डिविजन बेंच में सुनवाई दो माह के लिए स्थगित
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हाईकोर्ट ने वर्ष 2000 में चौटाला शासनकाल के दौरान भर्ती हुए 3206 जेबीटी टीचरों के मामले में सुनवाई 3 नवंबर तक टाल दी है। नियुक्ति को खारिज करने के एकल बेंच के फैसले के खिलाफ सरकार व प्रभावित जेबीटी टीचरों ने डिविजन बेंच की शरण ली है। 1मंगलवार को जेबीटी टीचरों के वकील ने जस्टिस हेमंत गुप्ता पर आधारित डिविजन बेंच को बताया कि इस मामले में शुरू से ही प्रदेश सरकार कहती आ रही है कि उक्त टीचरों को काम करते हुए पंद्रह साल हो गए हैं। ऐसे में इनको हटाना ठीक नहीं। ऐसा समाधान निकाला जाए कि यह टीचर बेरोजगार न हों। इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने कोर्ट द्वारा हटाए गए कई कर्मचारियों को दूसरे स्थानों पर एडजस्ट किया था। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही किया जाए। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस भर्ती में धांधली हुई है। सीबीआई ने अपनी जांच में यह साबित भी कर दिया।जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हाईकोर्ट ने वर्ष 2000 में चौटाला शासनकाल के दौरान भर्ती हुए 3206 जेबीटी टीचरों के मामले में सुनवाई 3 नवंबर तक टाल दी है। नियुक्ति को खारिज करने के एकल बेंच के फैसले के खिलाफ सरकार व प्रभावित जेबीटी टीचरों ने डिविजन बेंच की शरण ली है। 1मंगलवार को जेबीटी टीचरों के वकील ने जस्टिस हेमंत गुप्ता पर आधारित डिविजन बेंच को बताया कि इस मामले में शुरू से ही प्रदेश सरकार कहती आ रही है कि उक्त टीचरों को काम करते हुए पंद्रह साल हो गए हैं। ऐसे में इनको हटाना ठीक नहीं। ऐसा समाधान निकाला जाए कि यह टीचर बेरोजगार न हों। इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने कोर्ट द्वारा हटाए गए कई कर्मचारियों को दूसरे स्थानों पर एडजस्ट किया था। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही किया जाए। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस भर्ती में धांधली हुई है। सीबीआई ने अपनी जांच में यह साबित भी कर दिया।
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जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हाईकोर्ट ने वर्ष 2000 में चौटाला शासनकाल के दौरान भर्ती हुए 3206 जेबीटी टीचरों के मामले में सुनवाई 3 नवंबर तक टाल दी है। नियुक्ति को खारिज करने के एकल बेंच के फैसले के खिलाफ सरकार व प्रभावित जेबीटी टीचरों ने डिविजन बेंच की शरण ली है। 1मंगलवार को जेबीटी टीचरों के वकील ने जस्टिस हेमंत गुप्ता पर आधारित डिविजन बेंच को बताया कि इस मामले में शुरू से ही प्रदेश सरकार कहती आ रही है कि उक्त टीचरों को काम करते हुए पंद्रह साल हो गए हैं। ऐसे में इनको हटाना ठीक नहीं। ऐसा समाधान निकाला जाए कि यह टीचर बेरोजगार न हों। इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने कोर्ट द्वारा हटाए गए कई कर्मचारियों को दूसरे स्थानों पर एडजस्ट किया था। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही किया जाए। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस भर्ती में धांधली हुई है। सीबीआई ने अपनी जांच में यह साबित भी कर दिया।जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हाईकोर्ट ने वर्ष 2000 में चौटाला शासनकाल के दौरान भर्ती हुए 3206 जेबीटी टीचरों के मामले में सुनवाई 3 नवंबर तक टाल दी है। नियुक्ति को खारिज करने के एकल बेंच के फैसले के खिलाफ सरकार व प्रभावित जेबीटी टीचरों ने डिविजन बेंच की शरण ली है। 1मंगलवार को जेबीटी टीचरों के वकील ने जस्टिस हेमंत गुप्ता पर आधारित डिविजन बेंच को बताया कि इस मामले में शुरू से ही प्रदेश सरकार कहती आ रही है कि उक्त टीचरों को काम करते हुए पंद्रह साल हो गए हैं। ऐसे में इनको हटाना ठीक नहीं। ऐसा समाधान निकाला जाए कि यह टीचर बेरोजगार न हों। इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने कोर्ट द्वारा हटाए गए कई कर्मचारियों को दूसरे स्थानों पर एडजस्ट किया था। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही किया जाए। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस भर्ती में धांधली हुई है। सीबीआई ने अपनी जांच में यह साबित भी कर दिया।
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