Learning indicator in primary schools Haryana

प्राइमरी स्कूलों में शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए अब 'लर्निंग इंडिकेटर'
नौनिहालों का शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में अधिगम संकेतक (लर्निग इंडिकेटर) लगाए जाएंगे। इसके सहारे बच्चों का बेस मजबूत होगा। इंडिकेटर लगाने की रिपोर्ट ई-मेल से एसएसए निदेशालय भेजी जाएगी। "सब पढ़ें..सब बढ़ें" सर्व शिक्षा अभियान के इस सपने को साकार करने के लिए स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने प्रदेश भर के सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में अधिगम संकेतक
लगाना अनिवार्य कर दिया है। स्कूल की दीवार पर हिंदी, अंग्रेजी व गणित विषय के संकेतक लगाए जाएंगे। अधिगम संकेतक कक्षा के बाहर दीवारों पर पेंट होगा। 64 स्क्वायर फीट (16 फीट लंबा व 4 फीट ऊंचा) में सफेद रंग के चमकीले सिंथेटिक पेंट से बेस तैयार होगा। कक्षा का नाम सबसे उपर लिखने के बाद दूसरी पंक्ति में तीन अलग-अलग ब्लॉक में संकेतक उकेरे जाएंगे। हिंदी का सबसे पहले, अंग्रेजी का मध्य में तथा उसके बाद गणित का होगा। प्रत्येक पंक्ति की चौड़ाई 2 इंच होगी।
पीले रंग का बॉर्डर: अधिगम संकेतक का किनारा (बॉर्डर) पीले रंग का होगा। हिंदी के लिए डार्क ग्रीन, अंग्रेजी डार्क ब्लू व गणित का संकेतक काले पेंट से उकेरा जाएगा। निदेशालय से हिदायत दी गई है कि कक्षा के बाहर दीवार पर संकेतक इस तरह से बनाएं जिससे बच्चों को देखने में असुविधा न हो। आंख के लेवल में इसे लिखवाएं। विद्यालय में जगह की कमी होने की स्थिति में इसे थोड़ा उपर लिखवा सकते हैं।
स्टीयरिंग कमेटी में निर्णय: शिक्षण में गुणवत्ता विकास कार्यक्रम (क्यूआइपी) के तहत प्रदेश स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में स्कूलों में इंडिकेटर लगाने का निर्णय लिया गया। प्रधान सचिव टीसी गुप्ता भी इसमें उपस्थित रहे। इंडिकेटर के प्रारूप का जिम्मा राज्य शैक्षणिक व शोध प्रशिक्षण परिषद गुड़गांव को सौंपा गया।

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