गरीबों की पढ़ाई का खर्च उठाने को मानी सरकार।

गरीबों की पढ़ाई का खर्च उठाने को मानी सरकार।
चंडीगढ़ : आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए इस बार स्वतंत्रता दिवस खास हो गया है। सड़क से अदालत तक की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार हरियाणा सरकार उनकी पढ़ाई का खर्च उठाने को तैयार हो गई है। इससे राज्य के निजी स्कूलों में
गरीब बच्चे दूसरी से आठवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा पा सकेंगे। पहली कक्षा में दाखिला शिक्षा का अधिकार कानून के तहत मिलेगा। हाईकोर्ट के बाद उच्चतम न्यायालय में भी सरकार की एक न चलने पर आखिर स्कूल शिक्षा विभाग को बुधवार देर रात ड्रॉ व दाखिला का कार्यक्रम जारी करना पड़ा। खाली सीटों के मुकाबले आवेदन कम होने पर बच्चे मनपसंद के स्कूलों में आसानी से दाखिला पा सकेंगे।
नियम-134ए के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के कोटे की ढाई लाख सीटें बनती हैं। आवेदन मात्र 80 हजार ने किया है और उसमें से भी काफी बच्चे ड्रा न निकलने के कारण स्कूलों में दाखिला चुके हैं। पहला ड्रा शुक्रवार को खंड शिक्षा स्तरीय समितियां निकालेंगी। जिला स्तरीय समितियों की इस पर पूरी निगाह रहेगी।
आदेशों की अवहेलना पर खतरे में पड़ेगी मान्यता
हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2003 के नियम 134-ए के प्रावधान व गरीब बच्चों को दाखिला देने के आदेश दरकिनार करने पर निजी स्कूलों की मान्यता खतरे में पड़ जाएगी। जिला स्तरीय समितियां अभिभावकों की शिकायत पर स्कूल शिक्षा विभाग को मान्यता रद करने की सिफारिश करेंगी।
ड्रॉ व दाखिला का कार्यक्रम
. 14 अगस्त : खंड स्तर पर पहला ड्रॉ।
. 19-20 अगस्त : पहले ड्रॉ के आधार पर दाखिला
. 24 अगस्त : खाली सीटों के लिए दूसरा ड्रॉ
. 25 अगस्त : दूसरे ड्रॉ के आधार पर दाखिला
. 27 अगस्त : खाली सीटें अगर बचने पर उनका ड्रॉ
. 28 अगस्त : तीसरे ड्रॉ के आधार पर दाखिला
. 4 सितंबर : तीसरे ड्रॉ के बावजूद खाली सीटों की जानकारी स्कूल जिला स्तरीय समितियों को देंगे।
गरीब बच्चों का हक मरने से बचाया
दो जमा पांच मुद्दे जनांदोलन के अध्यक्ष एडवोकेट सत्यवीर हुड्डा का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को उनका हक दिलाने के लिए जारी संघर्ष का परिणाम सुखद रहा है। सरकार व निजी स्कूलों की मंशा ठीक नहीं थी। अगर उचित तरीके से पैरवी नहीं की जाती तो गरीब बच्चे निशुल्क शिक्षा से वंचित रह जाते। भविष्य में निजी स्कूलों ने अगर कोई आनाकानी दाखिला देने में की तो उसके विरुद्ध भी लड़ाई लड़ेंगे।

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