हरियाणावासी तय करेंगे राज्य की नई शिक्षा नीति ,23 अगस्त की रैली को असफल बनाने की कोशिश !

हरियाणावासी तय करेंगे राज्य की नई शिक्षा नीति
चंडीगढ़(ब्यूरो)। हरियाणा की नई शिक्षा नीति में गांव से लेकर ब्लाक स्तर तक के सुझावों पर सरकार अमल करेगी। हरियाणा की शिक्षा कैसी हो इसमें हरियाणा के लोगों की राय ली जाएगी। पूर्व की कांग्रेस सरकार के राइट टू ऐजुकेशन जैसे फार्मूलों से
इतर यह फार्मूला हरियाणा की मनोहर सरकार ने निकाला है।
23 अगस्त को इसके तहत हरियाणा के 6074 गांव इस नई शिक्षा नीति पर अपनी राय देेंगे। उनमें से काम केसुझाव सरकार नई शिक्षा नीति में शामिल करेगी। गांव के बाद अलग-अलग चरण में विभिन्न प्लेटफार्म पर इस नीति पर चर्चा की जाएगी। कुल 13 थीम शिक्षा विभाग ने तय की हैं, जिन पर चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मामले में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर उन्हें 25 अगस्त को पंचकूला में होने वाली राज्यस्तरीय कार्यशाला के लिए आमंत्रित किया है। 25 सिंतबर को ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मदिवस भी है।
पत्र में कहा गया है कि हरियाणा में 23 अगस्त को ‘न्यू एजुकेशन पालिसी डे’ के तहत मनाया जाएगा। ग्राम सभाएं, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी, स्कूल मैनेजमेंट और डवलपमेंट कमेटियां और 6076 गांव की विलेज एजुकेशन कमेटियां इस दिन अपने गांव में इकट्ठी होंगी और नई शिक्षा नीति पर 13 थीमों पर चर्चा करेंगी। स्मृति ईरानी से इन कार्यक्रमों में से किसी एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए मुख्यमंत्री ने गुजारिश की है।
25 सितंबर को मुख्यमंत्री खट्टर ने किया स्मृति ईरानी को आमंत्रित
23 अगस्त को हरियाणा के 6076 गांव करेंगे शिक्षा नीति पर चर्चा



http://teacherharyana.blogspot.in/2015/08/23815-sunday-school-will-remain-open.html


'नई शिक्षा नीति' के लिए ग्राम सभा करेगी मंथन
.
सुरेश मेहरा, भिवानी :
देश में पहली बार नई शिक्षा नीति 2015 को लेकर ग्राम स्तर पर
सुझाव मांगे गए हैं। इसके लिए 23 अगस्त का दिन निर्धारित किया
गया है। ग्राम स्तर पर विद्यालय के मुखिया को नोडल अधिकारी
नियुक्त किया गया है। इन ग्राम सभाओं में मानव संसाधन विकास
मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्धारित 11 थीम्स पर चर्चा
होगी। ग्राम सभाओं में लिए सुझाव ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर
पर होते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहुंचेंगे और नई शिक्षा
नीति तैयार की जाएगी।
सहायक निदेशक (शैक्षणिक) माध्यमिक शिक्षा हरियाणा पंचकूला
के पत्र क्रमांक केड्ब्ल्यू2/3/2015 एनईपी के तहत यह पत्र मुख्यमंत्री,
शिक्षा मंत्री, विद्यालय शिक्षा विभाग प्रधान सचिव, सेकेंडरी
शिक्षा विभाग निदेशक, निदेशक मौलिक शिक्षा के निजी
सहायकों और जिला शिक्षा अधिकारियों आदि को जारी
किया गया है।
स्कूल प्रमुख नोडल अधिकारी
नई शिक्षा नीति 2015 को लेकर 23 अगस्त को होने वाली ग्राम
सभा में संबंधित गांव के सरपंच, पंच, विद्यालय प्रबंधन समिति के
सदस्य, गांव के शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी, सम्माननीय
नागरिक व महाविद्यालयों में पढ़ रहे छात्र छात्राओं को आमंत्रित
किया गया है। इस दिन होने वाले कार्यक्रम को हर हाल में सफल
बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इस संदर्भ में मास्टर ट्रेनर को पहले
ही ट्रे¨नग दी जा चुकी है।
11 थीम्स पर होगी चर्चा
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 23 अगस्त को
ग्राम सभाओं में नई शिक्षा नीति 2015 पर चर्चा करने के लिए इन
थीम्स पर चर्चा होगी:
1. प्राथमिक शिक्षा में अच्छे परिणाम सुनिश्चित करना
2. माध्यमिक शिक्षा का विस्तार
3. व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा
4. शिक्षकों के लिए गुणवत्ता युक्त शिक्षा के बारे में नयापन
5. महिला व अनुसूचित जाति साक्षरता तेज करने पर जोर
6. स्कूल मूल्यांकन और प्रबंधन पर नए विचार
7. भाषाओं का प्रमोशन
8. बाल स्वास्थ्य में सुधार
9. गणित व विज्ञान के विस्तार पर जोर
10. समावेशी शिक्षकों को और अधिक योग्य बनाने
11. शारीरिक शिक्षा व कला को जीवन का हिस्सा बनाना
नई पहल को कामयाब बनाने को पूरी तैयारी
प्रशासन ने की तैयारी
जिला शिक्षा अधिकारी निर्मल श्योराण के अनुसार 23 अगस्त
को ग्राम स्तर पर नई शिक्षा के लिए विभाग ने सुझाव मांगे हैं। इसके
लिए सभी स्कूल मुखियाओं और संबंधित अधिकारियों को सूचित
कर दिया गया है। इस नई पहल को कामयाब करने के लिए पूरी
तैयारियां की गई हैं।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतबीर सिवाच ने भी
बताया कि इस प्रकार की पहल की जा रही है। 23 अगस्त को
ग्राम स्तर पर इसके लिए ग्राम सभा आयोजित की जाएंगी। उनमें
लोगों के सुझाव मांगे गए हैं।

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सरकारी फरमान पर अध्यापकों की भौंहें तनी
Posted On August - 16 - 2015
गुंजन कैहरबा/निस
इन्द्री, 16 अगस्त
शिक्षा विभाग ने 23 अगस्त का दिन नयी शिक्षा नीति सुझाव दिवस घोषित किया है। विभाग द्वारा रविवार होने के बावजूद इस दिन स्कूल खोलने और शिक्षा नीति की चर्चा में शामिल होने के फरमान से हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सकते में है। अध्यापक संघ द्वारा इसी दिन करनाल में राज्य स्तरीय शिक्षक आक्रोश रैली आयोजित की जा रही है। शिक्षा विभाग के स्कूल खोलने के फरमान से अध्यापक संघ के नेताओं की भौंहें तन गई हैं। अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह व प्रदेश सचिव जगतार सिंह ने कहा कि प्रस्तावित शिक्षक रैली की सुनिश्चित सफलता से सरकार घबरायी हुई है। रैली को विफल करने के लिए सरकार द्वारा साजिश के तहत यह तिथि नयी शिक्षा नीति दिवस के रूप में घोषित की गई है।
1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति और 1992 में इसकी समीक्षा के बाद नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार द्वारा नयी शिक्षा नीति का बनाने की तैयारियां की जा रही हैं। शिक्षा नीति के लिए ग्राम स्तर पर सभाओं का आयोजन करके आम लोगों के शिक्षा के बारे में 11 थीम को लेकर सुझाव लिए जाने हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक की तरफ से 13अगस्त को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयकों को पत्र क्रमांक- केडब्ल्यू2/3/2015 एनईपी जारी किया गया। इस पत्र में 23 अगस्त को नयी शिक्षा नीति सुझाव दिवस घोषित किया गया। इस पत्र में प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल खोलने, विद्यार्थियों की छुट्टी रखने और अध्यापकों तथा कर्मचारियों को नयी शिक्षा नीति के लिए आयोजित होने वाली सभा में शामिल होने का आदेश दिया गया है। लेकिन यह पत्र जिला में पहुंचते ही अध्यापकों के आक्रोश का कारण बन गया।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ व एसटीएफआई के प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह व जगतार सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग और सरकार अध्यापक आंदोलन से घबराकर ही विभाग ने 23 अगस्त को स्कूल खुले रखने का पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि अध्यापक संघ ने निदेशक को पत्र लिख कर नई शिक्षा नीति सुझाव दिवस 23अगस्त को बदलने की मांग उठाई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विभाग उपरोक्त आदेश को रद्द नहीं करता, तो हरियाणा के अध्यापक इस तानाशाही व फासी वादी फतवे का विरोध करते हुए भारी संख्या में करनाल रैली में पहुंचेंगे।
करनाल रैली को लेकर ठनी
कैथल (हप्र) : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की प्रस्तावित 23 अगस्त की करनाल रैली को देखते हुए सरकार द्वारा प्रदेश के सभी स्कूलों को 23 अगस्त रविवार के दिन भी खोलने के जारी किए गए तुगलकी फरमान का विरोध करते हुए हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान बलजीत गोपेरा, सचिव बूटा सिंह व सतबीर गोयत ने कहा कि प्रदेश के अध्यापक सरकार के इस फरमान का डट कर विरोध करेंगे और प्रस्तावित रैली में बढ़चढ़ कर भाग लेंगे। संघ की राज्य उपप्रधान सुमित्रा देवी व सुशीला शर्मा ने कहा कि सरकार अध्यापकों की एकजुटता के कारण घबरा गई है। यही कारण है कि आनन-फानन में विरोधी फरमान जारी कर रही है। जयप्रकाश शास्त्री व कंवरजीत सिंह ने कहा कि मौजूदा केंद्र व राज्य सरकार सार्वजनिक स्कूली शिक्षा पर चौतरफा हमले बोल रही है।
इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आ रही है बल्कि अध्यापक भी गंभीर मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के पश्चात पहली बार केंद्र सरकार ने शिक्षा के बजट में 13000 करोड़ की कमी की है। जिला कोषाध्यक्ष विजेंद्र मोर व रामपाल शर्मा ने कहा कि राज्य में 30000 अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार गेस्ट टीचरों को बाहर निकाल रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार अपने फरमान को वापस नहीं लेती तो अध्यापक इस तानाशाही व फासीवादी फतवे का विरोध करते हुए भारी संख्या में करनाल रैली में पहुंचेंगे।

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