अब आसान नहीं होगी नर्सिग की पढ़ाई..

अब आसान नहीं होगी नर्सिग की पढ़ाई......
चंडीगढ़ : हरियाणा के नर्सिग कॉलेजों में दाखिला लेना अब आसान नहीं। राज्य के लिए स्वीकृत 1800 सीटों पर 8000 विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा देने के गोरखधंधे की रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार सख्त हो गई है। नए शिक्षण सत्र में सिर्फ
1800 सीटों पर ही दाखिले दिए जाएंगे। काउंसिलिंग भी मुख्यालय के अधीन होगी। राज्य में 134 नर्सिग कॉलेज हैं। इनमें एएनएम के 72 और जीएनएम के 62 कॉलेज शामिल हैं। पिछली हुड्डा सरकार में सवा सौ नर्सिग कॉलेजों को मान्यता दी गई थी जो आज भी पंजाब नर्सिग काउंसिल के अधीन चल रहे हैं। काउंसिल में 16 सदस्य होते हैं, जिनमें से 15 सदस्य पंजाब के और एक सदस्य हरियाणा का है।
हरियाणा के गठन के बाद से न तो पंजाब नर्सिग काउंसिल के नियमों में बदलाव हुआ और न ही हरियाणा का अलग एक्ट बना। नर्सिग काउंसिल ऑफ इंडिया से हरियाणा के लिए मात्र 1800 सीटें स्वीकृत हैं, लेकिन पिछले साल ही 8000 एएनएम-जीएनएम ने परीक्षाएं दी हैं, जिसके रिजल्ट घोषित करने को लेकर अभी तक विवाद बरकरार है। प्रदेश सरकार ने इन नियमों में बदलाव की तैयारी कर ली है।
नए नियमों के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री काउसिल के चेयरमैन होंगे तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक को रजिस्ट्रार के पद की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके अलावा काउसिल के नामजद सदस्यों में पंजाब की बजाय हरियाणा का कब्जा होगा। नर्सिंग के क्षेत्र में कम से कम 20 वर्ष का अनुभव रखने वाली नसरें को काउसिल का सदस्य नामजद किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्वीकृत सीटों के उलट हजारों विद्यार्थियों के परीक्षा देने के पीछे बड़ा स्कैंडल होने की आशंका जाहिर की है। उनके अनुसार रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य के नर्सिग कॉलेजों के लिए यदि 1800 सीटें ही स्वीकृत हैं तो इससे अधिक पर दाखिले लिए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। राज्य सरकार यह भी जांच करा रही है कि कौन से कॉलेज गैर मान्यता प्राप्त हैं अथवा किस कॉलेज ने नियमों के विपरीत जाकर मान्यता हासिल कर रखी है। ऐसे कॉलेजों पर गाज गिरनी तय है।
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