900 जेबीटी अंगूठे के निशान देने के लिए तैयार नहीं, अब होगा लिखावट का मिलान
चंडीगढ़ । फिंगर मैचिंग जांच में सहयोग नहीं करने वाले जेबीटी की पात्रता परीक्षा (एचटेट) की आंसर कापी की राइटिंग को
मिलाने का निर्णय लिया है। आंसर कापी के मिलान उस केंडिडेट ने जो परीक्षा पहले दे रखी है, उसे आधार बनाया जाएगा।
यदि दाेनों आंसर में का अंतर आया, तो इसे गड़बड़ी माना जाएगा। लॉ डिपार्टमेंट ने सरकार को इस संबंध में अपनी ओर से लिखावट के आधार पर जांच करने पर सहमति जताई है। इससे केंडिडेट की राइटिंग के आधार पर तय होगा कि टीचर
पात्रता परीक्षा देने वाला केंडिडेट वही था या फर्जी केंडिडेट ने उसकी जगह परीक्षा दी। बार बार नोटिस देने के बाद भी सात
सौ से ज्यादा जेबीटी फिंगर जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं। इस वजह से अब शिक्षा विभाग जांच के दूसरे विकल्प पर विचार कर रहा है। प्रदेश में हुड्डा सरकार में 9,455 जेबीटी की भर्ती हुई थी। 2010 में टीचर पात्रता परीक्षा पास करने वाले कुछ स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि इस भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आया। तब कोर्ट ने जांच का काम मधुबन फॉरेंसिक लैब को सौंपा। लेकिन सारी कोशिश के बाद भी अभी तक 9,455 में से 8,500 के अंगूठों के निशान लिए जा चुके हैं। 900 ऐसे टीचर हैं। सरकार पर कोर्ट और टीचरों का दबाव इधर हाईकोर्ट बार बार सरकार ने इस मामले की कंपलीट रिपोर्ट मांग रहा है। दूसरी ओर चुने गए जेबीटी ज्वाइनिंग की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर उन्होंने आंदोलन भी किया था। ऐसे में सरकार पर दोहरा प्रेशर बना हुआ है। हम कोई न कोई रास्ता निकाल लेंगे
शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने बताया कि सरकार इस मामले पर गंभीर है। हम कोई न कोई रास्ता निकालेंगे। जो सही है उसके साथ गलत नहीं होने देंगे और जो गलत है उसे रियायत नहीं दी जाएगी।
www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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मिलाने का निर्णय लिया है। आंसर कापी के मिलान उस केंडिडेट ने जो परीक्षा पहले दे रखी है, उसे आधार बनाया जाएगा।
यदि दाेनों आंसर में का अंतर आया, तो इसे गड़बड़ी माना जाएगा। लॉ डिपार्टमेंट ने सरकार को इस संबंध में अपनी ओर से लिखावट के आधार पर जांच करने पर सहमति जताई है। इससे केंडिडेट की राइटिंग के आधार पर तय होगा कि टीचर
पात्रता परीक्षा देने वाला केंडिडेट वही था या फर्जी केंडिडेट ने उसकी जगह परीक्षा दी। बार बार नोटिस देने के बाद भी सात
सौ से ज्यादा जेबीटी फिंगर जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं। इस वजह से अब शिक्षा विभाग जांच के दूसरे विकल्प पर विचार कर रहा है। प्रदेश में हुड्डा सरकार में 9,455 जेबीटी की भर्ती हुई थी। 2010 में टीचर पात्रता परीक्षा पास करने वाले कुछ स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि इस भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आया। तब कोर्ट ने जांच का काम मधुबन फॉरेंसिक लैब को सौंपा। लेकिन सारी कोशिश के बाद भी अभी तक 9,455 में से 8,500 के अंगूठों के निशान लिए जा चुके हैं। 900 ऐसे टीचर हैं। सरकार पर कोर्ट और टीचरों का दबाव इधर हाईकोर्ट बार बार सरकार ने इस मामले की कंपलीट रिपोर्ट मांग रहा है। दूसरी ओर चुने गए जेबीटी ज्वाइनिंग की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर उन्होंने आंदोलन भी किया था। ऐसे में सरकार पर दोहरा प्रेशर बना हुआ है। हम कोई न कोई रास्ता निकाल लेंगे
शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने बताया कि सरकार इस मामले पर गंभीर है। हम कोई न कोई रास्ता निकालेंगे। जो सही है उसके साथ गलत नहीं होने देंगे और जो गलत है उसे रियायत नहीं दी जाएगी।
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