शिक्षा मित्रों का जगह-जगह प्रदर्शन, यूपी के ज्यादातर विद्यालय बंद

लखनऊ।इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहायक शिक्षक के पद पर समायोजन रद होने के बाद उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों ने आज भी प्रदर्शन किया। इस दौरान जुलूस, नारेबाजी, कार्य बहिष्कार, धरना, तालाबंदी
जैसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। प्रदेश के ज्यादातर प्राथमिक विद्यालय बंद है। हताशा में कुछ शिक्षामित्र आत्महत्या के प्रयास करने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि शनिवार को फैसला आने के बाद से शिक्षा मित्रों ने दो दिन तक कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया था।
इलाहाबाद के आजाद पार्क में धरना के दौरान सैकड़ों की संख्या में जुटे शिक्षा मित्रों में से एक ने आज फांसी लगा जान देने की कोशिश की। हालांकि वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़ लिया। देर तक अफरातफरी मची रही। कोरांव ब्लाक में तैनात प्रकाश (४०) नाम का शिक्षा मित्र उरुवा ब्लाक का रहने वाला है। उसकी हालत ठीक है। सूचना मिलते ही कई थाने की फोर्स मौके पर पहुंच गई। इसके कुछ देर बाद शिक्षा मित्रों की रैली आजाद पार्क से कलेक्ट्रेट की तरफ बढ़ गई। अब सभी शासन को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपेंगे।

पीएमओ कार्यालय से धरना स्थगित
प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय पर जुटे हजारों शिक्षामित्रों को जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया कि उन्हें प्रधानमंत्री से मिलवाया जाएगा। वह अपनी बात प्रधानमंत्री के समक्ष रख सकेंगे। प्रशासन के इस आश्वासन के बाद शिक्षामित्रों ने धरना स्थगित कर दिया। इससे पूर्व आदर्श शिक्षामित्र संघ प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में प्रदर्शन करने के लिए रवींद्रपुरी स्थित कीनाराम समाधि स्थल पर जुटकर यहां से जुलूस निकाल कर प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पहुंचे थे। करीब दो घंटे तक प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद करते रहे। दूसरी तरफ शिक्षामित्रों की बढ़ती भीड़ को देखते प्रशासन के पसीने छूटने लगे। शायद यही वजह रही कि दोपहर में एडीएम सिटी विंध्यासिनी राय व सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे व शिक्षामित्रों से बातचीत की। शिक्षामित्रों का कहना था कि प्रशासन ने आश्वासन दिया कि उन्हें प्रधानमंत्री से मिलवाने की पूरी कोशिश की जाएगी। प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय से शिक्षामित्रों ने धरना जरूर स्थगित किया लेकिन कहा कि शिक्षामित्रों का आंदोलन जारी रहेगा।लालगंज बीआरसी पर भी शिक्षा मित्रों ने प्रदर्शन के दौरान कार्यालय पर ताला जड़ दिया है। साथ ही रामपुर व संग्राम गढ़ बीआरसी पर धरना जारी है। शिक्षा मित्रों ने शिक्षण कार्य का पूरी तरह से बहिष्कार कर रखा है। सूबे के अधिकांश प्राथमिक स्कूलों में ताला बंद है। शिक्षा मित्र ब्लॉक रिसोर्स सेंटर और जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे है। लखनऊ के स्कूलों में शिक्षा मित्र काली पट्टी बांधकर कार्य स्थल पर डटे हुए हैं।
बलिया के शिक्षामित्रों ने मांगी इच्छामृत्यु

शिक्षामित्र प्रदर्शन के कारण बलिया के प्राथमिक स्कूलों के ताले नहीं खुले। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन हुआ तथा कलेक्ट्रेट तक मार्च भी। राष्ट्रपति व राज्यपाल को ज्ञापन देकर इच्छामृत्यु मांगी गई। ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि सिटी मजिस्ट्रेट बच्चालाल मौर्य ने लिया। दो दिवसीय कार्य बहिष्कार के क्रम में बर्खास्त शिक्षकों ने पहले अपने अपने विद्यालय में तालाबंदी की तथा फिर बीएसए कार्यालय पर इकट्ठा हुए। बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन के दौरान बर्खास्त शिक्षकों ने हाईकोर्ट के निर्णय को असंवैधानिक बताया। निर्धारित कार्यक्रम में १६ सितंबर को सभी बीआरसी पर कार्यक्रम होंगे, दस सदस्यों द्वारा भ्रमण किया जाएगा। १७ सितंबर को संघर्ष समिति की बैठक होगी और रणनीति बनाई जाएगी। १८ सितंबर को बनारस जाकर मोदी घेरो कार्यक्रम होगा। १९ सितंबर को सुबह आठ बजे से दस बजे तक शिक्षण कार्य होगा तथा १०:३० से प्रत्येक बीआरसी पर प्रदर्शन होगा।

संकट टाल देगा यह संशोधन
प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में बर्खास्त शिक्षकों ने मांग की है कि यदि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की अधिसूचना २३ अगस्त २०१० के पैरा चार में संशोधन कर दिया जाए तो एक लाख ७५ हजार का जीवन संकट से उबर सकता है। संशोधन की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे अप्रशिक्षित शिक्षक जैसे शिक्षामित्र जिसकी नियुक्ति सर्वशिक्षा अभियान के तहत संविदा पर की गई हो जो एक्ट के लागू होने के पहले से कार्यरत हैं उन्हें राष्ट्रीय अध्यापक परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त दो वर्षीय प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में द्विवर्षीय डिप्लोमा प्राप्त करना होगा। उन्हें अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता नहीं होगी।

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