9455 जेबीटी वेटिंग व् एचटेट 2012-13 मामला,हाईकोर्ट ने पूरी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई पहले सिर्फ 2013 एचटेट पास की भर्ती पर थी रोक
अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने में जेबीटी टीचरों ने बड़े-बड़े मुन्ना भाइयों को फेल करदिया है। वर्ष 2011 में नियुक्ति पाने वाले जेबीटी में हजारों की संख्या में फर्जी पाए गए टीचरों के बाद अब पिछले साल चयनित और नियुक्ति का इंतजार कर रहे 9455
जेबीटी टीचरों में भी ज्यादातर के फर्जी तरीके से पात्रता परीक्षा पास करने का खुलासा हुआ है। सोमवार को मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि पिछले साल चयनित टीचरों को नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले अदालत के आदेश पर तकनीकी जाच की जा रही है। इसके तहत मेरिट लिस्ट में शामिल 5000 चयनित उम्मीदवारों को जाच के लिए बुलाया गया जिसमें 4413 शामिल हुए। फिंगर प्रिंट ब्यूरो मधुबन की जांच में 1898 उम्मीदवार सही पाए गए जबकि 93 पूरी तरह फर्जी मिले। इसके
अलावा 2422 उम्मीदवार संदेह के घेरे में हैं। हाईकोर्ट ने सरकार के इस जवाब को रिकॉर्ड पर रखते हुए स्पष्ट कर दिया कि केवल सही उम्मीदवारों को ही नियुक्ति दीजाए।
फिंगर प्रिंट ब्यूरो की इस रिपोर्ट के आधार पर इस भर्ती में भी बड़े स्तर पर फर्जी पात्रता परीक्षा पास करने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इससे पहले वर्ष 2011 में भी नौ हजार जेबीटी टीचरों की भर्ती में हजारों टीचर फर्जी पाए गए थे। इसके बाद हाईकोर्ट ने सभी फर्जी टीचरों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश देते हुए शिक्षा बोर्ड पर सही तरीके से परीक्षा आयोजित न करने के कारण एक
लाख का जुर्माना लगाया था। साथ ही महा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए भविष्य में इस तरह की घटना को रोकने के लिए पिछले साल चयनित टीचरों को नियुक्ति देने से पूर्व तकनीकी जाच का आदेश दिया था। सोमवार को 9455 चयनित जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति देने की सरकार की माग पर जस्टिस दीपक सिब्बल की बेंच ने तुरंत कोई राहत नहीं दी। सरकार की ओर से अधिवक्ता हरीश राठी ने मुख्य केस में दाखिल जवाब को ही अन्य केसों में कंसीडर करने का आग्रह किया परंतु मामले में दाखिल तीन नई याचिकाओं के मद्देनजर बेंच ने एक सप्ताह में सभी याचिकाओं में जवाब दाखिल करने का आदेश देते हुए 19 अगस्त को बहस निर्धारित की
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जेबीटी टीचरों में भी ज्यादातर के फर्जी तरीके से पात्रता परीक्षा पास करने का खुलासा हुआ है। सोमवार को मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि पिछले साल चयनित टीचरों को नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले अदालत के आदेश पर तकनीकी जाच की जा रही है। इसके तहत मेरिट लिस्ट में शामिल 5000 चयनित उम्मीदवारों को जाच के लिए बुलाया गया जिसमें 4413 शामिल हुए। फिंगर प्रिंट ब्यूरो मधुबन की जांच में 1898 उम्मीदवार सही पाए गए जबकि 93 पूरी तरह फर्जी मिले। इसके
अलावा 2422 उम्मीदवार संदेह के घेरे में हैं। हाईकोर्ट ने सरकार के इस जवाब को रिकॉर्ड पर रखते हुए स्पष्ट कर दिया कि केवल सही उम्मीदवारों को ही नियुक्ति दीजाए।
फिंगर प्रिंट ब्यूरो की इस रिपोर्ट के आधार पर इस भर्ती में भी बड़े स्तर पर फर्जी पात्रता परीक्षा पास करने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इससे पहले वर्ष 2011 में भी नौ हजार जेबीटी टीचरों की भर्ती में हजारों टीचर फर्जी पाए गए थे। इसके बाद हाईकोर्ट ने सभी फर्जी टीचरों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश देते हुए शिक्षा बोर्ड पर सही तरीके से परीक्षा आयोजित न करने के कारण एक
लाख का जुर्माना लगाया था। साथ ही महा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए भविष्य में इस तरह की घटना को रोकने के लिए पिछले साल चयनित टीचरों को नियुक्ति देने से पूर्व तकनीकी जाच का आदेश दिया था। सोमवार को 9455 चयनित जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति देने की सरकार की माग पर जस्टिस दीपक सिब्बल की बेंच ने तुरंत कोई राहत नहीं दी। सरकार की ओर से अधिवक्ता हरीश राठी ने मुख्य केस में दाखिल जवाब को ही अन्य केसों में कंसीडर करने का आग्रह किया परंतु मामले में दाखिल तीन नई याचिकाओं के मद्देनजर बेंच ने एक सप्ताह में सभी याचिकाओं में जवाब दाखिल करने का आदेश देते हुए 19 अगस्त को बहस निर्धारित की
9455 जेबीटी की नियुक्ति पर रोक हटाने पर फैसला 19 को
हरिभूमि न्यूज. चंडीगढ़
शिक्षा विभाग में 9455 चयनित जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी हाईकोर्ट में लंबित 17 विभिन्न याचिकाओं का सोमवार को भी सुनवाई के बाद निपटारा न हो सका। मामले पर सुनवाई 19 अगस्त को होगी और तब तक नियुक्तियों पर लगी रोक जारी रहेगी।
सोमवार को हुई सुनवाई में जस्टिस दीपक सिब्बल की बेंच ने सभी याचिकाओं पर एक-एक कर सुनवाई की और जिन याचिकाओं में सरकार द्वारा जवाब दाखिल नहीं किया गया, उनमें एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। हालांकि सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश राठी ने मुख्य केस में दाखिल जवाब को ही अन्य केसों में कंसीडर करने का आग्रह किया। परन्तु मामले में दाखिल तीन नई याचिकाओं के मद्देनजर बेंच ने एक सप्ताह में सभी याचिकाओं में जवाब दाखिल करने का आदेश देते हुए 19 अगस्त को बहस निर्धारित की। बेंच ने कहा कि सिर्फ 27-28 याचिकाकर्ताओं के लिए 9455 चयनित जेबीटी उम्मीदवारों की नियुक्ति पर लंबे समय तक रोक लगाए रखना ठीक नहीं होगा। इसलिए सभी पक्ष 19 अगस्त को बहस की तैयारी करके आए ताकि मामले का निपटारा किया जा सके। वहीं सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि थम्ब इम्प्रेशन जांच के बाद सिर्फ सही पाए जाने वाले चयनित जेबीटी को ही नियुक्ति दी जायेगी। यह भी बताया गया कि जांच जारी है और अभी तक की जांच में 4413 में से केवल 1890 के सही पाए गए हैं।
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