राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अध्यापकों के प्रति जो सम्मान पहले था, उसमें कमी आई है। इससे स्कूलों में शिक्षा का स्तर भी गिरा है। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ अध्यापकों, शिक्षक संगठनों व अभिभावकों को आगे आना होगा। शिक्षा में सुधार के लिए योग्य अध्यापकों का
होना जरूरी है।उन्होंने कहा कि सरकार ने पारदर्शी अध्यापक भर्ती प्रक्रिया अपनाने का निर्णय किया है। भविष्य में अध्यापकों की जो भी भर्ती होगी वह पूर्णतया मेरिट के आधार पर होगी। मुख्यमंत्री ने हरियाणा राजकीय अध्यापक परिषद व हरियाणा शिक्षा सलाहकार समिति के प्रतिनिधियों की बैठक में कहा कि शिक्षा के स्तर पर ध्यान देना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अध्यापक-अभिभावक एसोसिएशन की बैठक को नियमित बुलाने की आवश्यकता बताई।
उन्होंने कहा कि सरकार जल्द नई शिक्षा नीति बनाने जा रही है। इसमें शिक्षाविद व अन्य विशेषज्ञों के मूल्यावान सुझावों को शामिल किया जाएगा। गीता के श्लोकों व अन्य धार्मिक ग्रंथों की शिक्षाओं के साथ-साथ योग को भी स्कूली पाठयक्रम में शामिल किया जा रहा है। वैदिक गणित को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
नई शिक्षा नीति को अमलीजामा पहनाने पर होगा मंथन
हरियाणा सरकार नई शिक्षा नीति केा लेकर शिक्षाविदों और शिक्षकों के साथ शुक्रवार को मंथन करेगी। केंद्र के सुझाव पर बनाई जा रही नई शिक्षा नीति में वर्तमान परिवेश के लिहाज से अनेक बदलाव की तैयारी है। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि सरकार स्कूली बच्चों को संस्कारी व गुणवान बनाने के उद्देश्य से ये कदम उठाने जा रही है।
शर्मा ने कहा कि अब तक उठाए गए कदमों को अमलीजामा पहनाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर पंचकूला किसान भवन में राज्य स्तरीय सलाहकार समारोह किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसमें मुख्य अतिथि होंगे। इससे पूर्व शिक्षा विभाग ग्राम स्तर पर ग्राम सभाओं, खंड व जिला स्तर पर शिक्षाविदें से नई शिक्षा नीति पर बैठकें कर सुझाव ले चुका है। राज्य स्तरीय सलाहकार समिति में शिक्षाविदों, गैर सरकारी संगठनों, अध्यापक संघों तथा स्टेक होल्डर को बुलाया गया है।
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