साढ़े सात हजार promotion टीजीटी से पीजीटी

साइंस व गणित विषयों के बनेंगे सबसे अधिक लेक्चरर, स्कूलों में इन पदों पर न के बराबर सेवाएं दे रहे अतिथि 19


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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों के टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स) की पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स) पद पर प्रमोशन से गेस्ट लेक्चरर बेचैन हैं। एक साथ
साढ़े सात हजार टीजीटी के पीजीटी बनने से उनको अपनी नौकरी खतरे में पड़ने की चिंता सता रही है। मगर, सूत्रों की मानें तो प्रोन्नति सूची फिलहाल गेस्ट लेक्चरर के लिए खतरे की घंटी नहीं है। 1प्रोन्नति पाने वाले टीजीटी में सबसे अधिक साइंस व गणित विषयों के हैं, जबकि इन पदों पर गेस्ट लेक्चरर पहले ही स्कूलों में न के बराबर सेवारत हैं। साइंस के कुछ गेस्ट लेक्चरर जो कार्यरत हैं, वे शहरी स्कूलों में हैं, जबकि पदोन्नति पाने वाले पीजीटी को नियुक्ति ग्रामीण स्कूलों में दी जाएगी। टीजीटी की प्रमोशन 2012 के सर्विस रूल के मुताबिक होगी। इसमें पदोन्नति के लिए समान अध्यापन विषय की शर्त लगाई गई है। इससे भी टीजीटी कम संख्या में प्रोन्नत हो सकते हैं। सरकारी स्कूलों में सबसे अधिक गेस्ट हंिदूी, अंग्रेजी, इतिहास व राजनीति विज्ञान के सेवाएं दे रहे हैं। टीजीटी पदोन्नति के बावजूद अनिवार्य विषय और नौ से 12 का वर्कलोड होने के कारण हंिदूी व अंग्रेजी में कोई समस्या नहीं आएगी। इतिहास व राजनीति विज्ञान विषय के पदों पर बीते दस साल में जितनी भर्ती हुई है, उनकी दो बार प्रमोशन हो चुकी है। इन पदों की बावजूद उसके काफी पोस्ट खाली हैं। इसलिए नौकरी पर कोई संकट नहीं आएगा। 1हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक राजेंद्र शास्त्री और प्रवक्ता धर्मबीर कौशिक का कहना है कि टीजीटी प्रमोशन का भय दिखा कर कुछ स्वार्थी तत्व गेस्ट से समायोजन के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। सभी गेस्ट से अपील है कि समायोजन के नाम पर किसी भी शिक्षक नेता को कोई राशि न दें।राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों के टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स) की पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स) पद पर प्रमोशन से गेस्ट लेक्चरर बेचैन हैं। एक साथ साढ़े सात हजार टीजीटी के पीजीटी बनने से उनको अपनी नौकरी खतरे में पड़ने की चिंता सता रही है। मगर, सूत्रों की मानें तो प्रोन्नति सूची फिलहाल गेस्ट लेक्चरर के लिए खतरे की घंटी नहीं है। 1प्रोन्नति पाने वाले टीजीटी में सबसे अधिक साइंस व गणित विषयों के हैं, जबकि इन पदों पर गेस्ट लेक्चरर पहले ही स्कूलों में न के बराबर सेवारत हैं। साइंस के कुछ गेस्ट लेक्चरर जो कार्यरत हैं, वे शहरी स्कूलों में हैं, जबकि पदोन्नति पाने वाले पीजीटी को नियुक्ति ग्रामीण स्कूलों में दी जाएगी। टीजीटी की प्रमोशन 2012 के सर्विस रूल के मुताबिक होगी। इसमें पदोन्नति के लिए समान अध्यापन विषय की शर्त लगाई गई है। इससे भी टीजीटी कम संख्या में प्रोन्नत हो सकते हैं। सरकारी स्कूलों में सबसे अधिक गेस्ट हंिदूी, अंग्रेजी, इतिहास व राजनीति विज्ञान के सेवाएं दे रहे हैं। टीजीटी पदोन्नति के बावजूद अनिवार्य विषय और नौ से 12 का वर्कलोड होने के कारण हंिदूी व अंग्रेजी में कोई समस्या नहीं आएगी। इतिहास व राजनीति विज्ञान विषय के पदों पर बीते दस साल में जितनी भर्ती हुई है, उनकी दो बार प्रमोशन हो चुकी है। इन पदों की बावजूद उसके काफी पोस्ट खाली हैं। इसलिए नौकरी पर कोई संकट नहीं आएगा। 1हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक राजेंद्र शास्त्री और प्रवक्ता धर्मबीर कौशिक का कहना है कि टीजीटी प्रमोशन का भय दिखा कर कुछ स्वार्थी तत्व गेस्ट से समायोजन के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं। सभी गेस्ट से अपील है कि समायोजन के नाम पर किसी भी शिक्षक नेता को कोई राशि न दें।राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा के हंिदूी अध्यापक लेक्चरर पदोन्नति में स्कूल शिक्षा विभाग के बीएड की शर्त लगाने से सकते में हैं। सर्विस रूल 2012 के लागू होने पर इससे पहले लगे सीएंडवी शिक्षक पदोन्नति से वंचित रह जाएंगे। इसी आशंका के मद्देनजर हरियाणा राजकीय हिंदी अध्यापक संघ ने हिंदी अध्यापक बीए, प्रभाकर, ओटी हिंदी, एमए हंिदूी को वरिष्ठता के आधार पर प्राध्यापक पदोन्नत करने की मांग रखी है। संघ ने ऐलान किया है कि अध्यापक पदोन्नति से वंचित रहे तो उन्हें कड़ा कदम उठाने को विवश होना पड़ेगा। संघ के राज्य प्रधान सुशील सोनी, सचिव मदन लाल पाल व प्रवक्ता कृष्ण कुमार निनानिया ने कहा कि 2012 से पूर्व नियुक्त ¨हदी अध्यापकों पर पदोन्नति में बीएड की शर्त न थोपी जाए। ओटी संस्कृत की तर्ज पर ओटी हंिदूी को बीएड के समकक्ष मान कर प्राध्यापक पद पर पदोन्नति के साथ ही मिडिल हेड भी बनाएं। सर्विस रूल्स 2012 से विषय अनिवार्यता की शर्त न हटाई जाए। चूंकि ये शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बेहद जरूरी है। प्रदेश के मिडिल स्कूलों में हिंदी शिक्षक का पद तत्काल सृजित करें। उच्च विद्यालयों में हिंदी के शिक्षक को प्रथम पद माना जाए। प्रदेशभर के हिंदी शिक्षकों की मांगों का जायज मांग पत्र राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव व महानिदेशक को भेजा जा चुका है। कई जिलों से सीएम विंडो पर भी शिकायत दर्ज की गई है।
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