जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा में हटाए गए सरप्लस अतिथि अध्यापकों ने साेमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की एकल पीठ के फैसले के खिलाफ ने खंडपीठ में अपील दायर की। जस्टिस एसके मित्तल
के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने उनको हटाए जाने के फैसले पर रोक लगाने मना कर दिया।
यह भी पढ़ें : हाई कोर्ट ने अतिथि अध्यापकोंकी पुनर्विचार याचिका की खारिज
पिछले सप्ताह एकल पीठ ने हरियाणा सरकार द्वारा हटाए गए हटाए गए 3581 सरप्लस अतिथि अध्यापकों की पुनर्विचार याचिका व अन्य अतिथि अध्यापकों द्वारा दायर नई याचिका को खारिज कर दिया था। हालांकि, एकल पीठ के सामने हरियाणा सरकार ने भी इन अतिथ्िा अध्यापकों के पक्ष में हलफनामा दिया था हरियाणा सरकार ने कहा था कि इन अध्यापकों को हटाने से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा है।
हरियाणा सरकार द्वारा कहा गया था कि कुछ स्थानों पर गेस्ट टीचरों को हटाने के बाद उनकी जगह दूसरी नियुक्ति नही हो पाई है। कुल मिलाकर सरकार ने अप्रत्यक्ष तौर पर अतिथि अध्यापकों के समर्थन में अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखा था। सरकार ने नियमित भर्ती बारे में भी अपनी योजना की कोर्ट को जानकारी दी थी।
सरकारी पक्ष के जवाब के बाद इन अतिथि अध्यापकाें में उम्मीद जगी थी कि शायद एकल पीठ अपने पहले के आदेश्ा पर पुनर्विचार कर अपने आदेश में सशोधन कर इन टीचर को हटाने के आदेश को वापस ले ले। लेकिन एकल पीठ ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
ज्ञात रहे की जस्टिस रावल की एकल पीठ ने सरकार को सरप्लस गेस्ट टीचर को हटाने के निर्देश दिए थे।इसके बाद हरियाणा सरकार ने 3581अतिथि अध्यापकों को हटा दिया था
के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने उनको हटाए जाने के फैसले पर रोक लगाने मना कर दिया।
यह भी पढ़ें : हाई कोर्ट ने अतिथि अध्यापकोंकी पुनर्विचार याचिका की खारिज
पिछले सप्ताह एकल पीठ ने हरियाणा सरकार द्वारा हटाए गए हटाए गए 3581 सरप्लस अतिथि अध्यापकों की पुनर्विचार याचिका व अन्य अतिथि अध्यापकों द्वारा दायर नई याचिका को खारिज कर दिया था। हालांकि, एकल पीठ के सामने हरियाणा सरकार ने भी इन अतिथ्िा अध्यापकों के पक्ष में हलफनामा दिया था हरियाणा सरकार ने कहा था कि इन अध्यापकों को हटाने से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा है।
हरियाणा सरकार द्वारा कहा गया था कि कुछ स्थानों पर गेस्ट टीचरों को हटाने के बाद उनकी जगह दूसरी नियुक्ति नही हो पाई है। कुल मिलाकर सरकार ने अप्रत्यक्ष तौर पर अतिथि अध्यापकों के समर्थन में अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखा था। सरकार ने नियमित भर्ती बारे में भी अपनी योजना की कोर्ट को जानकारी दी थी।
सरकारी पक्ष के जवाब के बाद इन अतिथि अध्यापकाें में उम्मीद जगी थी कि शायद एकल पीठ अपने पहले के आदेश्ा पर पुनर्विचार कर अपने आदेश में सशोधन कर इन टीचर को हटाने के आदेश को वापस ले ले। लेकिन एकल पीठ ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
ज्ञात रहे की जस्टिस रावल की एकल पीठ ने सरकार को सरप्लस गेस्ट टीचर को हटाने के निर्देश दिए थे।इसके बाद हरियाणा सरकार ने 3581अतिथि अध्यापकों को हटा दिया था
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