , news)अलग-अलग मंडल के गेस्ट टीचर हर दिन क्रमिक अनशन पर रहेंगे। वहीं इसी दौरान कोर कमेटी गुप्त रणनीति के तहत
आंदोलन की तैयारी चला रही है। जिसमें प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या भाजपा के किसी मंत्री के आवास का घेराव भी किया जा सकता है। वहीं गेस्ट टीचर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री का कहना है कि सरकार ने उनके साथ हर कदम पर धोखा
किया है। ऐसे में उन्हें कोर्ट का सहारा है, अब वे डबल बैंच में जाएंगे। शास्त्री ने कहा कि उनका आंदोलन गेस्ट टीचर के नियमित होने तक जारी रहेगा। शास्त्री के अनुसार महेंद्रगढ़ में उनका आंदोलन शांतिपूर्वक तरीके से चल रहा था लेकिन इसके
बावजूद शिक्षामंत्री के इशारे पर इसे कुचलने का प्रयास किया गया
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जाट आरक्षण के खिलाफ दायर याचिक पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहालोगों को झूठे सपने दिखा रही सरकार
अमर उजाला ब्यूरोचंडीगढ़। प्रदेश में बिश्नोई, जाट, जाट सिख, रोड़ और त्यागी जातियों को ओबीसी में शामिल करनेे के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सोमवार को सरकार को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। सरकार को यह जवाब अगले सोमवार तक बेंच के समक्ष दाखिल कराना होगा।
जस्टिस एस.के. मित्तल एवं जस्टिस हरिंदर सिंह सिद्धू की डिवीजन बेंच ने सरकार से पूछा है कि आरक्षण देने के केसी गुप्ता की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है और हरियाणा ने आरक्षण इसी रिपोर्ट के आधार पर दिया था। ऐसे में जब रिपोर्ट खारिज हो चुकी है तो राज्य में जाट आरक्षण जारी क्यों है। इससे पहले बेंच ने कहा कि राज्य सरकार बड़ी संख्या में पदों पर नियुक्तियां करने जा रही है, ऐसे में जाट आरक्षण दिया जाएगा या नहीं। एडवोकेट जनरल ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को बताया कि अभी आरक्षण जारी है। इसी पर बेंच ने 27 जुलाई तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। हाईकोर्ट सोमवार को ही आरक्षण पर रोक लगाने जा रहा था, लेकिन जवाब के लिए समय मांगने पर एक हफ्ते का समय दिया गया है।
बेंच ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार कोई फैसला नहीं लेती तो हाईकोर्ट अपने स्तर पर सख्त फैसला सुनाएगा।
हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार आम लोगों को झूठे सपने दिखा रही है। उल्लेखनीय है कि मुरारी लाल सहित चार व्यक्तियों ने अलग-अलग याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर कर आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने जाटों को आरक्षण केवल अपने राजनैतिक फायदे और वोट बैंकके लालच में दिया था। हाईकोर्ट को बताया गया था कि जाटों की तुलना सरकार ने अगड़ों से की है। जबकि यह तुलना पिछड़ी जाति से की जानी चाहिए थी और वैसे भी जाटों समेत उक्त पांच जातियों को आरक्षण देने के साथ राज्य में आरक्षण का प्रतिशत 50 हो गया है, जो गलत है।
कोर्ट ने कहा, सरकार आरक्षण के संबंध में स्थिति साफ करे
27 जुलाई तक राज्य सरकार को दाखिल करना है जवाब
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