कहीं रिजल्ट रिवाइज का डर तो किसी का चयन से बाहर होने का खतरा, कंप्यूटर-हार्ड डिस्क लैब से जांचने के आदेश
जेबीटी भर्ती -हुड्डासरकार में चयनित हुए 9455 जेबीटी के पदों की जांच चली हुई है। हाईकोर्ट ने एमए-2 अंक वाले मामले में कंप्यूटर-हार्ड डिस्क चंडीगढ़ लैब से जांचने के आदेश दिए हैं, ताकि मामला पूरी तरह से स्पष्ट हो सके न्याय
मिल सके। जेबीटी भर्ती अब इस मोड़ पर चुकी है कि चंडीगढ़ से आने वाली कंप्यूटर-हार्ड डिस्क जांच रिपोर्ट पर बहुत कुछ निर्भर करता है। जिसके कारण चौतरफा डर संशय का माहौल बना हुआ है। केवल चयनित जेबीटी बल्कि डर उन अफसरों के लिए भी है जिन्होंने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर भर्ती को सही ठहराया और ज्वानिंग कराने की अनुमति मांगी थी। अगर एमए 2 केस में याचिका कर्ता सही निकले कंप्यूटर हार्ड डिस्क में छेड़छाड़ मिली तो भर्ती से जुड़ी पांच कैटेगरी प्रभावित होंगी।वेटिंग वालों को भी सता रहा है डर
सारेमामले सबसे अधिक डर 9455 चयनित जेबीटी में उन चयनित को है जिनका नाम वेटिंग में आया हुआ है, इसमें एमए को छोड़ बाकी सभी वेटिंग में आए चयनित को डर है कि अगर रिजल्ट रिवाइज होने के आदेश जारी हुए तो सबसे पहले बाहर होने का नंबर उन्हीं का लगेगा।
{अफसरों की कार्यशैली पर भी खड़े हो सकते हैं सवाल : अगरजांच के दौरान पाया गया कि सरकारी अधिकारियों ने वाक्य में एमए दो नंबर लगाने के लिए कंप्यूटर से छेड़छाड़ की है और हाईकोर्ट में हलफनामा दिया है कि यह तकनीकी फाल्ट था तो उन अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
{गेस्ट अध्यापकोंका संशय : जेबीटीके पद पर गेस्ट टीचर के रूप में सेवाएं दे रहे अध्यापकों को पता है कि इस भर्ती में चयनित की ज्वाइनिंग होते ही सरकार उनकी छुट्टी कर सकती है, इसलिए उनके मन में इस भर्ती को लेकर संशय बरकरार है।
{ओएसपी एक्ससर्विस मैन कैटेगरी के चयनित :जिन चयनित उम्मीदवारों का चयन मूल कैटेगरी में होकर आउट सैटिंग पोस्टों पर हुआ है, उन पर भी खतरा मंडरा सकता है। जिससे इस कैटेगरी के चयनितों में भी संशय बना हुआ है।
{लो मेरिटमें संशय : जिनजेबीटी चयनित अध्यापकों की लो मेरिट है, और एम.ए के दो अंक जुड़े तो लिस्ट दोबारा से तैयार हो सकती है ऐसे में जिनकी लो मैरिट है वे चयन सूची से बाहर हो सकते हैं।
{बीए प्लस टू पास को संशय : हार्डडिस्क में छेड़छाड़ मिली और ये साबित हो गया कि पिछली सरकार के अफसरों ने जेबीटी भर्ती में एमए, एमफिल पीएचडी करने वालों के अंक नहीं लगाए थे। तो एमए की योग्यता रखने वालों के दो अंक बढ़ाए जा सकते हैं। जिससे केवल बीए प्लस-टू की योग्यता रखने वालों को रिजल्ट रिवाइज होने का खतरा बढ़ जाएगा। कंप्यूटर-हार्ड डिस्क की जांच हो चुकी है, रिपोर्ट कोर्ट में भी जमा हो चुकी है।
^प्रदेश सरकार किसी भी बेरोजगार के साथ अन्याय नहीं होने देगी और ही किसी अपात्र को चयनित होने देगी। जांच के बाद जो सही उम्मीदवार होंगे कोर्ट के आदेशों के मुताबिक उन्हें ज्वाइनिंग कराई जाएगी। प्रदेश सरकार बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के प्रति बेहद संजीदा है।'' कविताजैन, कैबिनेट मंत्री हरियाणा सरकार।
इस जेबीटी भर्ती में जो चयनित उम्मीदवार एमए पास हैं और उनका चयन 9455 जेबीटी में हुआ है, फोरेंसिक लैब में अंगूठों के मिलान में वे खरे उतरे हैं। ऐसे उम्मीदवारों को परेशानी अधिक झेलनी पड़ रही है, क्योंकि एमए दो नंबर केस से इन उम्मीदवारों को कोई खास फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि अगर फाल्ट मिला तो 2 नंबर इन्हें भी मिलेंगे। ऐसे में ये उम्मीदवार रिजल्ट रिवाइज होने पर भी सूची से बाहर नहीं होंगे।
{हो चुकी है हार्ड-डिस्क कंप्यूटंर की जांच, हाई कोर्ट में होनी है सुनवाई
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