सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद ‘आधार’ का बढ़ रहा है वर्चस्व

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बावजूद कई क्षेत्रों में आधार संख्या का वर्चस्व तेजी से बढ़ता जा रहा है। सरकार ने पहले घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की सब्सिडी लेने के लिए आधार संख्या को ढाल बनाया और अब आयकर विभाग ने ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने में आधार संख्या रखने वाले लोगों को बहुत बड़ी सहूलियत दे दी है। ऐसे लोगों को वेरीफिकेेशन के समय लेने वाली और उबाऊ प्रक्रिया से मुक्ति मिल गई है। जिनके पास आधार संख्या नहीं है, उनके लिए अलग लेकिन लंबा रास्ता है।
उच्चतम न्यायालय ने कम से कम तीन बार अपने अंतरिम आदेश में जिक्र किया है कि किसी भी सरकारी योजना में आधार संख्या को अनिवार्य नहीं किया जाए। इसके बावजूद घरेलू रसोई गैस के सब्सिडी हस्तांतरण में आधार संख्या को एक तरह से अनिवार्य ही कर दिया गया है। ताजा मामला आयकर विभाग का है। आयकर विभाग ने चालू असेसमेंट वर्ष से पांच लाख रुपये से अधिक की सालाना आमदनी या फिर रिफंड लेने वाले करदाताओं के लिए ऑनलाइन रिटर्न फाइलिंग अनिवार्य कर दिया है। इंटरनेट पर रिटर्न दाखिल करने के बाद करदाताओं को वेरिफिकेशन फार्म (आईटीआर-वी) का प्रिंट लेकर उस पर दस्तखत कर सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर , बंगलूरू भेजना पड़ता है। इस कार्य में दो हफ्ते का वक्त लग जाता है। इस साल से आयकर विभाग ने सुविधा दी कि जिनके पास आधार संख्या होगा तो वे अपने मोबाइल के जरिए ओटीपी से वेरीफिकेशन कर सकते हैं। हालांकि आयकर विभाग के अधिकारी बताते हैं कि वेरीफिकेशन के लिए आधार संख्या अनिवार्य नहीं है। जिनके पास आधार संख्या नहीं है वे नेट बैंकिंग के जरिए ऑनलाइन वेरीफिकेशन कर सकते हैं। लेकिन अधिकतर लोग ऑनलाइन फ्राड की आशंका के चलते नेट बैंकिंग के जरिए वेरीफिकेशन करने से परहेज करते हैं। ऐसे में आधार संख्या ही एकमात्र विकल्प बचता है। यदि ये ना करें तो आईटीआर-वी का प्रिंट लेकर उसे डाक से बंगलूरू भेजें।
एलपीजी सब्सिडी के लिए शुरू की गई पहल में तो आधार नंबर नहीं देने वाले ग्राहक कुछ महीने के बाद सब्सिडी से ही वंचित हो जा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल के एक अधिकारी के मुताबिक सब्सिडी के लिए आधार संख्या तुरंत नहीं मांगा जाता है। यदि किसी के पास अभी आधार संख्या नहीं है, तो भी वे अपने एलपीजी खाते को पहल योजना के तहत बैंक खाते से जोड़ सकते हैं लेकिन उसे बाद में आधार संख्या प्राप्त कर इसे खाते से जोड़ना होगा। इसके लिए ग्राहकों को तीन महीने का ग्रेस पीरियड दिया जाता है। उस दौरान उन्हें सब्सिडी वाले दर पर ही गैस सिलेंडर मिलती रहेगी। इतने दिनों में भी यदि सभी ग्राहक अपने खाते को आधार संख्या से नहीं जोड़ते हैं तो उन्हें तीन महीने का अतिरिक्त पार्किंग पीरियड मिलेगा। इस दौरान ग्राहकों को सिलेंडर तो बाजार दर पर लेना होगा लेकिन यदि वे इस अवधि में आधार संख्या से अपने खाते को जोड़ देते हैं तो उनके खाते में सब्सिडी की रकम जमा करा दी जाएगी।
एलपीजी सब्सिडी में तो आधार संख्या के बिना कल्याण नहीं
ऑनलाइन आईटी रिटर्न में आधार वालों को भारी सहूलियत
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