राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : आरआइएमटी यूनिवर्सिटी बिल 2015 को लेकर सत्ता और विपक्ष के सदस्य एक सुर में निजी विश्वविद्यालयों के विरुद्ध विधानसभा में बोले। उच्च शिक्षा मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा ने सदन को भरोसा दिलाया कि अगले सत्र तक पंजाब में चल रही प्राइवेट यूनिवर्सिटीज की कार्यप्रणाली पर नजर रखने के लिए
रेगुलेटरी कमीशन का गठन कर लिया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष सुनील जाखड़ ने रेगुलेटरी कमीशन का मुद्दा उठाया। इस पर उप मुख्यमंत्री ने 24 दिसंबर 2014 को कहा था कि कमीशन बनेगा। इस पर रखड़ा ने कहा कि विधानसभा सदस्यों द्वारा निजी विश्वविद्यालयों की मॉनिट¨रग को लेकर जाहिर की गई चिंता से वह सहमत हैं। रेगुलेटरी कमीशन के गठन का काम चल रहा है। इसमें देर हो गई, लेकिन अगले सत्र तक यह कमीशन अस्तित्व में आ जाएगा। वहीं, तमाम टिका-टिप्पणी के बावजूद आरआइएमटी यूनिवर्सिटी बिल 2015 विधानसभा से पास हो गया। इसी के साथ पंजाब में 14 निजी यूनिवर्सिटी हो गई हैं।
बिल पर चर्चा करते हुए कांग्रेस विधायक अश्विनी सेखड़ी ने कहा कि ऐसा लगने लगा है कि जैसे पंजाब में यूनिवर्सिटीज बनाने की होड़ लगी हुई है, लेकिन हैरानी की बात है कि ताजा बिल में मेडिकल एजुकेशन का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में सरकार को हर हाल में क्वालिटी सुनिश्चित करनी चाहिए। यह भी प्रावधान हो कि ऐसी निजी संस्थाओं में पंजाब के स्टूडेट्स के लिए कोटा तय हो, जबकि बलबीर सिंह सिद्धू ने शिक्षा को बिजनेस के रूप में लिए जाने पर और शिक्षा स्तर में गिरावट पर चिंता जताई।
भाजपा विधायक मनोरंजन कालिया ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों में सरकारी नियंत्रण की कमी है। इसके कारण पता नहीं चलता कि जो नियम सरकारी संस्थाओं द्वारा जारी किए गए है, निजी यूनिवर्सिटीज ने उन्हे लागू किया भी है या नहीं।
विधायक इकबाल सिंह झूंदा ने निजी यूनिवर्सिटीज में गरीब व अन्य वर्गो के लिए आरक्षण की बात कही, जबकि सीपीएस सोमप्रकाश ने बिल में विरोधाभास की बात कही। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी सेल्फ फाइनांस्ड होगी और सरकार से कोई ग्रांट नहीं ले सकेगी, जबकि दूसरी तरफ प्रावधान है कि यूजीसी व अन्य संस्थाओं से ग्रांट ले सकेगी। ऐसा क्यों है?
सीपीएस नवजोत कौर सिद्धू ने पठानकोट जिले के निजी मेडिकल कॉलेज का हवाला देते हुए कहा कि सरकारी नियंत्रण के अभाव में सरकारी नियमों का जमकर उलंघन किया गया। इसके कारण वहां के विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है, जबकि विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि जल्दबाजी में बिल को पास न किया जाए, सदस्यों द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर काम किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह यूनिवर्सिटी जिस जगह पर बन रही है वह जमीन शामलात है। इसे लेकर सरकार से केस चल रहा है। चरणचीत सिंह चन्नी ने कहा कि सरकार विद्यार्थियों की भलाई, कम फीस व रिजर्वेशन पॉलिसी को सुनिश्चित करें।
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रेगुलेटरी कमीशन का गठन कर लिया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष सुनील जाखड़ ने रेगुलेटरी कमीशन का मुद्दा उठाया। इस पर उप मुख्यमंत्री ने 24 दिसंबर 2014 को कहा था कि कमीशन बनेगा। इस पर रखड़ा ने कहा कि विधानसभा सदस्यों द्वारा निजी विश्वविद्यालयों की मॉनिट¨रग को लेकर जाहिर की गई चिंता से वह सहमत हैं। रेगुलेटरी कमीशन के गठन का काम चल रहा है। इसमें देर हो गई, लेकिन अगले सत्र तक यह कमीशन अस्तित्व में आ जाएगा। वहीं, तमाम टिका-टिप्पणी के बावजूद आरआइएमटी यूनिवर्सिटी बिल 2015 विधानसभा से पास हो गया। इसी के साथ पंजाब में 14 निजी यूनिवर्सिटी हो गई हैं।
बिल पर चर्चा करते हुए कांग्रेस विधायक अश्विनी सेखड़ी ने कहा कि ऐसा लगने लगा है कि जैसे पंजाब में यूनिवर्सिटीज बनाने की होड़ लगी हुई है, लेकिन हैरानी की बात है कि ताजा बिल में मेडिकल एजुकेशन का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में सरकार को हर हाल में क्वालिटी सुनिश्चित करनी चाहिए। यह भी प्रावधान हो कि ऐसी निजी संस्थाओं में पंजाब के स्टूडेट्स के लिए कोटा तय हो, जबकि बलबीर सिंह सिद्धू ने शिक्षा को बिजनेस के रूप में लिए जाने पर और शिक्षा स्तर में गिरावट पर चिंता जताई।
भाजपा विधायक मनोरंजन कालिया ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों में सरकारी नियंत्रण की कमी है। इसके कारण पता नहीं चलता कि जो नियम सरकारी संस्थाओं द्वारा जारी किए गए है, निजी यूनिवर्सिटीज ने उन्हे लागू किया भी है या नहीं।
विधायक इकबाल सिंह झूंदा ने निजी यूनिवर्सिटीज में गरीब व अन्य वर्गो के लिए आरक्षण की बात कही, जबकि सीपीएस सोमप्रकाश ने बिल में विरोधाभास की बात कही। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी सेल्फ फाइनांस्ड होगी और सरकार से कोई ग्रांट नहीं ले सकेगी, जबकि दूसरी तरफ प्रावधान है कि यूजीसी व अन्य संस्थाओं से ग्रांट ले सकेगी। ऐसा क्यों है?
सीपीएस नवजोत कौर सिद्धू ने पठानकोट जिले के निजी मेडिकल कॉलेज का हवाला देते हुए कहा कि सरकारी नियंत्रण के अभाव में सरकारी नियमों का जमकर उलंघन किया गया। इसके कारण वहां के विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है, जबकि विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि जल्दबाजी में बिल को पास न किया जाए, सदस्यों द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर काम किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह यूनिवर्सिटी जिस जगह पर बन रही है वह जमीन शामलात है। इसे लेकर सरकार से केस चल रहा है। चरणचीत सिंह चन्नी ने कहा कि सरकार विद्यार्थियों की भलाई, कम फीस व रिजर्वेशन पॉलिसी को सुनिश्चित करें।
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