फर्जीवाड़े से नौकरी पायी 5 शिक्षकों को 3 साल कैद

हिसार~फर्जी विकलांगता प्रमाण-पत्र बनाकर विकलांगता कोटे पर शिक्षक भर्ती होने के करीब 12 साल पुराने मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर की अदालत ने 5 शिक्षकों को 3-3 वर्ष कैद व दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा
सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में सजा की अवधि डेढ़-डेढ़ माह अतिरिक्त रूप से बढ़ा दी जाएगी। इसी मामले में अदालत ने 3 चिकित्सकों व एक अध्यापिका को बरी कर दिया था
इस बारे में राज्य चौकसी ब्यूरो ने 10 फरवरी, 2010 को मामला दर्ज किया था। यह मामला उस वक्त काफी चर्चा में रहा और इसकी कई स्तरों पर जांच हुई। आरोप सामने आने पर इनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की गयी
उस वक्त ब्यूरो ने स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक भिवानी के डॉ. एसके आनंद, डॉ. पीके चराया, हिसार के डॉ. दयानंद बागड़ी, शिक्षकों में भिवानी के कान्हड़ा गांव निवासी बलवान, महिपाल, घटोला गांव निवासी अजय चाहर, खाबड़ा गांव निवासी शक्ति सिंह, राखी गांव निवासी राजकुमार, बिसलवास गांव निवासी अध्यापिका दर्शना के खिलाफ मामला दर्ज किया था
इन्हीं में से अदालत ने भिवानी के कान्हड़ा गांव निवासी बलवान, महिपाल, घटोला गांव निवासी अजय चाहर, खाबड़ा गांव निवासी शक्ति सिंह, राखी गांव निवासी राजकुमार शिक्षक को सजा सुनाई है। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक भिवानी के डॉ. एसके आनंद, डॉ. पीके चराया, हिसार के डॉ. दयानंद बागड़ी व बिसलवास गांव निवासी अध्यापिका दर्शना को बरी कर दिया गया है
यह था मामला
21 नवंबर, 2003 को राज्य चौकसी ब्यूरो के निदेशक ने वर्ष 2003 में हुई शिक्षकों की भर्ती में विकलांग कोटे पर फर्जी विकलांगता प्रमाण-पत्र के सहारे कई शिक्षकों के नौकरी लगने की आशंका जताते हुए जांच के आदेश दिए थे। यह फर्जीवाड़ा सबसे ज्यादा हिसार, गुड़गांव व अम्बाला मंडल में हुआ था। इसकी जांच के बाद हिसार राज्य चौकसी ब्यूरो ने 10 फरवरी, 2010 को यह मामला दर्ज किया
www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Calculate your age

Age Calculator Choose date of birth: OR enter birth details: / / Calculate Age